दिल्ली की तरह झलाना में बन रहा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, एक ही छत के नीचे होंगे विश्व स्तरीय कॉन्फ्रेंस और सेमिनार
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दिल्ली की तरह झलाना में बन रहा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, एक ही छत के नीचे होंगे विश्व स्तरीय कॉन्फ्रेंस और सेमिनार

इस सेंटर का आंतरिक निर्माण राजस्थान की स्थापत्य कला की तर्ज पर किया जा रहा हैं. यह हेरिटेज स्वरूप में नजर आएगा. इसमें मंडोर की छतरियों से लेकर आमेर महल का स्वरूप देखने को मिलेगा.

दिल्ली की तरह झलाना में बन रहा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, एक ही छत के नीचे होंगे विश्व स्तरीय कॉन्फ्रेंस और सेमिनार

जयपुर: दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर पिंकसिटी में राजस्थान इंटनेशनल सेंटर तैयार हो रहा हैं.एक ही छत के नीचे विश्व स्तर के कांफ्रेंस और सेमिनार का आयोजन हो सकेंगे.130 करोड की लागत से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण 2.98 हेक्टेयर यानी 29800 स्क्वायर मीटर में इमारत बन रही हैं.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर का विजिट

पिंकसिटी में नए साल में विश्व स्तर के एक ही छत के नीचे कांफ्रेंस और सेमिनार हो सकेंगे. जी हां यदि सबकुछ ठीक रहा तो जयपुर में राजस्थान के पहले राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की शुरुआत जनवरी माह में हो सकती हैं...जिसे दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेन्टर की तर्ज पर तैयार करवाया जा रहा हैं. निर्माणाधीन इमारत का आज यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, यूडीएच सलाहकार जीएस संधू, प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, जेडीसी रवि जैन ने विजिट किया.उन्होने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की एक-एक काम को देखने के साथ इसका डेमो प्रजेंटेशन भी देखा.

उन्होंने कहा की विश्व के बदलते परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की महत्ता बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रदेश में एक ऐसे स्थान की कमी निरन्तर महसूस की जा रही थी. जहां एक ही छत के नीचे विश्व स्तर के कांफ्रेंस व सेमिनार का आयोजन किया जा सके. जयपुर में राजस्थान के पहले राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की शुरुआत होने जा रही है. ओटीएस के पास 2.98 हेक्टेयर यानी 29800 स्क्वायर मीटर में इमारत बन रही हैं. इसका काम जेडीए द्वारा करवाया जा रहा है.

परियोजना की कुल लागत राशि 130 करोड़ रुपए हैं. ओटीएस के पास सेंटर में होने वाले आयोजनों में देश-दुनिया के मेहमान उपस्थित होंगे. यहां राजस्थान की झलक देने के लिए सेंटर को यहां के मॉन्यूमेंट्स के हिसाब से डिजाइन किया गया है. ऑडिटोरियम की दीवारें जैसलमेर की पटवाओं की हवेली की बनी जाली पर आधारित होंगी.

कन्वेंशन हॉल व प्री-फंक्शन एरिया में सिटी पैलेस के झरोखे व हवा महल की खिड़कियां दिखेंगी.मिनी ऑडिटोरियम को मारवाड़ पैटर्न के अनुसार बनाया गया है..कांफ्रेंस हॉल को जोधपुर के मंडोर उद्यान में पुरातन कला के मेहराब व स्मारक पर आधारित है.

सेंटर में ये होंगी विशेषता

- 700 लोगों की क्षमता का ऑडिटोरियम और 500 लोगों की क्षमता का कन्वेंशन सेंटर बनेगा

-170-170 लोगों की क्षमता के दो मिनी ऑडिटोरियम और एक 500 लोगों की क्षमता का एक्जीबीशन एरिया होगा

-110 लोगों का एक और 90 लोगों की क्षमता का दूसरा कॉन्फ्रेंस होल और 100 लोगों की क्षमता की एक ई लाईब्रेरी उपलब्ध होगी

-50-50 लोगों की क्षमता के तीन लेक्चर हॉल और 156 लोगों की क्षमता एक व 125 लोगों की क्षमत का दूसरा रेस्टोरेंट बनेगा

-इसके अलावा 240 ईसीयू के लिए डबल बेसमेंट पार्किंग उपलब्ध होगी

एक ही छत के नीचे विश्व स्तर के कांफ्रेंस और सेमिनार का आयोजन हो सकेंगे

जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त रवि जैन ने बताया की राजस्थान इंटनेशनल सेंटर का आंतरिक निर्माण राजस्थान की स्थापत्य कला की तर्ज पर किया जाएगा. इसमें मंडोर की छतरियों से लेकर आमेर महल का स्वरूप देखने को मिलेगा. राजस्थान इंटनेशनल सेंटर में कनवेंशन हॉल, ऑडिटोरियम, मिनी ऑडिटोरियम, कॉफ्रेंस हॉल, लेक्चरार हॉल, लाईब्रेरी एवं ईण्लाईब्रेरी, रेस्टोंरेंट आदि होंगे. सेंटर के निर्माण में विभिन्न क्षेत्रों में जोधपुर, जैसलमेर एवं राजस्थान के अन्य जिलों के विशेष पत्थरों से करवाया जाएगा.यह सेंटर सात मंजिला होगा. राजस्थान इंटनेशनल सेंटर में पांच सितारा होटल की तर्ज पर एक गेस्ट हाउस का भी निर्माण किया जाएगा.

750 लोगों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम बनेगा. 200 लोगों की क्षमता वाले दो छोटे ऑडिटोरियम भी बनेंगे. चार कांफ्रेंस रुमए बोर्डरूम, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी का निर्माण होगा..इसमें रेस्टोरेंट्स और एग्जिबिशन एरिया भी तैयार किया जाएगा. एजुकेशनल आयोजनों के साथ इ-लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी. मेंबर्स को देश दुनिया की किताबें ऑनलाइन व ऑफलाइन मिलेंगी. आरआईसी में लेक्चर होंगे. 3 लेक्चर रूम तैयार किए गए हैं. सेंटर की छत पर 2 रेस्टोरेंट्स का निर्माण किया गया है.इसके निर्माण कार्य और राजस्थानी स्थापत्य कला के लिए जोधपुर, जैसलमेर, करौली व मकराना सहित कई अन्य जगहों के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है.

देश -दुनिया का आइकोनिक होगा सेंटर 

बहरहाल, प्रदेश की पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय 19 अप्रेल 2013 को रामनवमी के दिन इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी, लेकिन बाद में सरकार बदली तो काम अटक गया. वापस गहलोत सरकार आने के बाद इस काम में तेजी आई है. विश्व स्तर की सुविधाएं विकसित करने के साथ सेंटर का संचालन और रखरखाव भी विश्व स्तर का होगा. सेंटर ऐसे केन्द्र की तरह विकसित किया जा रहा हैं जो देश -दुनिया में आइकोनिक बने.

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