खटाई में पड़ी महिलाओं बेटियों की सुरक्षा योजना, दो जिलों में शुरू होने थे पायलट प्रोजेक्ट
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खटाई में पड़ी महिलाओं बेटियों की सुरक्षा योजना, दो जिलों में शुरू होने थे पायलट प्रोजेक्ट

राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा और अपराध से बचाव की महत्वकांक्षी योजना खटाई में पड़ी हुई है. 

फाइल फोटो

Jaipur : राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा और अपराध से बचाव की महत्वकांक्षी योजना खटाई में पड़ी हुई है. पहले जब योजना को लागू करना था, तब लाल फीताशाही के कारण अटका दिया. इधर योजना शुरू करने की मियाद गुजर गई तो अब राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) का मुंह ताक रही है. महिला पुलिस वालंटियर (Female Police Volunteer) योजना का है, जो श्रीगंगानगर और अलवर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होने थी.

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दूरदराज इलाकों में मुसीबत में फंसी महिलाओं को समय पर सुरक्षा नहीं मिल पाती. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ रहे हैं. ऐसी हालत में महिलाओं के बचाव और सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और महिला बाल विकास मंत्रालय ने महिला पुलिस वालंटियर स्कीम शुरू की. महिला बाल विकास मंत्रालय ने 4 जुलाई 2016 को राजस्थान सहित सभी डीजीपी को पत्र लिख कर योजना क्रियान्विति का प्रस्ताव मांगा था. राज्य सरकार (Rajasthan Government) की ओर से योजना (Women Protection scheme) के लागू करने के बारे में निर्धारित समय पर केंद्र को सहमति नहीं दी गई.

- राज्य सरकार ने महिला पुलिस वालंटियर के लिए 25 नवंबर 2019 को केंद्र को सहमति पत्र लिखा..
-  तब तक योजना की क्रिया अनुमति के लिए दिया गया समय निकल चुका था.
- उसके बाद बार-बार केंद्र को पत्र लिखा जा रहा है लेकिन केंद्र मंजूरी नहीं दे रहा .
- योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2 जिलों में शुरू किया जाना था.
- गृह मंत्रालय का जवाब नहीं आया दो राज्य सरकार ने गृह सचिव स्तर से डीओ लेटर लिखा.
- डीओ लेटर में गृह मंत्रालय से योजना के लिए 78 लाख38 हजार ₹640 का प्रस्ताव भेजा है.
- योजना में खर्च होने वाली राशि का यह 60% हिस्सा है जो केंद्र से मिलना है वहीं राज्य का 40% हिस्सा भी तय कर लिया गया है.
- योजना के लिए महिलाओं के खिलाफ अपराध और लिंगा अनुपात के आधार पर जिलों का चयन करना था.
- राज्य सरकार ने झुंझुनू और झालावाड़ का चयन कर लिया,लेकिन मानदंड पर खरे नहीं उतरे.
- इसके बाद राज्य सरकार ने झुंझुनू और झालावाड़ के स्थान पर अलवर और श्रीगंगानगर का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया.
- अपराध के मामले में अलवर और लिंगानुपात के मामले में श्रीगंगानगर अव्वल हैं.
- योजना के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगरों में वार्ड स्तर पर महिला पुलिस कार्यकर्ता की नियुक्ति की जानी है.
- बड़े गांव के लिए एक अतिरिक्त महिला पुलिस वालंटियर तय की जानी जानी थी.
- अलवर में 135 ग्राम पंचायत, 263 शहरी वार्ड तथा 398 महिला पुलिस वालंटियर  नियुक्त होने हैं.
- श्री गंगानगर में 253 वार्ड, 336 ग्राम पंचायत  और 589 महिला पुलिस वालंटियर की नियुक्ति की जानी है.

इस तरह नियुक्ति जाएगी महिला वॉलिंटियर
- पुलिस अधीक्षक महिला पुलिस वालंटियर की नियुक्ति करेगा.
- महिला पुलिस वालंटियर जनता और पुलिस के बीच कड़ी का काम करेगी.
- महिला पुलिस वालंटियर का चयन 2 वर्ष के लिए किया जाएगा, इन्हें किसी भी समय हटाया जा सकता है.
- प्रत्येक महिला पुलिस वॉलिंटियर को ₹1000 प्रति महीना मानदेय देना था.

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