जयपुर: सफाई के साथ नगर निगम ग्रेटर की होगी कमाई, खर्च और वसूली को लेकर रिपोर्ट तैयार
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जयपुर: सफाई के साथ नगर निगम ग्रेटर की होगी कमाई, खर्च और वसूली को लेकर रिपोर्ट तैयार

Jaipur: जयपुर नगर निगम ग्रेटर डोर टू डोर कचरा संग्रहण का पैसा अब जयपुराइट्स से वसूलने की प्लानिंग कर रहा हैं. नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों की और यूजर चार्ज वसूली और कचरा संग्रहण पर खर्च की रिपोर्ट तैयार करवाई गई हैं.

खर्च और वसूली को लेकर रिपोर्ट तैयार

Jaipur: जयपुर नगर निगम ग्रेटर डोर टू डोर कचरा संग्रहण का पैसा अब जयपुराइट्स से वसूलने की प्लानिंग कर रहा हैं. नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों की और यूजर चार्ज वसूली और कचरा संग्रहण पर खर्च की रिपोर्ट तैयार करवाई गई हैं, जिसमें नगर निगम प्रशासन कचरा संग्रहण बेहतर तरीके से करने के साथ खजाना भी भर सकेगा, लेकिन इसके लिए सही तरीके से जिम्मेदारों को धरातल पर काम करना होगा.

जयपुर नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र के सात जोनों में से दो जोन मुरलीपुरा और मालवीय नगर जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम हो रहा हैं. शेष पांच जोनों में कचरा संग्रहण के टेंडर नहीं होने के चलते अपने स्तर पर कचरा संग्रहण करवा रहा हैं. मुरलीपुरा और मालवीय नगर जोन में हर घर पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड लगाने का काम भी अंतिम स्तर पर हैं. इस काम को पूरा होने के साथ ही नगर निगम प्रशासन कचरा संग्रहण का पैसा यूजर चार्ज के रूप में वसूलने की प्रकिया शुरू कर देगा, क्योंकि यूजर चार्ज में नगर निगम प्रशासन ने जो रिपोर्ट तैयार करवाई है, उसमें फायदा हो रहा हैं. 

नगर निगम ग्रेटर के आयुक्त महेन्द्र सोनी के मुताबिक वर्तमान में दो जोनों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम कर रही कंपनी को 110 रूपये प्रति हाउस होल्ड का भुगतान किया जा रहा हैं. इस हिसाब से इन पर निगम हर महीने 1.62 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. यदि यूजर चार्ज वसूला जाएगा तो प्लान के मुताबिक निगम को 1.73 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.

सोनी ने बताया कि यानी योजना को सही तरह से जिम्मेदारों ने धरातल पर लागू कर दिया, तो निगम सीमा क्षेत्र से कचरा संग्रहण भी बेहतर तरीके से हो सकेगा और निगम को राजस्व भी आएगा. सोनी ने बताया कि राज्य सरकार ने यूजर चार्ज को लेकर वर्ष 2015 में आदेश जारी किया था और उसके अनुसार शहरवासियों से कचरा संग्रहण के बदले वसूली की जानी है, लेकिन कचरा संग्रहण व्यवस्था दुरुस्त न हो पाने की वजह से निगम यूजर चार्ज वसूल का निर्णय नहीं ले पाया. अभी निगम प्रशासन झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, जगतपुरा, मानसरोवर और सांगानेर जोन में कचरा संग्रहण व्यवस्था को निजी हाथों में देगा और उसके बाद इस व्यवस्था को लागू करेगा.

यूं समझे यूजर चार्ज से इनकम
मालवीय नगर जोन-कुल 84 हजार सम्पत्तियों को निगम ने चिन्हित किया है. इसमें से 10 हजार सम्पत्ति व्यावसायिक हैं. प्रति माह औसतन 250 रूपये यूजर चार्ज लेने पर यह आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच जाएगा. शेष 74 हजार सम्पत्तियों से 100 रूपये औसतन लिए जाएंगे, तो 74 लाख प्रति माह वसूले जाएंगे. कुल 99 लाख रूपये इस जोन से हाउसहोल्ड से इनकम होगी. मुरलीपुरा जोन- इस जोन में सर्वे में 64 हजार सम्पत्तियों को चिन्हित की गई हैं. इनमें से 8 हजार कॉमर्शियल हैं. 250 के हिसाब से 20 लाख प्रति माह यूजर चार्ज मिलेगा. शेष 54 हजार सम्पत्तियों से 100 रूपये प्रति माह के हिसाब से औसतन वसूली की जाएगी तो यह आंकड़ा 54 लाख तक पहुंच जाएगा.

नगर निगम ग्रेटर आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया कि शेष पांच जोन झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, जगतपुरा, मानसरोवर और सांगानेर जोन में भी सफाई व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा. वर्तमान में इन पांच जोनों में नगर निगम अपने स्तर पर कचरा संग्रहण का काम करवा रहा हैं. कचरा संग्रहण की व्यवस्था के लिए हूपर के लिए नए टेंडर किए गए हैं, जिसमें 1200 किलो के नए कचरा संग्रहण के लिए हूपर लिए जाएंगे.

सोनी ने बताया कि हाउस होल्ड के बाहर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड लगने से फायदा होगा. एक तो यह पता चल सकेगा कि कचरा संग्रहण घर-घर हुआ या नहीं. यदि जिस हाउस होल्ड से कचरा संग्रहण नहीं होगा, उसके बदले कंपनी पर पांच रूपये प्रति हाउस होल्ड पेनल्टी लगाई जाएगी. रोजाना कचरा उठाने के लिए गाड़ी आने से पहले मोबाईल पर पांच मिनट पहले मैसेज आएगा, जिसके बाद कचरा कलेक्ट होने के बाद रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड स्वाइप किया जाएगा, जितने घरों से कचरा उठाया जाएगा, उसी के अनुसार कचरा कलेक्ट करने वाली कम्पनी को भुगतान किया जाएगा.

सोनी ने बताया कि प्राथमिकता कचरा संग्रहण दुरुस्त करने की है. दो जोन में व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है. वहां अभी और सुधार की गुंजाइश है. शेष जोन में भी इसी तरह की व्यवस्था करेंगे, अभी इन जोन में अस्थाई रूप से कचरा संग्रहण करवाया जा रहा है, यहां भी व्यवस्था दुरुस्त होने के बाद यूजर चार्ज लिया जाएगा. निगम के पास आय के सीमित संसाधन हैं बाकी शहरों में भी यूजर चार्ज लोगों से लिया जाता है.

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बीवीजी कंपनी को हटाने के बाद नगर निगम ग्रेटर में सफाई व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं. जोनवाइज डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए टेंडर भी किए जा रहे हैं, लेकिन नियम-शर्तों के फेर में कोई फर्म रूचि नहीं दिखा रही हैं. अब तक सिर्फ सात में से दो जोन में कचरा संग्रहण का टेंडर हो पाया हैं. अब नगर निगम चाहता है कि जल्द से जल्द सभी जोनों में कचरा संग्रहण के टेंडर होने साथ ही यूजर चार्ज वसूलने का काम हो और जिससे सफाई बेहतर होने के साथ निगम पर भी बोझ कम होगा.

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