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Train Genral Ticket: ये खबर उन रेल यात्रियों के लिए है, जो रोजाना नजदीकी शहरों से जयपुर रोजगार या पढ़ाई के सिलसिले में यात्रा करते हैं. बगैर रिजर्वेशन के साधारण श्रेणी की टिकट लेकर साधारण श्रेणी के डिब्बे में सफर करने वाले यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दरअसल रेलवे प्रशासन ने अब ट्रेनों में साधारण श्रेणी के कोच बढ़ाना लगभग बंद कर दिया है. अस्थाई रूप से बढ़ाए जाने वाले कोच ज्यादातर एसी श्रेणी के ही होते हैं. इससे अब साधारण श्रेणी के यात्रियों के लिए दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे इन दिनों ज्यादातर ट्रेनों में बढ़ते हुए यात्रीभार को देखते हुए सैकंड क्लास और थर्ड एसी श्रेणी के डिब्बों की बढ़ोतरी कर रहा है. कई ट्रेनों में स्लीपर क्लास के कोच भी जोड़े जाते हैं. लेकिन साधारण श्रेणी के डिब्बों में लगातार कमी आ रही है. इससे पहले यात्रियों की तादाद को देखते हुए रेलवे साधारण श्रेणी के डिब्बों में बढ़ोतरी करता था, लेकिन अब साधारण श्रेणी के डिब्बों में इजाफा नहीं हो रहा है. इस बदलाव की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी उन यात्रियों को हो रही है, जो दैनिक यात्री हैं. यानी बिना रिजर्वेशन के साधारण श्रेणी में सफर करते हैं. ऐसे यात्री दौसा, बांदीकुई, सीकर, रींगस, फुलेरा, अजमेर किशनगढ़ आदि नजदीकी शहरों में रहते हैं और लगभग रोजाना या सप्ताह में 3 से 5 दिन ट्रेन से आवागमन करते हैं. साधारण श्रेणी के कोच कम होने और यात्रियों की संख्या अधिक होने के चलते इन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है.
पिछले दिनों रेलवे प्रशासन ने 27 जोड़ी ट्रेनों में अस्थाई रूप से दिसंबर माह के लिए 50 कोच की बढ़ोतरी की थी, लेकिन इनमें साधारण श्रेणी के कोच केवल इक्का-दुक्का ट्रेनों में ही बढ़ाए गए. इस बारे में रेलवे यूनियन भी चिंतित हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा कि एसी श्रेणी के कोच बढ़ाने से रेलवे की आमदनी तो बढ़ जाएगी, लेकिन दूरगामी आर्थिक नुकसान होगा. क्योंकि ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है और इनमें से ज्यादातर यात्री साधारण कोच में ही सफर करते हैं. माथुर का कहना है कि हो सकता है आने वाले समय में स्लीपर कोच भी हटाए जाएं. इससे रेलयात्री दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरफ शिफ्ट हो जाएंगे और रेलवे को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा.
ट्रेनों में साधारण श्रेणी के डिब्बों में कमी को लेकर उत्तर-पश्चिम रेलवे कोई संतुष्टिजनक कदम नहीं उठा रहा है. मजदूर वर्ग से लेकर वो लोग जिन्हें रिजर्वेशन के जरिए कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता. ऐसे सभी यात्री साधारण श्रेणी के डिब्बों की तरफ रुख करते हैं. ऐसे में जनरल कोच नहीं होने पर यात्री ट्रेनों से दूर हो सकते हैं.