Jaipur: पांच सौ वर्ष का कलंक मिटा, भारत में रामराज की स्थापना हो गई- शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती
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Jaipur: पांच सौ वर्ष का कलंक मिटा, भारत में रामराज की स्थापना हो गई- शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती

Jaipur News: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी रहे शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने जयपुर के प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के दर्शन किए.

Shankaracharya Vasudevananda Saraswati

Jaipur News: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी रहे शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने जयपुर के प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा से मिलकर मोती डूंगरी गणेश जी का आशीर्वाद लिया. मंदिर में दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा की, आज सपना साकार हो गया हैं. भगवान श्री रामलला के  दर्शनों के लिए प्रतिदिन लाखों भक्त  अयोध्या पहुंच रहे हैं.जो त्रेता युग में हुआ.वह 22 जनवरी 2024 को भी हुआ.जब प्रधानमंत्री मोदी के जरिए भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए.

.वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा की, भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सर संघचालक मोहन भागवत सहित प्रमुख अतिथियों को अंगूठी पहनाकर उनका सम्मान किया गया था. पूरा देश श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति और निर्माण के लिए सदियों से संघर्ष करता रहा है. मंदिर बन जाने के बाद मैं अभिभूत और आनंदित.गौरवान्वित हूं और नि:शब्द भी.सदियों का संकल्प सिद्ध हो गया.पांच सौ वर्ष का कलंक मिट गया. मेरा रोम-रोम राममय है.भारत में रामराज की स्थापना हो गई हैं.हमारा सपना साकार हो गया हैं. प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए शब्द साथ नहीं दे रहे हैं.सिर्फ हृदय को उसकी आत्मीय अनुभूति हो रही है.

श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए उनका त्याग और संघर्ष आंखों के सामने आ गया.मैंने सबके साथ कारसेवा व समय-समय पर हुए संघर्षों में हिस्सा लिया था.देशभर के संतों और सनातनियों को एकजुट करने की मुहिम में यह सभी मेरे साथ रहे.यह विभूतियां आज होती तो खुशी और बढ़ जा. पर मुझे विश्वास है कि वह परलोक से नई अयोध्या का दृश्य देखकर प्रसन्न हो रहे होंगे. उन्हें खुशी हो रही होगी कि उनका सपना साकार हो गया हैं. उन्होने कहा की श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की तरह श्रीकृष्ण जन्म भूमि और बाबा विश्वनाथ को भी मुक्त देखना चाहता हूं. अयोध्या की तरह जीते जी काशी, मथुरा के मंदिरों को भी देखना चाहता हूं.

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