इस साल इन राशियों को मालामाल करेगी यह नवरात्रि, प्रॉपर्टी समेत कारोबारियों की भी चमकेगी किस्मत
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1140570

इस साल इन राशियों को मालामाल करेगी यह नवरात्रि, प्रॉपर्टी समेत कारोबारियों की भी चमकेगी किस्मत

मां का आगमन अश्व पर होने के साथ ही नवसंवत्सर का नाम नल रहने से प्रदेश और देश में बारिश के योग बनेंगे. नवसंवत्सर के राजा शनि और मंत्री देवगुरु बृहस्पति होंगे.

चैत्र नवरात्रि पूजा.

Jaipur: रेवती नक्षत्र, मीन लग्न और तीन राजयोगों के शुभ संयोगों में हिंदू नवसंवत्सर 2079 के साथ चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से होगी. दो साल बाद भक्तों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. कोरोना के चलते बीते साल भी भक्ता माता के दर्शन नहीं कर सके थे. इस साल भक्त दर्शनों के साथ ही प्रसाद आदि चढ़ा सकेंगे.

ज्योतिषविदों के मुताबिक, मां का आगमन अश्व पर होने के साथ ही नवसंवत्सर का नाम नल रहने से प्रदेश और देश में बारिश के योग बनेंगे. नवसंवत्सर के राजा शनि और मंत्री देवगुरु बृहस्पति होंगे. शिला माता मंदिर पुजारी पं.बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि मंदिर में नवरात्रि स्थापना सुबह 8.05 बजे से होगी.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को मिला बाजार, कोरोना के बाद मिला यह अवसर

वहीं, मंदिर आम भक्तों के लिए सुबह 9.05 बजे के बाद खुलेगा. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, तिथि की घट-बढ़ नहीं होने से नवरात्रि का पर्व भी पूरे नौ दिन का रहेगा. शास्त्री ने बताया कि अखंड नवरात्रि पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा. नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु उच्च राशि में रहेंगे. वहीं, शनि खुद की ही राशि मकर में होगा. नव वर्ष के सूर्योदय कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है. ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 22 मार्च 459 को यह स्थिति बनी थी. नवरात्रि में खरीदारी लेन-देन निवेश और नए कामों की शुरुआत शुभ रहेगी. इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा. देश के लिए सुख-समृद्धि के साथ आर्थिक मजबूती और व्यापार बढ़ाने वाला रहेगा. 

रेवती नक्षत्र और बुध से बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा. प्रॉपर्टी के कारोबार में तेजी आएगी. बृहस्पति के कारण खरीदारी से सुख-समृद्धि बढ़ेगी. नए संवत्सर में ग्रहों की खगोलीय मंत्री परिषद के 10 विभागों में राजा और मंत्री सहित पांच विभाग पाप ग्रहों के पास और 5 शुभ ग्रहों के पास रहेंगे.  

इस वर्ष राजा-शनि, मंत्री गुरु, सस्पेश सूर्य, दुर्गेश बुध, धनेश-शनि, रसेश मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश मेघेश-बुध होंगे. इस बार नल नामक संवत्सर रहेगा. नवरात्रि में देवी का आवाहन घटस्थापना प्रातः काल करना श्रेष्ठ बताया है लेकिन चित्रा नक्षत्र, वैधृति योग में घटस्थापना वर्जित मानी गई है. विक्रम संवत 2079 सूर्योदय 6:21 पर होगा और 8:30 बजे वैधृति योग आने के कारण सूर्योदय 6:21 से 6:56 बजे तक द्वि स्वभाव मीन लग्न में स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त है. 

इसके अतिरिक्त शुभ चौघड़िया में 7.53 से 8:30 बजे तक घट स्थापना का मुहूर्त है. गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में सुबह 6:31 पर घटस्थापना की जाएगी. रघुनाथ जी को पंचांग पूजा के उपरांत नव संवत्सर का पंचांग पढ़कर सुनाया जाएगा. सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज दरीबा पान में शनिवार को नवसंवत्सर के मौके पर महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम होगा. इस दौरान आचार्य महाप्रभु स्वामी श्याम चरण दास के लीला चरित्र और बधाईयों का गायन सुबह 9 बजे से होगा. इस दौरान पंचाग पूजन कर ठाकुर जी को श्रवण करवाया जाएगा. 

Trending news