Jaipur : पाकिस्तानी होने का कलंक हटा! 14 विस्थापित बने हिंदुस्तानी तो आंख से छलक पड़े आंसू
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Jaipur : पाकिस्तानी होने का कलंक हटा! 14 विस्थापित बने हिंदुस्तानी तो आंख से छलक पड़े आंसू

Jaipur News : 14 पाक विस्थापित अब भारतीय,कलेक्टर ने दिया नागरिकता प्रमाण पत्र, भारतीय नागरिकता मिलने के बाद बोले-आज हमारी दिवाली, चेहरे पर सुकून के भाव,माहौल में उल्लास के रंग, लंबे अरसे से दिल में दबे दर्द को आज मरहम मिला, कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने दिया भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र

Jaipur : पाकिस्तानी होने का कलंक हटा! 14 विस्थापित बने हिंदुस्तानी तो आंख से छलक पड़े आंसू

Jaipur News : दिल तो पहले से ही हिंदुस्तानी था लेकिन आज 'प्रमाण' भी मिल गया. भारतीय नागरिक बनने के लिए बरसों से इंतजार कर रहे 14 लोगों के मन की मुराद आखिरकार आज पूरी हो गई. भारतीय नागरिकता मिलने पर पाक विस्थापितों के चेहरे खिल उठे. आंखों में खुशियों के आंसू लिए भारत माता की जयकारे लगने लगे. भारत माता की जय. और वंदे मातरम का उद्घोष कलेक्ट्रेट में सुनाई देने लगा. कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित से भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट मिलने के बाद कहा कि अब पाकिस्तानी होने का कलंक आज मिट गया हैं.

उनके चेहरे पर सुकून के भाव तो माहौल में उल्लास के रंग बिखरे नजर आए. लंबे अरसे से दिल में दबे दर्द को आज मरहम मिला. बच्चों के भविष्य को लेकर असमंजस में ये लोग आज गर्व की अनुभूति कर रहे थे. मौका था पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का. भारतीय पहचान मिलने के बाद कहा की उनके लिए आज का दिन दीवाली की तरह है. जब उन्हें इतनी बड़ी खुशी मिली. एक कागज ने उनके जीवन में खुशियों के पिटारे का रास्ता दिखा दिया है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने तीन दंपत्ति सहित , दो भाई बहन, देवरानी और जेठानी सहित 14 पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता प्रदान की. नागरिकता पाने वाले विस्थापितों के चेहरे खिल गए और उन्होंने जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रमाण पत्र प्राप्त होने की खुशी जाहिर की. उन्होने कहा की 5 जुलाई यानि बुधवार का दिन बड़ी खुशी लेकर आया.

भारतीय नागरिकता मिलने से पहले घर पर बोलकर आए थे पाक विस्थापित जा रहे हैं लेकिन 'इंडियन' बनकर लौटेंगे और आज गर्व से कहेंगे हम इंडियन हैं. हमें सारी मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. 10 साल लोगों की नजरों की तिरछी नजरों का सामने करने के बाद आखिरकार उन्हें भी भारतीय नागरिक कहलाने का गौरव मिल ही गया. जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित और एडीएम साउथ अबूब्रक ने 14पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपकर बधाई दी और कहा कि जिला प्रशासन सदैव उनके हितार्थ कार्य करने के लिए तत्पर है. देश की नागरिकता मिलने से अब उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से पाक विस्थापितों की मदद के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने इस दिन को यादगार बताते हुए जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न स्तर पर की जा रही मदद के बारे में भी जानकारी दी.

जयपुर जिला कलक्ट्रेट में बुधवार को 82 वर्षीय नानक राम की आंखें उस वक्त छलक आई, जब कई सालों के इंतजार के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. विस्थापितों में तीन दंपत्ति, दो भाई-बहन और देवरानी-जेठानी सहित 14 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया. विस्थापितों में कमल कुमार (52) और उनकी पत्नी सुनीता (49), नानक राम (82) और उनकी पत्नी सती बाई (71), पुत्र महेश (51), नख्ता राम (65) और उनकी पत्नी साईबी देवी (63), मीरूराम के पुत्र नरेश (16) और पुत्री रिमशा (18), बालम राम की 14 साल की बेटी रविना और 18 साल के बेटे रोवि कुमार को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया.

देवरानी हेमलता शर्मा और जेठानी मीना को भी भारतीय होने का गर्व हैं. वहीं पृथ्वीराज (41) पुत्र शोकर मल का भी भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट मिलने के साथ खुशी का ठिकाना नही रहा. विस्थापितों ने कहा की लंबे इंतजार के बाद अब नागरिकता प्रमाण पत्र मिल जाने पर उन्हें पूरा विश्वास है कि बच्चों को एक नागरिक के रूप में मिलने वाले सारे अधिकार और यहां की सुरक्षित आबोहवा में देश के संस्कार दे सकेंगे. पृथ्वीराज ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. नागरिकता का प्रमाण नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पा रहा था लेकिन अब भारतीय नागरिकता मिलने के बाद ना केवल उन्हें पहचान मिली है बल्कि अब सरकारी योजनाओं की मदद से वे अपने परिवार का भरण पोषण बेहतर तरीके से कर पाएंगे.

बहरहाल, सालों से नागरिकता का सपना संजोए इन परिवारों की खुशी ऐसी कि किसी की आंखों से आंसू छलक पड़े तो कोई एक दूसरे के गले लगकर भावुक हो गया. कोई बेटी को नागरिकता मिलने की खुशी में उसे दुलार करने लगा. हर जुबां पर एक ही बात थी कि उन्हें अब पाकिस्तान से मिली आजादी के मायने महसूस हुए हैं. इसी से उल्लासित होकर भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे लगाने लगे. विस्थापितों ने कहा आज यूं लग रहा है मानों पुनर्जन्म हुआ हो.

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