Rajasthan Election 2023: किसान कर्ज माफी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही हैं. किसान कर्ज माफी पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं.
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Rajasthan Election 2023: किसान कर्ज माफी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही हैं. किसान कर्ज माफी को लेकर विज्ञापन में गलत किसान का फोटो लगाने मामले में किरकरी झेल चुकी भाजपा ने रविवार को ऐसे किसानों को पेश किया जिनको सहकारी बैंकों से कुर्की का नोटिस मिला है.
किसानों ने नोटिस दिखाते हुए कहा कि सरकार ने उनसे कर्ज माफी का झूठा वादा किया, हमारे घर बार तक दांव पर लगे हैं. वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने खुद माना है कि 1 लाख 22 किसानों के हाथ में जमीन कुर्की का नोटिस है.
बीजेपी ने अपने चुनावी प्रचार अभियान में किसान कर्ज माफी के मामले में होर्डिंग लगाए. बीजेपी की ओर से 19 हजार किसानों की जमीन कुर्की की बात कहते हुए एक किसान माधोराम का फोटाे लगा दिया. दूसरी ओर माधोराम ने खुद की जमीन का कुर्की नोटिस नहीं मिलने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री ने इस किसान माधोराम को जयपुर बुलाकर जानकारी ली. इसके बाद सीएम ने इसे लेकर बीजेपी पर जमकर आरोप लगाए.
इसके बाद बीजेपी की ओर से काउंटर अटैक के तहत रविवार को किसानों को पार्टी कार्यालय बुला लिया. उनको बैंकों से जमीन कुर्की या वसूली के नोटिस मिले हुए हैं. किसानों ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में मीडिया के सामने नोटिस दिखाए और अपनी व्यथा भी बताई. करीब एक दर्जन से ज्यादा किसानों में कोटपूतली से आए किसान मुकेश ने कहा कि पिताजी ने कर्ज लिया था और वो खत्म हो गए थे, कर्ज का नोटिस आया है, अब इसे चुकाने में परेशानी हो रही है.
एक अन्य किसान ने कहा कि मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहे हैं, लेकिन बैंक वाले बाहर जाकर ढोल बजाते हैं. उनको बता भी दिया कि फसल के लिए पानी नहीं है, मजदूरी से बच्चों को पालें या लोन चुकाएं. कांग्रेस सरकार ने गुमराह किया है. कुम्हारियावास के काना ने कहा कि केसीसी का लोन लिया. बैंक वाले परेशान कर रहे हैं जमीन कुर्की के नोटिस के कारण भाई ने आत्महत्या कर ली थी.
कोटपूतली से आए किसान मुकेश ने कहा कि लोन का ब्याज भी दे दिया, लेकिन सरकार नहीं सोच रही है. कोटपुतली में सभा राहुल गांधी आए थे एक से दस तक दिन गिनती सम्पूर्ण कर्जा माफ हो जाएगा.
वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कर्ज नहीं चुकाने और नोटिस मिलने के बाद किसान लादूराम गुर्जर ने आत्महत्या कर ली थी. मुख्यमंत्री को दो दिन पहले बड़ी दिक्कत हुई जब प्रतीकात्मक एक किसान के साथ इश्तेहार जारी किया कि 19 हजार किसानों की जमीन नीलाम हुई. सीएम ने उस किसान से कहलाया कि कि मेरी जमीन नीलाम नहीं हुई, लेकिन सरकार ने विधानसभा में दिए जवाब में खुद माना है कि केसीसी के आधार पर किसानों ने लोन लिया था और तीन लाख 49 हजार 257 किसानों का ऋण बकाया है.
इस पूरे लोन को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से केंद्र सरकार से बात की जाएगी. राज्य सरकार ने कल्ला कमेटी बनाई और कहा कि वन टाइम सेटलमेंट से फसली ऋण माफ करेंगे. इसमें 12 हजार करोड़ से ज्यादा अवधिपार ऋण किसानों पर है. करीब 1 लाख 22 के लगभग कुर्की के एनपीए के नोटिस जारी किए गए हैं.
राठौड़ ने कहा कि सीएम कहते हैं कि हमने ऋण राहत आयोग बना दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि राहत किसको मिल रहे हैं. एक प्रतीकात्मक फोटो में उस किसान से कहला दिया कि मेरे पर कोई कर्ज नहीं है, अनगिनत किसानों के एक लाख 22 हजार किसानों के हाथ में नोटिस है. एक किसान प्रतीकात्मक मना कर सकता है लेकिन खुद सरकार का उत्तर में एक मार्च 3023 स्वीकार किया है कि तीन लाख किसानों के छह करोड़ 3 लाख राशि बकाया थी.
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पटवार संघ ने ज्ञापन ने दिया 84 करोड़ रूपए किसानों के रोडा एक्ट के तहत वसूली में बनते हैं. इन 84 करोड़ में से 42 करोड़ मिले हैं. इससे साफ है कि किसानों की जमीन कुर्क की गई है. राठौड़ ने कहा कि विज्ञापन और डिजाइन बॉक्स की किस्सा कुर्सी की सरकार बने हुए हैं, परसों इससे पर्दा गिर जाएगा.
बीजेपी ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है. इसको लेकर किसान मोर्चा संभाग स्तर पर कार्यशालाएं करेगा और लोगों के बीच इस मामले को लेकर जाएंगे. महज 18 किसानों से नोटिस की जानकारी मांगी थी तो सौ नोटिस आ गए, पूरे प्रदेश में कर्ज से पीड़ित किसानों को जनता के सामने लेकर आएंगे.