लालसोट उपखंड के करणपुरा ग्राम से ढाई साल पूर्व रोजगार दिलाने के नाम पर ले जाए गए युवक बुद्धि प्रकाश मीणा लापता होने और बरामद किए जाने की मांग को लेकर 69 दिन से उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर लगातार चल रहा धरना स्थगित.
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Lalsot: राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट उपखंड के करणपुरा ग्राम से ढाई साल पूर्व रोजगार दिलाने के नाम पर ले जाए गए युवक बुद्धि प्रकाश मीणा लापता होने और बरामद किए जाने की मांग को लेकर 69 दिन से उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर लगातार चल रहा धरना पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन को 2 माह की मोहलत देते हुए स्थगित किए जाने की घोषणा की गई है.
कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा धरने पर बैठने की चेतावनी
मौके पर पहुंचे पुलिस उप अधीक्षक शंकर लाल मीणा और उपखंड अधिकारी सरिता मल्होत्रा ने धरने पर बैठे लापता युवक बुद्धि प्रकाश मीणा के पिता मीठा लाल मीणा, मां और पत्नी सहित अन्य लोगों की समझाइश की उन्होंने कहा कि कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है ऊपर से कोरोना की मार है ऐसी स्थिति में धरना छोड़कर अपने घर जाने का आग्रह किया. समझाइश के बाद लापता युवक के परिजनों ने 2 माह के लिए धरना स्थगित किए जाने की घोषणा की है. साथ ही चेतावनी दी कि 2 माह में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की तो मजबूर होकर उन लोगों को फिर से धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा.
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पीड़ित के परिजनों ने की यह मांग
वहीं भाजपा नेता रामविलास मीणा डूंगरपुर, मुकेश रामगढ़, पूर्व आईएएस ब्रजमोहन मीणा ने कहा कि प्रशासन ने 2 माह में लापता युवक को तलाश कर बरामद किए जाने के मामले में गंभीरता के साथ कार्रवाई करने और जो भी हालात होंगे उन से पीड़ित परिवार को जानकारी देने का आश्वासन दिया है जिनके आश्वासन पर धरना 2 माह के लिए स्थगित किया गया है. रामविलास मीणा डूंगरपुर ने कहा कि कार्रवाई नहीं होने की दशा में 2 माह बाद फिर से धरना प्रदर्शन की नई रणनीति बनाई जाएगी. वही पीड़ित के परिजनों ने वृद्धावस्था पेंशन दिलाने और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की है जिस पर उपखंड अधिकारी सरिता मल्होत्रा ने कहा कि नियमानुसार पात्रता होने की स्थिति में योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.
लालसोट के इतिहास में सबसे लंबा धरना
पिछले 69 दिन से मांग को लेकर उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना जारी था. लालसोट के इतिहास में यह सबसे लंबा धरना था. मगर 69 दिन बाद भी धरने पर बैठे परिजनों को बगैर कोई सफलता हासिल हुए ठंड और कोरोना के कारण धरना स्थगित करना पड़ा. पुलिस उप अधीक्षक शंकर लाल मीणा ने बताया कि धरने पर बैठे लापता युवक के परिजनों को पुलिस सुरक्षा में उनके घर पर पहुंचाने की कार्रवाई की गई है.
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मामले ने पकडा था राजनीतिक तूल
गौरतलब है कि युवक के लापता होने के बाद पीड़ित द्वारा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. मंत्री परसादी लाल मीणा से भी पीड़ित द्वारा गुहार की गई. मगर पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाया और शिविर से धक्का देकर बाहर निकालने का भी पीड़ित ने मंत्री पर आरोप लगाया. हालांकि मंत्री ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए मामले पर राजनीति किए जाने की बात कही थी. मामले को राजनीतिक तूल पकड़ने पर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने पीड़ित के पक्ष में आकर न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया था जिसके तहत उन्होंने धरने पर बैठे परिजनों से बात कर 11 नवंबर को पुलिस से बात कर फाइल री ओपन कराई और सुनवाई नहीं होने पर उनकी अगुवाई में सैकडों की भीड के साथ मंत्री परसादी लाल मीणा के बंगले पर 19 नवंबर को घेराव कर प्रदर्शन किया और 18 दिसंबर को लालसोट पुलिस थाने पर प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की.
मां ने की बुद्धि प्रकाश की पहचान
पिछले 69 दिनों से उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर पीड़ित परिवार और समर्थक धरने पर बने रहे. 10 जनवरी को रामगढ़ के बिडोली के पास अर्ध विक्षिप्त स्थिति में एक युवक मिला इसकी शक्ल बुद्धि प्रकाश से मेल खाती है. धरनार्थियों को सूचना दी गई और धरने पर बैठे लापता युवक बुद्धि प्रकाश की मां ने उसके शरीर पर लगे निशानों को देखकर निशानदेही करते हुए बुद्धि प्रकाश के रूप में पहचान की. मगर पुलिस द्वारा पुख्ता पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवा कर निर्णय की जानकारी दिए जाने का फैसला लिया गया. मगर 11 तारीख को लापता युवक द्वारा अपना नाम बुद्धि प्रकाश होना नहीं बताया जिसके कारण उसे अपने घर बस्सी में भेजा गया.
Report: LAXMI AVATAR SHARMA