ब्रिटेन: लिज ट्रस बनीं नई प्रधानमंत्री, भारतीय मूल के ऋषि सुनक को इतने मतों से दी मात
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ब्रिटेन: लिज ट्रस बनीं नई प्रधानमंत्री, भारतीय मूल के ऋषि सुनक को इतने मतों से दी मात

ब्रिटेन में लंबी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद लिज ट्रस प्रधानमंत्री बन गई हैं. ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं. लिज ट्रस को 81, 326 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी ऋषि सुनक को 60, 399 वोट प्राप्त हुए.

ब्रिटेन: लिज ट्रस बनीं नई प्रधानमंत्री, भारतीय मूल के ऋषि सुनक को इतने मतों से दी मात

लंदन/ जयपुर: ब्रिटेन में लंबी राजनीतिक उथल-पुथल के बाद लिज ट्रस प्रधानमंत्री बन गई हैं. ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं. लिज ट्रस को 81, 326 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी ऋषि सुनक को 60, 399 वोट प्राप्त हुए. पहले पांच राउंड के मुकाबले में ऋषि सुनक को भारी बढ़त हासिल थी, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों की अंतिम वोटिंग के दौरान लिज ट्रस ने जीत हासिल की है. 7 सितंबर को लिज ट्रस बतौर प्रधानमंत्री की शपथ लेंगी.

लिज़ ट्रस को गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी की नेता और ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिया गया. प्रधानमंत्री चुनाव की जीत के बाद ट्रस ने अपने प्रतिद्वंदी ऋषि सुनक को धन्यवाद दिया. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भी आभार जताया. ट्रस ने सुनक को कड़े मुकाबले से हराया है. 

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ऋषि सुनक से कांटे की टक्कर

पांच राउंड के मुकाबले में ऋषि सुनक को भारी बढ़त हासिल थी, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों की अंतिम वोटिंग के दौरान लिज ट्रस ने जीत हासिल की है. इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने खुलकर लिज ट्रस का समर्थन किया था. लिज ट्रस बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी. ट्रस का राजनीतिक सफर ब्रिटेन की कांस्लर के तौर पर शुरू हुआ है. फिर वह ब्रिटेन की रिप्रजेंटिटिव बनीं.

लिज ट्रस को इन चुनौतियों से निपटना होगा

ट्रस ऐसे समय में ब्रिटेन की सत्ता संभालने जा रही हैं, जब देश में औद्योगिक अशांति, मंदी, बेरोजगारी समेत पार्टी के भीतर अंतर्कलह को दूर करना होगा. प्रधानमंत्री बनने के बाद ट्रेस के सामने मंदी से निकालने और कॉस्ट ऑफ लिविंग के संकट से उबारने जैसी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, चुनाव अभियान के दौरान ट्रस ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई ऐसी घोषणाएं नहीं की है, जिससे देश की इकनॉमी अच्छी हो जाए. लिज ट्रस को इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई अहम फैसले लेने होंगे.

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