Janmashtami 2024: गोविंददेव मंदिर में हवाई गर्जना के बीच होगा कृष्ण जन्म, जन्माष्टमी तैयारी हुई पूरी
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Janmashtami 2024: गोविंददेव मंदिर में हवाई गर्जना के बीच होगा कृष्ण जन्म, जन्माष्टमी तैयारी हुई पूरी

Janmashtami 2024: कान्हा के स्वागत में छोटीकाशी ने पलक पांवड़े बिछा दिए है. सभी कृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उल्लास के साथ मनाई जाएगी. गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है.

Janmashtami 2024: गोविंददेव मंदिर में हवाई गर्जना के बीच होगा कृष्ण जन्म, जन्माष्टमी तैयारी हुई पूरी

Janmashtami 2024: कान्हा के स्वागत में छोटीकाशी ने पूरी तरह से तैयार है. सभी कृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उल्लास के साथ मनाई जाएगी. आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर तो नंदलाला के आने की खुशी में नंदगांव बना हुआ है. बांदरवाल और झंडों के कारण मंदिर नंदगांव की तरह सजा हुआ है. पूरा परिसर रंग-बिरंगी रोशनी से चमक रहा है.

छोटीकाशी उत्सव को तैयार

छोटीकाशी में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उल्लास छाया हुआ है. भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा. नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल के जयघोष चहुं ओर सुनाई देंगे. जैसे ही घड़ी की सुइयां रात 12 बजे के आंकड़े को छुएंगी कृष्ण मंदिर घंटे-घड़ियाल और शंख ध्वनि से गूंज उठेंगे. शहर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर , गोपीनाथजी, राधा दामोदरजी मंदिर, इस्कॉन मंदिर और कृष्ण बलराम मंदिर में विशेष रंग-बिरंगी लाइटों, बांदरवालों और फूल मालाओं से सजावट की गई है.

जन्माष्टमी पर बना विशेष योग-संयोग 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष योग-संयोग है. खास बात यह है कि इस बार जो जन्माष्टमी आई है,  उस दिन वैसे ही योग-संयोग बन रहे हैं, जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय बन रहे थे. द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ, तब 6 विशेष संयोग बने थे. जबकि इस बार जन्माष्टमी को उनमें से 4 योग आ रहे हैं. भगवान कृष्ण का अवतरण भाद्र कृष्ण पक्ष रात्रि 12 बजे अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा में हुआ था.

बधाइयां गूंज उठेगी

कान्हा का जैसे ही जन्म होगा..बधाइयां गूंज उठेगी.....मंदिरों में श्री कृष्ण का वैदिक मंत्रों से जन्माभिषेक किया जाएगा...भक्तों को परेशानी न हो इसके लिए लाइन बनाने, बैरिकेडिंग की जा रही है. आराध्य गोविंददेव जी मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर के मुख्य द्वार और निकास कुआं द्वार पर शहनाई वादन के साथ ही सुबह मंगला झांकी से पहले पंचामृत अभिषेक होगा. महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र और विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे.

विशेष फूलों से होगा श्रृंगार

ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का श्रृंगार किया जाएगा. पोशाक पीली रेशमी कपड़े में बनाई जा रही है. जयपुर के कारीगरों द्वारा 2 महीने में तैयार की गई पोशाक में राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है. पोशाक में ठाकुर श्रीजी के बाल गोपाल स्वरूप के दर्शन होंगे. कृष्ण जन्माष्टमी को सुबह मंगला झांकी से ही दर्शन शुरू होंगे. उधर नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में दोपहर 12 बजे चरणाभिषेक होंगे. दर्शन और लड्डूओं की झांकी दोपहर एक बजे से सजेगी. चौड़ा रास्ता स्थित राधादामोदर जी मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में भगवान का बालस्वरूप होने के चलते दोपहर 12 बजे भगवान का पंचामृत जन्माभिषेक होगा.

यह रहेगा झांकियों का समय

26 अगस्त को मंगला आरती सुबह 4.30 से 6.45 तक.  
धूप आरती सुबह 7.30 से सुबह 9.30 तक.  
शृंगार आरती सुबह 9.45 से सुबह 11.30 तक.
राजभोग आरती सुबह 11.45 से 1.30 बजे तक.
ग्वाल आरती शाम 4 से 6.30 बजे तक.
संध्या आरती शाम 6.45 से 8.30 बजे तक.
शयन आरती रात 9.15 से 10.30 बजे तक.

27 अगस्त की मंगला आरती 26 अगस्त को रात 11 से 11.15 बजे तक होगी. इसी दिन रात 12 से 12.30 बजे तक तिथि पूजा और अभिषेक होगा.

27 अगस्त को शाम साढ़े चार बजे नगर भ्रमण पर निकलेंगे. लवाजमे के साथ शोभायात्रा में 22 झांकियों होंगी शामिल.

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