Rajasthan Power Crisis: बिजली कटौती का दौर जारी, कंट्रोल करने के लिए सरकार कर रही लगातार प्रयास
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Rajasthan Power Crisis: बिजली कटौती का दौर जारी, कंट्रोल करने के लिए सरकार कर रही लगातार प्रयास

एसीएस ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agarwal) के दिल्ली दौरे से भी कोयला आपूर्ति में सुधार हुआ है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: राजस्थान में बिजली कटौती (Power Cut) बरकरार है, लेकिन हालात कंट्रोल में करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयास रंग ला रहे है. पिछले एक सप्ताह में 3 ईकाइयों में बिजली उत्पादन शुरू हुआ है. प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन (Power generation) में 1455 मेगावाट का इजाफा दर्ज किया गया है. राजस्थान (Rajasthan News) में अब मांग और आपूर्ति का अंतर घटकर 1500 मेगावाट रह गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की ओर से लगातार की जा रही समीक्षा बैठकों और अधिकारियों को दिल्ली और कोल माइंस (Coal mines) भेजने के निर्णय से राहत है. एसीएस ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agarwal) के दिल्ली दौरे से भी कोयला आपूर्ति में सुधार हुआ है.

राजस्थान में बिजली संकट 
-राजस्थान में बिजली संकट पर CM अशोक गहलोत गम्भीर
-लगातार समीक्षा बैठकों के आने लगे नतीजे
-पिछले 7 दिनों में 3 इकाइयों में बिजली का उत्पादन शुरु
-1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन में हुई बढ़ोतरी
-एसीएस ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल के दिल्ली दौरे से भी कोयला आपूर्ति में सुधार
-सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह की यूनिट 7 में 660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन शुरू
-कोटा तापीय विद्युत गृह की यूनिट 6 में 195 मेगावाट
-कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट का उत्पादन शुरु
-कोयला आपूर्ति के लिए भी अधिकारियों को दे रहे निर्देश

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कोयले की रैक की संख्या अब बढ़ने लगी है
प्रदेश के थर्मल पॉवर प्लांटों (Thermal power plants) में कोयले की रैक की संख्या अब बढ़ने लगी है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (Rajasthan Vidyut Utpadan Nigam Limited) के कोल ब्लॉक परसा ईस्ट (Coal Block Parsa East) एवं कांता बेसिन से कोयले की अतिरिक्त रैक बढ़ाने से थर्मल पॉवर प्लांट को कोयल की सप्लाई सुधरी है. एसीएस ऊर्जा डॉ सुबोध अग्रवाल के दिल्ली दौरे के दौर ऊर्जा मंत्रालय और कोल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठकों बाद कोल आपूर्ति में सुधार आया है. 

ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला का क्या कहना है
ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला (BD Kalla) का कहना है कि प्रदेश में केन्द्र सरकार (Central Government) की ओर से कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण थर्मल पावर उत्पादन संयत्रों के जरिए बिजली उत्पादन (Power generation) में कमी आई है. कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा एवं कोल मंत्रालय (Union Ministry of Energy and Coal) से संवाद जारी है. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) की कम्पनियों द्वारा पिछले कई दिनों से अनुबंध में प्रतिदिन के लिए निर्धारित रैक के अनुसार कोयले की दैनिक आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण न केवल राजस्थान में बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के थर्मल पावर जनरेशन प्लांट्स में विद्युत उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है.

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कोयले की कमी राष्ट्रीय संकट बन गया है
एक तरह से थर्मल पावर जनरेशन प्लांट्स (Thermal Power Generation Plants) के लिए कोयले की कमी राष्ट्रीय संकट बन गया है. उन्होंने बताया कि कोल इंडिया लि. ने 'इम्पोर्ट सब्स्टीट्यूशन मैकेनिज्म' (Import Substitution Mechanism) के तहत भी काफी मात्रा में कोयला दिया है जिसके चलते जिन विद्युतगृहों का अनुबंध कोल इंडिया द्वारा कोयला आपूर्ति का था उसमें कमी हुई है.

प्रदेश के थर्मल पॉवर प्लांट्स को कोयला आपूर्ति के लिए कोल इंडिया की दो कंपनियों एनसीएल तथा एसईसीएल (NCL and SECL) के साथ राजस्थान का प्रतिदिन 11.5 रैक कोयले की आपूर्ति का एग्रीमेंट है, खदानों में वर्षा का पानी भर जाने के कारण पिछले काफी समय से राजस्थान को यहां के थर्मल प्लांट्स की दैनिक मांग की तुलना में औसतन 5.38 रैक प्रतिदिन की ही आपूर्ति की जा रही है.

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प्रदेश को कोल इंडिया की दोनों कंपनियों से 11 रैक प्रतिदिन की एवज में 1 व 2 अक्टूबर को 4-4 रैक, 3 अक्टूबर को 5, 4 अक्टूबर को 6, 5 अक्टूबर को 4, 6 अक्टूबर को 7, 7 अक्टूबर को 6, 8 से 10 अक्टूबर को 5-5, 11 अक्टूबर को 6, 12 अक्टूबर को 7 तथा 13 अक्टूबर को केवल मात्र 6 रैक कोयला इन दोनों कंपनियों के माध्यम से राज्य को मिल पाया है.

राजस्थान सरकार का क्या कहना है
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) का कहना है कि कोल कंपनियों का भुगतान बकाया नहीं है. नेशनल कोलफिल्ड्स लिमिटेड (National Coalfields Limited) को सितम्बर 2021 से अग्रिम भुगतान भी प्रदेश की ओर से प्रारम्भ किया जा चुका है. वहीं दूसरी कम्पनी एसईसीएल ने 11 अक्टूबर 2021 को ऊर्जा विभाग को बताया कि राजस्थान का 9 अक्टूबर 2021 को 252.61 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. इसके विपरीत प्रदेश सरकार को ही कंपनी से 459 करोड़ रुपये की राशि वसूलनी है. 

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वर्ष 2015-16 के कोयले की गुणवत्ता में कमी का 459 करोड़ रुपये का भुगतान एसईसीएल को करना है जो कि दिसम्बर 2018 से वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के निपटारे के तहत बाकी चल रहा है. प्रदेश का ऊर्जा महकमा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राजस्थान को आवंटित एक अन्य कोल ब्लॉक से भी नियमित तौर पर कोयला प्राप्त करने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है. इस ब्लॉक से कोयला प्राप्त करने के लिए  'बायोडायवर्सिटी क्लीयरेंस' (Biodiversity Clearance) की आवश्यकता है, जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारत सरकार और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को कई पत्र लिखे हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है. राज्य की ओर से इस ब्लॉक का 'बायोडायवर्सिटी क्लीयरेंस' मिलने के साथ ही कोयला संकट काफी हद तक कम होगा. तब तक प्रदेश में बिजली कटौती का दौर जारी रहेगा.

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