मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की कार्ययोजना के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त कर दिया गया है.मानवरहित समपार फाटकों को मानवसहित करना, मानवरहित समपार फाटकों को सबवे, सीमित ऊचाई के पुल और सडक के ऊपरी पुल बनाकर बन्द करने के कार्य किए गए हैं. व
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Jaipur: राजधानी जयपुर में रेलवे की ओर से संरक्षा पहली प्राथमिकता होती है. संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कार्य किए जा रहें हैं जिससे रेल संचालन को संरक्षित व सुगम बनाया जा सकें.रेलवे में नई तकनीक का उपयोग, सिगनल प्रणाली का अपग्रेडेशन, ट्रेक अनुरक्षण, ट्रेक नवीनीकरण, संरक्षा जागरूकता और मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पिछले सालों से कई प्रयास किए गए हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक विजय शर्मा के दिशा निर्देश में उत्तर पश्चिम रेलवे पर संरक्षा को पहली प्राथमिकता देते कार्य किए जा रहे हैं.
संरक्षा में रेलवे की कार्य प्रणाली
जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली की स्थापना के तहत वर्ष 2021-22 में 30 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली उपलब्ध करवाई गई वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेजपर स्थित 98% से अधिक स्टेशनों पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली स्थापित की जा चुकी है.इसके अतिरिक्त समपार फाटकों पर संरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 532 समपार फाटक को इंटरलॉक किया जा चुका है. इसके साथ ही उत्तर पश्चिम रेलवे पर 436 करोड़ की लागत से 1586 किलोमीटर रेलमार्ग पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिये सैद्वान्तिक मंजूरी दी गई है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर ‘कवच’ प्रणाली रेवाड़ी-पालनपुर वाया जयपुर, जयपुर-सवाई माधोपुर, उदयपुर-चित्तौड़गढ़, फुलेरा-जोधपुर-मारवाड़ एवं लूनी-भीलड़ी रेलखंड पर स्वीकृत की गई है. इस प्रणाली के स्थापित होने से रेल संचालन की संरक्षा में वृद्वि होगी.
मानवरहित समपार फाटक सहित दुर्घटनाओं में कमी आई
मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की कार्ययोजना के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त कर दिया गया है.मानवरहित समपार फाटकों को मानवसहित करना, मानवरहित समपार फाटकों को सबवे, सीमित ऊचाई के पुल और सडक के ऊपरी पुल बनाकर बन्द करने के कार्य किए गए हैं. वर्ष 2014 से अब तक 61 रोड ओवर ब्रिज और 683 रोड अण्डर ब्रिज का निर्माण किया जा चुका है जिसके कारण सड़क उपयोगकर्ताओं की नासमझी से होने वाली दुर्घनाओं में कमी आई हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 184 किलोमीटर मार्ग का ट्रेक नवीनीकरण भी किया गया है. संरक्षा के लिये इस वर्ष प्रस्तुत बजट में 1100 करोड़ रूपये से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें संरक्षा के ट्रैक नवीनीकरण के लिये 495 करोड़, रेलवे समपारों पर रोड ओवर ब्रिज और रोड अण्डर ब्रिज के लिये 480 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान है. वर्ष 2021-22 में उत्तर पश्चिम रेलवे पर मात्र 2 दुर्घटनाएं दर्ज की गई है जो संरक्षा के प्रति सक्रियता को बताते हैं.उत्तर पश्चिम रेलवे पर संरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों को देखते हुये राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह 2021 में उत्तर पश्चिम रेलवे को संरक्षा शील्ड देकर सम्मानित किया गया था.