JJM घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री महेश जोशी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें,ED दफ्तर से आ सकता है बुलावा
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JJM घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री महेश जोशी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें,ED दफ्तर से आ सकता है बुलावा

Rajasthan JJM Scam: राजस्थान में जेजेएम के 2 हजार करोड़ के घोटाले पर पूर्व मंत्री महेश जोशी को जल्द ईडी दफ्तर बुला सकती,जाने भ्रष्टाचार के किरदारों को.

JJM घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री महेश जोशी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें.

Rajasthan JJM Scam: राजस्थान में ईडी के छापे के बाद अब पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया जा सकता है.ईडी ने कल ही जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार पर तीसरी बार छापे मारे थे.अब ईडी कड़ियां जोड़कर जांच कर रही है.आखिर जल जीवन मिशन कौन-कौन सी कड़ियां जोड़ते हुए जांच पूर्व मंत्री तक पहुंची..

मुख्य किरदारों से आमने-सामने पूछताछ

राजस्थान के पूर्व पीएचईडी मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती है.ईडी के छापों के बाद अब पूछताछ के लिए महेश जोशी को ईडी बुलाया जा सकता है.

इसके अलावा अजमेर अधीक्षण अभियंता परितोष गुप्ता,जगदीश प्रसाद फर्म का मालिक शिवरतन अग्रवाल,जल जीवन मिशन में घोटाले का मास्टरमाइंड पदमचंद जैन,फरार महेश मित्तल को भी ईडी जल्द पूछताछ के लिए बुला सकती है.बताया जा रहा है कि ईडी की जांच अंतिम दौर में चल रही है.अब घोटाले से जुड़े मुख्य किरदारों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है.

शिवरतन अग्रवाल के घोटाले

कॉन्ट्रैक्ट शिवरतन अग्रवाल को जलदाय विभाग ने 1200 करोड़ के टेंडर दिए,जिसमें मेजर प्रोजेक्ट्स के 650 करोड़ और ओटीएमपी के 550 करोड़ के टैंडर दिए.फर्म पर आरोप ये है कि इंजीनियर्स से मिलीभगत कर ऊंची दरों पर टेंडर दिए.जगदीश प्रसाद अग्रवाल फर्म को बांसवाड़ा,डूंगरपुर और उदयपुर में दूसरी फर्मों को दरकिनार करते हुए शिवरतन अग्रवाल को काम दिया गया.

बताया जा रहा है कि अधीक्षण अभियंता सुनील गर्ग से भी ईडी पूछताछ के लिए बुला सकती है.सुनील गर्ग के पास तीन सीटों की जिम्मेदारी है.सुनील गर्ग अकेले SE बांसवाड़ा,उदयपुर प्रोजेक्ट,रीजन का काम संभाल रहे है.वहीं, तत्कालीन नागौर अधीक्षण अभियंता एमपी सोनी के घर भी छापे पड़े थे,जल्द ही उनसे भी पूछताछ हो सकती है.

पदमचंद और महेश मित्तल के घोटाले

गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म के मालिक पदमचंद जैन और फरार महेश मित्तल ने जल जीवन मिशन में जमकर घोटाला किया.दोनों फर्मों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के नाम पर लूट मचाई.

 कुल 900 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे

जगतपुरा में 81.80 करोड़,सवाई माधोपुर में 16.85 करोड़,नीमकाथाना में 23.87 करोड़ और 23.81 करोड,खो नागोरियान प्रोजेक्ट 53.28 करोड,शाहपुरा में 6.19 करोड़, नागौर में 93.15 करोड़,85.77 करोड़,सीकर में 14.65 करोड़,अजीतगढ़-श्रीमाधोपुर में 21.38 करोड़,खंडेला के 23.81 करोड़ के टैंडर दिए थे.दोनों फर्मों ने कुल 900 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे.बताया जा रहा है कि तत्कालीन अधीक्षण अभियंता नागौर एमपी सोनी ने पदमचंद और महेश मित्तल से मिलीभगत कर टेंडर दिए.  

ये सभी ईडी के शिकंजे में
तत्कालीन एसीएस सुबोध अग्रवाल,तीन चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल,केडी गुप्ता,आरके मीणा ईडी के शिकंजे में है.इनसे लगातार पूछताछ ही जा रही है.

इसके अलावा तत्कालीन एडिशनल चीफ इंजीनियर आरसी मीणा,सुबोध अग्रवाल के पूर्व ओएसडी और एडिशनल चीफ इंजीनियर शुभांशु दीक्षित,मंत्री जोशी के पूर्व ओएसडी और एक्सईएन संजय अग्रवाल,मंत्री के करीबी संजय बढाया,तपन गुप्ता,नमन गुप्ता,पूर्व आरएएस अमिताभ कौशिक,प्रॉपर्टी डीलर रामअवतार शर्मा,आलोक खंडेलवाल,कल्याण सिंह ईडी के शिकंजे में है.

अब हो सकते हैं बड़े खुलासे

2 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले में ईडी कड़ियां जोड़ते हुए पूर्व मंत्री महेश जोशी तक पहुंची.15 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद अब जल्द ही ईडी बड़े खुलासे कर सकती है.

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