ग्रेटर नगर निगम में अब तक महज 110 पट्टे जारी किए है.
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Jaipur: प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे देकर राहत देने की मंशा पूरी होती नजर नहीं आ रही हैं. नगर निगम ग्रेटर, हैरिटेज में अभियान के शुरू होने के 15 दिन में आवेदनों की संख्या के मुकाबले दस फीसदी पट्टे भी नहीं बांटे गए हैं. उससे ज्यादा तो जयपुर नगर निगम ग्रेटर (Jaipur Nagar Nigam Greater) और हैरिटेज ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं.
प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Sang Abhiyan) की शुरुआत ढोल-नगाड़ों के साथ जरूर की गई लेकिन अभियान को उतनी गति नहीं मिल पा रही है. एक पखवाडे़ में पट्टों की संख्या का आंकड़ों पर नजर डाले तो दोनों नगर निगम फिसड्डी साबित हो रहे हैं. ग्रेटर नगर निगम में अब तक महज 110 पट्टे जारी किए है. जबकि 1189 आवेदन आ चुके हैं.
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इतने हजार पट्टों की फाइलें लम्बित चल रही है.
वहीं, हैरिटेज निगम की बात करें तो सभी जोन और मुख्यालय में अब तक 184 पट्टे जारी किए गए हैं. जबकि 3900 से अधिक आवेदन आए हैं. जेडीए (JDA) अब तक 14 हजार आवेदनों में से 10 हजार से अधिक पट्टे जारी कर चुका है. चार हजार पट्टों की फाइलें लम्बित चल रही है.
रोजाना 300 से 400 विवाह प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं
प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टों से ज्यादा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर वाहवाही लूटी जा रही हैं. अभियान के दौरान रोजाना 300 से 400 विवाह प्रमाण पत्र (Marriage Certificate) जारी किए जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अभियान के दौरान सारी पेंडेंसी खत्म कर दी जाएगी. ग्रेटर निगम ने 20 सितंबर से 14 अक्टूबर तक करीब 4494 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं. इसमें सर्वाधिक 12 अक्टूबर को 499 जारी किए गए हैं.
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हाथोंहाथ प्रमाण पत्र बनाकर दिए जा रहे हैं
अभियान के दौरान हाथोंहाथ प्रमाण पत्र (certificate) बनाकर दिए जा रहे हैं, ताकि आवेदनकर्ता को कोई परेशानी नहीं हो. अभियान में पट्टों की बात की जाए तो दोनों निगमों में अभी तक महज 120 के आसपास ही पट्टे जारी हुए हैं. जबकि पहले दिन ही 2500 पट्टे जारी करने का लक्ष्य था. इस हिसाब से ग्रेटर निगम ने पट्टों से 350 गुणा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं.
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बहरहाल, राज्य सरकार ने प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान में रियायतें देकर पट्टे देकर राहत पहुंचाने की कोशिश की हैं. लेकिन शुरुआती 15 दिनों के पट्टों के आंकडे़ कछुआ चाल की तरफ इशारा कर रहे हैं. हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं की जोन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.