PHED ने JJM भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, सांसद के खत के बाद क्या अब ईडी खोलेंगी फाइलें?
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PHED ने JJM भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, सांसद के खत के बाद क्या अब ईडी खोलेंगी फाइलें?

 राजस्थान के जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट दबाने की कोशिश के बाद अब मामला ईडी तक पहुंच गया है.

PHED ने JJM भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी, सांसद के खत के बाद क्या अब ईडी खोलेंगी फाइलें?

जयपुर: राजस्थान के जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट दबाने की कोशिश के बाद अब मामला ईडी तक पहुंच गया है. अलवर सांसद बाबा बालकनाथ के खत के बाद पाइप घोटाले को जांच नहीं हुई तो उन्होंने ईडी का खत लिखकर पीएचईडी में हलचल तेज कर दी.बीजेपी सांसद ने ईडी निदेशक को पत्र लिखकर 1800 करोड के घोटाले की जांच के लिए कहा है.

ईडी के खत इंजीनियर्स की धड़कने तेज

केंद्र सरकार की हर घर तक पानी पहुंचाने वाला मिशन जल जीवन मिशन में पीएचईडी की मुश्किलें लगातार बढती जा रही है. मिशन में घटियां पाइप के इस्तेमाल की जांच जब जलदाय विभाग ने नहीं की तो मामला ईडी तक पहुंच गया. सांसद बाबा बालकनाथ ने प्रवर्तन निदेशालय को खत लिखकर अलवर पीएचईडी के इंजीनियर्स की धड़कने तेज कर दी है, क्योंकि पीएचईडी की जांच कमेटी गठित होने के बाद भी अलवर के जिम्मेदारी इंजीनियर अब तक रिपोर्ट नहीं सौंप रहे.

अलवर एनसीआर के अधीक्षण अभियंता केसी मीना को जांच करवाकर रिपोर्ट एडिशनल चीफ इंजीनियर पीसी मिढा को सौपनी थी, जबकि जल जीवन चीफ इंजीनियर आरके मीना बार-बार रिपोर्ट मांग चुके हैं. सांसद की शिकायत के बाद में xen नरेंद्र प्रसाद गुप्ता को अलवर ग्रामीण से हटाया था. सांसद के खत के बाद में चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप कुमार गौड ने 2 पाइप कंपनियों को डिबार करते हुए 43 कंपनियों से पाइप खरीदने के आदेश दिए थे.

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नोटिस थमाकर 43 कंपनियों पर छापे मारे

एक महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आने वाले अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने कहा कि पीएचईडी अलवर के अधिकारी जांच रिपोर्ट दबाकर बैठे हैं. श्रीराम लैब के पाइप सैंपल अब तक नहीं भेजे गए हैं. जांच अब दब जाएगी, लेकिन भविष्य में जरूर उजागर होगी. सांसद बाबा बालकनाथ ने जल जीवन मिशन में 1800 करोड़ के भ्रष्टाचार की आशंका जताई है.

एमपी ने ईडी को खत में लिखा है कि 43 पाइप खरीद करने वाली कंपनियों को नोटिस थमाकर ढाई साल के बिल मांगे जाए. बिल नहीं देने पर कंपनियों पर तत्काल छापा मारकर कार्रवाई हो. इसके अलावा पीएचईडी को भी अल्प समय का नोटिस देकर पिछले ढाई साल में इन पाइप कंपनियों ने कहां कहां सप्लाई किया है,उसका डेटा मांगा जाए.यदि विभाग सूचना देने में आनाकानी करे या देरी करे तो प्रदेश के खंड दफ्तरों में एजी के सहयोग से छापे मारकर रिकॉर्ड जब्त किए जाए.वहीं जीएसटी विभाग से कपंनियों की रिर्टन चैक करवाएं.

लाइसेंस निरस्त होसांसद 

सांसद ने ईडी निदेशक को खत लिखकर कहा है कि यदि जांच में 43 पाइप कंपनियों के डेटा में हैराफेरी सामने आए तो उनके खिलाफ बीआईएस एक्ट 2016 के तहत घटिया मैटेरियल देने,लोगो का बीआईएस के प्रति विश्वास तोडने पर मुकदमा दर्ज हो.इसके साथ ही फैक्ट्रियों को सीलबंद कर बीआईएस लाईसेंस निरस्त किए जाए.पेयजल के माध्यम से जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करने पर फूड सेफ्टी एक्ट के तहत गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज हो.इसके अलावा राजस्व चोरी का मुकदमा भी दर्ज किया जाए.

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