खनिज पट्टों के मंशा पत्र अब 68 महीने के लिए, लोगों को मिलेगी राहत
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खनिज पट्टों के मंशा पत्र अब 68 महीने के लिए, लोगों को मिलेगी राहत

 राज्य सरकार ने खनिज पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है. इस सम्बंध में खान विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. 

फाइल फोटो

Jaipur: राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने खनिज पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है. इस सम्बंध में खान विभाग (Mines Department) की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इससे देवली, राजसमंद, नाथद्वारा में बजरी  मंशा पत्रों की वैधता की राह प्रशस्त हो गई है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बजरी की शेष लीजों की पर्यावरण स्वीकृति मिलने के साथ ही खनन पट्टे जारी कर खनन कार्य शुरू करवाया जा सकेगा. 

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अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व उर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि  राज्य सरकार ने वर्तमान परिस्थितियों और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों के परिपेक्ष्य में जनहित में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 के नियम 5(4) में संशोधन कर वैधता अवधि को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है. इससे नियम 1986 के तहत जारी मंशा पत्रों की बैधता 1 नवंबर, 22 तक हो जाएगी.  एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शीघ्र ही ईसी जारी करने हेतु 12 नवंबर को पत्र लिखा गया है. इनकी ईसी  मिलते ही खनन पट्टे जारी कर बजरी खनन शुरू करवाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में विभाग द्वारा नदी के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले खातेदारी भूमि में स्वीकृत बजरी खनन के सभी 171 पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं और ई रवन्ना बंद कर दिया गया है. अब इन खनन पट्टा क्षेत्रों में किसी प्रकार का खनन नहीं हो सकेगा और बजरी खनन पाए जाने पर उसे अवैध खनन मानते हुए नियमानुसार सख्त कार्यवाही के निर्देश सभी संबंधित खनि अभियंताओं को दे दिए गए हैं.

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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह ट्रांजिट अवधि है और ऐसे में अधिकारियों को बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण की निगरानी रखने और अवैध गतिविधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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