आबकारी बंदोबस्त रहा विफल, खाली रही शराब की दुकानों का फिर होगा ऑक्शन
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आबकारी बंदोबस्त रहा विफल, खाली रही शराब की दुकानों का फिर होगा ऑक्शन

आबकारी बंदोबस्त पूरी तरीके से फेल होने के चलते आज से 58 फीसदी शराब की दुकानों की शटर डाउन है. राजस्थान में शराब के वर्तमान में 7664 ठेकों के लाइसेंस सरकार देती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: आबकारी बंदोबस्त पूरी तरीके से फेल होने के चलते आज से 58 फीसदी शराब की दुकानों की शटर डाउन है. राजस्थान में शराब के वर्तमान में 7664 ठेकों के लाइसेंस सरकार देती है.

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नये फाइनेंशियल ईयर यानी एक अप्रैल से इनके लाइसेंस वेलिड होते हैं और नये सिरे से शराब की दुकान खुलती है. राज्य में आज 1 अप्रैल से 58 फीसदी यानी करीब 4483 शराब के ठेके नहीं खुले क्योंकि इन ठेकों का ना तो लाइसेंस रिन्यू करवाया और ना ही ऑनलाइन नीलामी में किसी ने लिया. सरकार ने पुराने ठेकेदारों को ये ऑप्शन दिया था कि अगले 2 साल के लिए उनके ठेकों का लाइसेंस रिन्यू कर देंगे, लेकिन 5164 दुकानदारों ने लाइसेंस दोबारा रिन्यू नहीं करवाया.

आबकारी विभाग ने लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के बाद 5164 दुकानों को 22 से 30 मार्च तक नीलामी के जरिए बेचने का निर्णय किया. इसके लिए ऑनलाइन बोली लगाई गई, लेकिन इसमें भी केवल 680 दुकाने ही बोली में लोगों ने खरीदी. आबकारी कमीश्नर चेतनराम देवड़ा ने बताया कि जिन दुकानों का ऑक्शन नहीं हुआ है, उन्हें अप्रैल में फिर से ऑनलाइन ऑक्शन लगाकर बेचने का प्रयास किया जाएगा.

शराब विक्रेताओं से संबंधित संगठन राज लिकर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष निलेश मेवाड़ा की माने तो सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है, उसके कारण दुकान नहीं लेना चाह रहे. इसके कारण ही अधिकांश ठेकेदारों को घाटा उठाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि ठेकेदारों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी शराब की दुकानें रेवेन्यू के नजरिए से अहम डिपार्टमेंट है. सरकार ने इस साल 2022-23 में शराब बेचने, लाइसेंस फीस समेत अन्य पेटे से 15 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू का टारगेट रखा है. ऐसे में शराब के ठेके अगर खाली रहे तो इसका नुकसान सरकार के कोष पर भी पड़ सकता है.

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