पंजाब के सियासी घमासान के बाद अब कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के विवाद को खत्म करने की तैयारी में है.
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Jaipur : पंजाब के सियासी घमासान के बाद अब कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के विवाद को खत्म करने की तैयारी में है. हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) की लंबी मुलाकात इसी ओर इशारा कर रही है. पिछले साल कांग्रेस के सियासी घमासान के बाद पायलट की राहुल गांधी के साथ यह पहली मुलाकात थी. कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में राजस्थान के सियासी मसलों सहित मंत्रिमंडल विस्तार और अन्य मुद्दों पर भी लंबी चर्चा हुई है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो श्राद्ध पक्ष के बाद राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां और मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है.
छत्तीसगढ़ और पंजाब विवाद सुलझाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान का भी विवाद सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं. राजस्थान (Rajasthan Political Crisis) का विवाद सुलझाने का जिम्मा अब खुद राहुल गांधी ने अपने हाथों में लिया है. कहा जा रहा है कि जैसे ही पंजाब का मामला शांत होगा, उसके बाद राहुल गांधी अपना पूरा फोकस राजस्थान पर रखेंगे. हालांकि बीते साल आए सियासी संकट के बाद राहुल गांधी ने खुद को राजस्थान से अलग कर लिया था और इसकी कमान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को थमा दी थी, लेकिन अब फिर से राहुल गांधी ने राजस्थान की कमान अपने हाथों में ले ली है और संकेत भी दिए हैं.
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यही वजह है कि हाल ही में राहुल गांधी और सचिन पायलट की हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच 17 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर तकरीबन साड 4 घंटे तक बैठक हुई, जिसमें दोनों के बीच राजस्थान के मसलों को लेकर चर्चा हुई है. राजस्थान में बीते साल आए सियासी संकट के बाद राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच यह पहली मुलाकात थी. हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा सामने नहीं आ पाया, लेकिन माना जा रहा है कि राजस्थान के मसले को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है. राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार को लेकर बात हुई है. इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में 15 सितंबर को राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेहाना रियाज से भी फीडबैक लिया था.
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है, लेकिन जानकारों की माने तो नवरात्र स्थापना से पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार हो सकता है. इसके साथ ही प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां भी नवरात्र से पहले करने की बात कही जा रही है. दरअसल प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों की सूची तैयार होकर दिल्ली जा चुकी है. हालांकि सूची को अभी फाइनल रूप नहीं दिया गया है. इसके लिए एक बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चर्चा होकर फाइनल रूप दिया जाना है.
माना जा रहा है कि पंजाब में बदलाव के साथ आलाकमान ने अपनी कमजोर छवि को बदलने की कोशिश की है, जिसका असर आने वाले दिनों में अन्य राज्यों पर भी दिखाई दे सकता है. पार्टी में आलाकमान का इकबाल बुलंद रखने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब कड़े फैसले ले रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि पंजाब के बाद अब अगला नंबर राजस्थान का है जहां मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर राहुल गांधी कड़े कदम उठाने वाले हैं.