फुलेरा: शिक्षक के तबादले के विरोध में उतरे विद्यार्थी, प्रथम टेस्ट को बहिष्कार करने की दी चेतावनी
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फुलेरा: शिक्षक के तबादले के विरोध में उतरे विद्यार्थी, प्रथम टेस्ट को बहिष्कार करने की दी चेतावनी

 तबादले से नाराज विद्यार्थियों में स्कूल के बाद धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. विद्यार्थियों ने शिक्षक का तबादला निरस्त करने की मांग की है.

फुलेरा: शिक्षक के तबादले के विरोध में उतरे विद्यार्थी, प्रथम टेस्ट को बहिष्कार करने की दी चेतावनी

Phulera: रेनवाल स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के तबादले के विरोध में विद्यार्थी उतर आए हैं. तबादले से नाराज विद्यार्थियों में स्कूल के बाद धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. विद्यार्थियों ने शिक्षक का तबादला निरस्त करने की मांग की है. विद्यार्थियों ने मांग पूरी नहीं होने पर प्रथम टेस्ट के बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. 

बता दे कि यहां कार्यरत अंग्रेजी विषय के शिक्षक नेमीचंद वर्मा का दो दिन पहले तबादला कर दिया गया. इसकी जानकारी मिलने पर विद्यार्थियों में रोष व्याप्त हो गया. विद्यार्थियों का कहना है कि शिक्षक के तबादले से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. 

कस्बे की राजकीय मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी उच्च माध्यमिक विद्यालय में अंग्रेजी विषय के अध्यापक का अन्यत्र तबादला हो जाने के विरोध में विद्यार्थियों ने स्कूल के सामने जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने अपनी मांगे मनवाने को लेकर स्कूल भवन के मुख्य द्वार के सामने झमाझम बारिश के बीच भी प्रदर्शन करते रहे. 

उनका कहना था कि उनके विद्यालय में कार्यरत अंग्रेजी विषय के अध्यापक नेमीचंद वर्मा को अनंतपुरा स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है और उनके स्थान पर हाल ही में नांदरी स्कूल से स्थानांतरित होकर आई शिक्षिका सुम्मी पारीक को लगाया गया है. विद्यार्थियों को जब वर्मा के स्थानांतरण करने का पता चला तो वे सुबह स्कूल खुलने के साथ ही स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर जमा होने लग गए.

इस दौरान उनके अभिभावक भी धरना प्रदर्शन में मौजूद रहे. अभिभावकों का भी आरोप था कि शिक्षा विभाग द्वारा अंग्रेजी विषय के अध्यापक का तबादला कर देने से बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी. विरोध-प्रदर्शन की सूचना पर स्थानीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे, और उनकी मांग चार दिन में पूरी करने का आश्वासन देकर विद्यार्थियों और अभिभावकों को शांत करके धरना प्रदर्शन हटवाया.

गौरतलब हैं कि नांदरी स्कूल में कार्यरत शिक्षिका सुम्मी पारीक को हटाने के लिए स्कूल के विद्यार्थियों ने 5 दिन तक लगातार धरना प्रदर्शन किया था. इसके बाद मंत्री के निर्देश पर विभाग द्वारा उस अध्यापिका का ट्राइंगल तरीके से तबादला किया गया. निकटवर्ती अनतपुरा गांव में कार्यरत अध्यापक भागचंद कुमावत को प्रतापपुरा नांदरी, किशनगढ़ रेनवाल में कार्यरत अध्यापक नेमीचंद वर्मा को अनतपुरा एवं प्रतापपुरा नांदरी में कार्यरत अध्यापिका सुम्मी पारीक को किशनगढ़ रेनवाल में पदस्थापित का आदेश कर दिया गया. 

इस सूचना के बाद सोमवार को अध्यापिका के किशनगढ़ रेनवाल के एम. आर.एस. उच्च माध्यमिक विद्यालय में पद ग्रहण करने आने एवं अध्यापक नेमीचंद वर्मा के यहां से जाने की सूचना पर विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर विद्यालय के बाहर गेट के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना दे दिया. विद्यार्थियों के साथ मौजूद अभिभावकों ने अध्यापक नेमीचंद वर्मा को यथावत रखने की मांग की.

इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष अमित कुमार ओसवाल एवं निकटवर्ती मलिकपुर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मौके पर पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थी और अभिभावक अपनी मांग पर अड़े रहे. हालांकि सीबीईओ गिरधर शर्मा को भी इस प्रकरण की सूचना थी, लेकिन वे इस दौरान यहां मौजूद नहीं थे. इसके बाद पालिकाध्यक्ष ओसवाल ने शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक जयपुर से इस मामले में बातचीत की. इसके बाद विद्यार्थियों की मांगों को पूरा करने की लिए चार दिन का समय मांगा गया, जिस पर विद्यार्थी और अभिभावक सहमत हुए, जिसके बाद तीन घंटे से जारी धरना हटा लिया गया. धरने के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने को लेकर पुलिस भी मौजूद रही. 

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गिरधर शर्मा, सीबीईओ, किशनगढ़ रेनवाल अधिकारी का कहना है कि मैं नगर पालिका में ग्रामीण खेलों को लेकर आयोजित मीटिंग में था, मुझे मामले की पूरी जानकारी नहीं है. इस संबंध में प्रधानाध्यापक को ज्यादा जानकारी है. गिरधर शर्मा, सीबीईओ, किशनगढ़ रेनवाल ने कहा कि समझाइश के बाद विद्यार्थी मान गए थे, इसके बाद सभी कक्षाओं में चले गए. मैंने प्रकरण की पूरी जानकारी सीबीईओ महोदय को दे दी है. 

डॉक्टर कैलाश शर्मा, अध्यापिका के पिता का कहना है कि मेरी पुत्री का प्रतापपुरा नांदरी में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा है. अध्यापन कार्य में कोई कमी नहीं है. हालांकि मेरी पुत्री अन्यत्र स्कूल में जाने के लिए सहमत है. जनप्रतिनिधि का कहना है कि विद्यार्थियों की मांग को लेकर मैंने विभागीय उच्चाधिकारियों से बातचीत की है. अधिकारियों ने मांगों को मानने के लिए चार दिन का समय मांगा है. 

Reporter- Amit Yadav 

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