राजस्थान के किसान बलकौर सिंह ढिल्लों ने भी अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई को अपने गांव हरिपुरा आने का न्यौता दिया. तो फरीद ने पूछा क्या गुजरात में सूरत का हरिपुरा गांव? तो ढिल्लों ने उन्हें राजस्थान के हरीपुरा गांव के बारे में बताया.
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ये वो लाइनें हैं, जो शायद हर राजस्थान वासी के दिलों-जुबां पर रटी होंगी. हों भी क्यों न...जिसकी धरती से न जानें कितनी ही वीरांगनाओं और प्रतापी राजाओं ने जन्म लिया... एक ऐसा राज्य जिसके किसी भी जिले में निकल जाओ, वहां पर कोई न कोई शौर्यगाथा खुद की खासियत बेहद ही तेज के साथ कह रही होती है.
कुछ ऐसी ही कहानियों संग चर्चा में आ गया है राजस्थान का हरीपुरा गांव. उससे भी ज्यादा खास बात यह है कि यह गांव वहां के उस साधारण किसान के चलते सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया, जिसका खुद पीएम मोदी ने अपने ट्विटर पर ट्वीट में जिक्र किया.
दरअसल, डॉक्टर्स डे पर अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने एक भारतीय डॉक्टर का जिक्र करते हुए हिंदी भाषा में खूबसूरती के साथ यह बताया कि डॉक्टर ने उनसे कंसल्टेशन फीस नहीं ली क्योंकि वह अफगानी राजदूत थे. बस इसके बाद उनका ट्वीट सोशल मीडिया में काफी वायरल हो गया. अन्य भारतीय लोग उन्हें अपने गांव/शहर आने का न्यौता देने लगे.
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राजस्थानी किसान ने दिया न्यौता
इतने में राजस्थान के किसान बलकौर सिंह ढिल्लों ने भी अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई को अपने गांव हरिपुरा आने का न्यौता दिया. तो फरीद ने पूछा क्या गुजरात में सूरत का हरिपुरा गांव? तो ढिल्लों ने उन्हें राजस्थान के हरीपुरा गांव के बारे में बताया.
पीएम ने ऐसे बना दिया किसान का दिन
जब राजदूत फरीद ने 'क्या गुजरात में सूरत का हरिपुरा गांव' पूछा तो देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान बलकौर ढिल्लों के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा कि 'आप बलकौर के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी जाइए, वो भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए है. मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना अनुभव आपने जो शेयर किया है, वो भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की खुशबू की एक महक है.
किसान बलकौर सिंह ढिल्लों की खुशी का नहीं रहा ठिकाना
वहीं, पीएम मोदी के इस ट्वीट का पता जैसे ही किसान बलकौर सिंह ढिल्लों को पता चला, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जहां एक तरफ देश भर में किसानों के मुद्दे ने तूल पकड़ी हुई है, वहीं, पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में एक किसान पुत्र का जिक्र करके न केवल उनके मान को बढ़ाया, बल्कि जो लोग राजस्थान के हरिपुरा गांव के बारे में नहीं पता था, उन्हें भी इसके बारे में पता चल गया. चारों तरफ से किसान ढिल्लों की बधाइयां मिलने लगी. सबने उनसे कहा कि आपने न केवल किसानों का सम्मान बढ़ाया है बल्कि पूरे राजस्थान को एक नई पहचान दिलाने का भी काम किया है.
अफगानी राजदूत ने राजस्थानी पगड़ी की जताई ख्वाहिश
जब बलकौर सिंह ढिल्लों ने अफगानी राजदूत को राजस्थान के जिले हनुमानगढ़ में पंजाब सीमा से सटे हरीपुरा के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि वह गुजरात के साथ-साथ राजस्थान के भी हरीपुरा गांव आने की बात कही है. इतना ही नहीं, जब राजदूत फरीद मामुन्दजई ने किसान ढिल्लों से राजस्थानी पगड़ी की ख्वाहिश की, तो उन्होंने तहदिल से यह तौहफा देने की बात की.
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ट्विटर पर छा गए किसान ढिल्लों
अफगानी राजदूत फरीद मामुन्दजई और राजस्थान के एक किसान ढिल्लों की यह बातचीत पूरे सोशल मीडिया में वायरल हो गई. हर कोई दोनों की जुगलबंदी की जमकर तारीफ करने लगा. वहीं, ZEE Rajasthan से बात करते हुए किसान बलकौर सिंह ढिल्लों ने बताया कि यह दिन उनके लिए आजीवन यादगार रहेगा. उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि खुद पीएम उनके गांव में अफगानी राजदूत को आमंत्रित करेंगे.
क्या है राजस्थान के हरीपुरा गांव की खासियत
बता दें कि भले ही राजस्थान का हरीपुरा गांव गुजरात के हरीपुरा की तरह आजादी की गाथा में भाग न लेता हो पर किसानी और डिजीटलीकरण में काफी आगे है. ढिल्लों बताते हैं कि हनुमानगढ़ जिले के सांगरिया तहसील में यह गांव बसता है. इसके पूर्व में हरियाणा और उत्तर में पंजाब की सीमा लगती है. यहां के किसान बेहद मेहनती हैं. एक तरफ जहां राजस्थान के कई गांवों में पानी वगैरह की कमी है, वहीं, यहां की सड़कों से लेकर एटीएम तक सबकुछ सुविधाओं से लैस है.
क्या है सूरत के हरिपुरा गांव की खासियत
दरअसल, सूरत के हरिपुरा गांव में ही कांग्रेस का 51वां अधिवेशन 1938 में हुआ था. इस अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था. जानकारी के अनुसार, अधिवेशन में शामिल होने आए नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्वागत यहां 51 बैलों वाले एक रथ में बिठाकर किया गया. हरीपुरा गांव के इस अधिवेशन में नेताजी ने बेहद प्रभावशाली भाषण दिया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
हालांकि किसान ढिल्लों के ट्वीट को पीएम मोदी के कोट करने के बाद पूरा राजस्थान उनपर गर्व कर रहा है. यह सब जानकर तो हर राजस्थानवासी का दिल कह रहा है-
अरे हिवड़े सूं प्यारो है माने प्रदेश राजस्थान,
आओ कभी घूमने मरुधरा
मिलेंगे सुनने लोक संगीत
और मिलेगा ढेर सारा मान सम्मान....
Input- Ankit Tiwadi