Rajasthan Crime: राजस्थान के इस विभाग में 4 करोड़ से ज्यादा का गबन का मामला सामने आया है. कार्रवाई करते हुए 1 कर्मचारी सस्पेंड कर दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
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Rajasthan Crime: चूरू में आबकारी विभाग में करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आया है. अप्रैल से जुलाई तक 4 माह की अवधि में लाइसेंसियों को साढ़े 4 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने का खेल पकड़ा गया है. मामले में अब आबकारी मुख्यालय उदयपुर ने जांच शुरू कर दी है और एक कार्मिक को निलंबित किया गया है.
चूरू में जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में करोड़ों रुपए के गबन की आशंका है. अप्रैल से जुलाई तक 20 लाइसेंसियों के खाते में साढ़े चार करोड़ से अधिक की राशि एडजस्टमेंट के नाम पर जमा की गई. जिससे लाइसेंसियों ने देशी मदिरा का उठाव कर लिया. रोचक यह है कि जिन एडजस्टमेंट आदेशों के आधार पर लाइसेंसियों के खाते में राशि जमा की गई, वे आदेश कभी जारी ही नहीं हुए थे. फर्जी आदेशों के आधार पर सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर यह राशि लाइसेंसियों के खाते में ट्रांसफर की गई.
हालांकि यह राशि जिला आबकारी अधिकारी लक्ष्मीनारायण के लाॅगिन आईडी से की गई, ऐसे में विभाग को आशंका है कि इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी या उनके किसी अधीनस्थ कर्मचारी की मिलीभगत रही है. प्राथमिक रूप से गड़बड़ी मानते हुए विभाग ने एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब आबकारी मुख्यालय ने 14 अगस्त को सभी जिला आबकारी अधिकारियों को पत्र लिखा. पत्र में वित्त वर्ष 2024-25 में विभागीय सिस्टम में दर्ज समायोजन आदेशों और उनकी राशि को लेकर जानकारी मांगी गई. सभी कार्यालयों द्वारा भेजे गए रिकॉर्ड में पता चला कि केवल चूरू के 77 आदेश ऐसे थे, जो विभाग ने जारी नहीं किए थे.
जानिए, क्या है पूरा गड़बड़झाला ?
- आबकारी विभाग 5 प्रतिशत एडवांस ईपीए, 5 प्रतिशत वार्षिक लाइसेंस फीस जमा करता
- यह राशि वित्त वर्ष की शुरुआत में लाइसेंसी से जमा की जाती
- बाद में अलग-अलग त्रैमास में इस राशि का एडजस्टमेंट किया जाता
- चूरू में लाइसेंसियों को एडजस्टमेंट के नाम पर 4.52 करोड़ राशि भेजी गई
- 20 लाइसेंसियों के खाते में 77 फर्जी आदेशों का हवाला देकर राशि भेजी गई
- लाइसेंसियों ने इस राशि से कर लिया देशी मदिरा का उठाव
- लाइसेंसी अजित यादव को 16.10 लाख, बने सिंह को 5 लाख
- भंवर सिंह को 9 लाख, हनुमानमल नाई को 15 लाख, हरी सिंह को 13 लाख
- लक्ष्मण सिंह बीका को 79 लाख, लक्ष्मण सिंह को 6 लाख
- ओमप्रकाश को 24 लाख, प्रेमकंवर को 11 लाख, राजेन्द्र सिंह को 11 लाख
- राजेन्द्र चौपाल को 16.20 लाख, राजेश्वरी देवी को 18 लाख,
- राजू सिंह को 14 लाख, रामदेव नायक को 39 लाख, रनवीर सिंह 17.50 लाख
- रोहित कुमार को 72.30 लाख, संतलाल को 20 लाख, सोहनलाल को 6 लाख
- सुनील को 55.50 लाख, विकास कुमार रामप्रसाद को 5 लाख
- फर्जी आदेश संख्या डालकर इन लाइसेंसियों को भेजी गई यह राशि
मामले का खुलासा होने के बाद आबकारी विभाग मुख्यालय उदयपुर ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि केवल चूरू में ही फर्जी आदेशों से लाइसेंसियों के खाते में राशि एडजस्ट करना सामने आया है. आबकारी विभाग ने राजगढ़ सर्किल के एक कर्मचारी अजय कुमार पूनिया को इस मामले में निलंबित किया गया है. रोचक बात यह है कि अजय कुमार पूनिया करीब सालभर पहले ही डीईओ कार्यालय से ट्रांसफर हो चुका था. इसकी कुछ लाइसेंसियों से मिलीभगत मानी गई है. लेकिन अभी तक चूरू जिला आबकारी कार्यालय के किसी भी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. आबकारी विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि मामले का खुलासा तभी संभव हो सकेगा, जब अतिरिक्त आबकारी आयुक्त स्तर के किसी उच्चाधिकारी से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.