राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बाद जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
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Jaipur: राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बाद जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. सांसद राठौर ने कहा कि किसानों की जमीन की नीलामी चल रही है और राज्य सरकार सो रही है.
एक साल पहले बैंकों की बैठक में मुख्यमंत्री को बता दिया था कि वन टाइम सैटेलमेंट से किसानों का मामला खत्म हो सकता है, लेकिन अशोक गहलोत किसानों पर ध्यान देने के बजाए सत्ता में बने रहना चाहते हैं. इनको किसी से मतलब नहीं है. राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि सभी मंत्रियों के लिए दस करोड़ की एसयूवी आ रही है, लेकिन किसानों का कर्ज चुकता नहीं किया जा रहा है.बजट में राहत को लेकर सांसद राठौर ने कहा कि राज्य से कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनों की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश के हर वर्ग की मजबूती के लिए अच्छा बजट लेकर आएंगे.
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सरकार पर धोखा देने का आरोप
सांसद राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि सरकार के पास पूरी लिस्ट है कि कितनें बैंकों का बकाया है. एक लाख 30 हजार किसानों का एनपीए हो गया है. सरकार ने वन टाइम सेटेलमेंट को नहीं कबूला. कुछ हजार करोड़ में मामला खत्म हो जाता. इधर तीन साल में सत्ता चलाने का ढंग देख लो, जो भी मामला आए उसे केंद्र के पाले में डाल दो. राठौर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में क्यों रखा ? सही-सही बताते कि इतने किसानों का कर्ज माफ करेंगे, नाटकीय ढंग से कहा कि दस दिन में कर्ज माफ कर देंगे. यह किसानों को धोखा देने वाली सरकार है। राठौर ने कहा कि मुसीबत हर सरकार के सामने है, लेकिन समस्याओं का समाधान करना सरकार का फर्ज है,
एफआईआर वाली सरकार
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि अपराध चुनाव में भले ही मुद्दा नहीं बनें, लेकिन राजस्थान महिला उत्पीड़न में नम्बर वन है, दलित अपराधों के मामले में नम्बर वन है, सरकार एफआईआर कर दी कहकर इतिश्री कर रही है. क्या यह एफआईआर सरकार है. महिलाओं दलितों का किसानों का क्या हाल है, सरकार की गैर जिम्मेदाराना हरकते हैं.