कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले नहीं होगी विधायक दल की बैठक- संयम लोढ़ा
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कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले नहीं होगी विधायक दल की बैठक- संयम लोढ़ा

Big Statement OF Sanyam Lodha:  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार ने बड़ा बयान दिया है. सीएम सलाहकार का कहना है कि अब किसी भी प्रकार की कोई विधायक दल की बैठक नहीं होगी, जब तक कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता है.

संयम लोढ़ा

Sanyam Lodha Statement: राजस्थान में पिछले 2 दिन से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार ने एक बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा का कहना है कि अब किसी भी प्रकार की कोई विधायक दल की बैठक नहीं होगी, जब तक कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता है. अगर कांग्रेस आलाकमान द्वारा विधायकों से बात करने को लेकर कोई बात कही जाएगी, उसका सम्मान किया जाएगा. दिल्ली बात करने के लिए भी जाएंगे, लेकिन हमने हमारा मत विधानसभा अध्यक्ष, अजय माकन और आलाकमान के सामने रख दिया है.

मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि निश्चित रूप से सभी विधायकों की बात सुनी गई है, रात को उन्होंने हमें आश्वस्त किया है जो बातें हमने उनके सामने रखी हैं, वह कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई जाएंगी. हमें उम्मीद है कि विधायकों की बात का सम्मान होगा. रात को ही तय हो गया था कि अब मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद ही होगी, अगर सोनिया गांधी समय देती हैं तो दिल्ली जरूर जाएंगे. 

कांग्रेस में अनुशासनहीनता जैसी कोई चीज नहीं है. इस मामले को लेकर किसी को कुछ पता ही नहीं था. कोई पद खाली भी नहीं था फिर भी ऐसा क्या पहाड़ टूट रहा था कि बिना खाली पद के ही ऑब्जर्वेशन हो रहा है. पहले पद खाली तो होने दो, यह जल्दबाजी में उठाया कदम था और उससे एक गलत मैसेज गया है. पिछले चार-पांच दिन से पर्टिकुलर एक पक्ष के लोग प्रचारित कर रहे थे कि हम तो शपथ लेने वाले हैं, इससे यह सारा वातावरण खराब हुआ है.

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शांति धारीवाल के आवास पर फिर से होने वाली मीटिंग को लेकर संयम लोढ़ा ने कहा कि धारीवाल साहब के आवास पर मीटिंग को लेकर अभी कोई सूचना नहीं है, रात को हमारी सब से बात हो गई है, नो ऑब्जर्वर आए हैं. उनका यह कहना था कि हम किसी का नाम लेकर नहीं आए हैं, विधायकों की राय लेने आए हैं. लेकिन जिस जल्दबाजी में जो बातें हुई आप सब जानते हैं कि विधानसभा चल रही थी, उस दौरान भी जो माहौल बना था, वह माहौल सबसे बड़ा कारण था. 

इस पूरे घटनाक्रम का एक पद वाली बात तो मुख्यमंत्री को तय करना है, यह बात उन्होंने पहले ही कह दी है कि वह एक पद पर ही रहेंगे. मुख्यमंत्री से विधायक पिछले चार-पांच दिन से लगातार मिल रहे है. परसों दिन में मैं खुद भी मिल रहा था, उनको खुद को पता नहीं था कि कोई ऑब्जर्वर आने वाला है. लेकिन शाम को ही अचानक ऑब्जर्वर आने की बात सामने आई. ऐसे काम नहीं होते हैं, यदि ऐसा कोई ऑब्जर्वर भेजना था तो विश्वास में लेकर उनको भेजना चाहिए था.

आलाकमान पर विश्वास को लेकर पूछे गए सवाल पर संयम लोढ़ा ने कहा कि आलाकमान पर पूरा भरोसा है, राज्यसभा सांसद के तीनों नाम बाहर के आए थे. लेकिन इसके बावजूद भी सभी विधायकों ने एकजुट होकर तीनों को जिताया. महाराष्ट्र और हरियाणा में आप हार गए, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस और उनके सहयोगी विधायकों की निष्ठा पूरी तरीके से आलाकमान पर यह बात 4 साल से हम लगातार प्रदर्शित कर रहे हैं.

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