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जयपुर: अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने डरा-धमका कर दस लाख रुपए की वसूली करने के मामले में वकील गोवर्धन सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इससे पहले गत चार जून को निचली अदालत ने भी गोवर्धन की जमानत अर्जी को खारिज किया था. अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कई मुकदमें लंबित हैं. अधिवक्ता से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह स्वयं आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे. ऐसे में अपराधी के पूर्ववर्ती चरित्र को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
बॉडी- जमानत अर्जी में कहा गया कि उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया है. परिवादी ने घटना के कई सालों बाद मामला दर्ज कराया है. प्रार्थी पेशे से अधिवक्ता है और उसने परिवादी के भाई के खिलाफ विरोधी पक्ष की ओर से पैरवी की थी. इसके चलते उसे बदनीयती से फंसाया जा रहा है. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक अनिल चौधरी ने कहा कि गोवर्धन ङ्क्षसह आदतन अपराधी है.
गोवर्धन ने परिवादी को इतना अधिक धमकाया कि वह उसके खिलाफ कार्रवाई करने से घबरा रहा था. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाए.गौरतलब है कि वैशाली नगर थाना पुलिस ने गत छह मई को गोवर्धन सिंह व एक अन्य के खिलाफ रुपए हड़पने का मामला दर्ज किया था. सबसे पहले गोवर्धन सिंह को महिला आरपीएस अधिकारी से अभद्रता से जुडे मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद गोवर्धन व अन्य के खिलाफ विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.
Reporter- mahesh pareek