मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एक्सेप्टेन्स की ओर अग्रसर राजस्थान, इंटरनेट पर बढ़ेगा राजस्थानी भाषा का क्रेज
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मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एक्सेप्टेन्स की ओर अग्रसर राजस्थान, इंटरनेट पर बढ़ेगा राजस्थानी भाषा का क्रेज

Multilingual Internet Acceptance on Rajasthani Language: राजधानी जयपुर में राजस्थानी भाषा को जन जन तक पहुंचाने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एक्सेप्टेन्स के तहत इस काम को करने की बात कहीं गई.

मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एक्सेप्टेन्स की ओर अग्रसर राजस्थान, इंटरनेट पर बढ़ेगा राजस्थानी भाषा का क्रेज

Multilingual Internet Acceptance on Rajasthani Language: देश के हर राज्य में अलग भाषा बोली बोली जाती है. वहीं राजस्थान में हर 50 से 100 किलोमीटर पर भाषा और लहजा  दोनों बदल जाते हैं. जिसके कारण भाषा विशेषज्ञों का मानना है कि हर भाषा का ज्ञान हर व्यक्ति को होना चाहिए. जिससे उसे बोलने और समझने में आसानी हो. आज का दौर इंटरनेट का दौर है. इस दौर में इंटरनेट पर कुछ ही भाषा चलन में है. जिससे आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसी परेशानी को दूर करने के लिए राजधानी जयपुर में 1 राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यशाला में आईएएस, आईपीएस सहित विषय विशेषज्ञों ने अपनी बात को गंभीरता से रखा. इन्टरनेट पर मल्टीलिंग्वल के उपयोग को लेकर जागरूकता लाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस सेमिनार को दिल्ली में भारत सरकार के जरिए 28 मार्च को आयोजित होने वाले ‘यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स डे‘ के प्री-कर्सर इवेंट के तौर पर देखा गया.

 कार्यक्रम के दौरान आयुक्त एवं संयुक्त सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, राजस्थान सरकार, आशीष गुप्ता और पुलिस महानिरीक्षक शरद कविराज ने बताया भारत में मोबाइल और इंटरनेट का चलन तेजी से बढ़ा है. इंटरनेट उपयोग करने वाले लोगों को कई बार भाषा को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है जैसे कि तमिलनाडु के निवासियों को राजस्थानी भाषा नहीं आती तो उसे राजस्थानी समझने में परेशानी आती है. इसी तरह पंजाबी भाषा का जानकार बंगाली नहीं समझ सकता. इस तरह की परेशानी देश के कई प्रांतों में फैली हुई है. 

 शुक्रवार के सेमिनार में यही समझाने की कोशिश की गई की गूगल पर काम करने वाले हर इंसान को अपनी राज्य भाषा में काम करना चाहिए. राजस्थान के कई सरकारी विभाग हैं जिन्होंने इंग्लिश की जगह हिंदी को अपना रखा है ऐसे विभागों की साइड को ज्यादातर लोग लाइक करते हैं.

यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स 

वहीं कार्यक्रम के आयोजक डॉक्टर अजय डाटा ने बताया बहुभाषी इंटरनेट के जब बात की जाती है तो ‘यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स - ‘यूए‘‘ एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है. ‘यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स‘ यह सुनिश्चित करता है कि सभी ‘डोमेन नेम‘ और ‘ईमेल एड्रेस‘ - स्क्रिप्ट, लैग्वेज या करेक्टर की लंबाई की परवाह किए बिना सभी इंटरनेट-इनेबल्ड एप्लिकेशन, डिवाइस और सिस्टम पर समान रूप से स्वीकार किए जाएं.

क्या है मेल एड्रेस इन्टरनेशनलाईजेशन

 इसके अलावा, ‘ईमेल एड्रेस इन्टरनेशनलाईजेशन‘ (ईएआई) एक ऐसी प्रक्रिया है जो ईमेल भेजते और प्राप्त करते समय विभिन्न भाषाओं और लिपियों के डोमेन नेम अथवा मेलबॉक्स नेम वाले ईमेल एड्रेस को सुचारू रूप से संचालित करने में सक्षम बनाती है. भारत में इंडिक-इंटरनेट के विस्तार की मूलभूत आवश्यकता के रूप में विशेष रूप से 28 मार्च को आयोजित होने वाले वैश्विक यूए दिवस के शुभारंभ के अवसर पर ‘यूए‘ का महत्व, यूए जागरूकता अभियान समय की मांग है.

ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने से आमजन को एक बहुत बड़ा लाभ होगा इंटरनेट का उपयोग करते हुए राजस्थान का व्यक्ति बांग्ला भाषा को धीरे-धीरे समझने लगेगा जिससे उसके ज्ञान में वृद्धि तो होगी ही साथ ही वह अनेक भाषाओं का ज्ञाता भी बन जाएगा. इसलिए आज समय की मांग के अनुसार सब को सभी भाषा में ही लिखना और बोलना चाहिए.

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