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Jaipur News: पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं तो दी, लेकिन साथ ही राठौड़ को राजनीतिक बयानों में लपेटते हुए डोटासरा ने तू-तपाक से भी परहेज नहीं किया. आमतौर पर भाषा संयम रखने वाले डोटासरा को पिछले दिनों आए नेता प्रतिपक्ष के बयान इतने गड़ गए दिखते हैं कि अब तो डोटासरा ने यहां तक कह दिया कि अगर राठौड़ को लगता है कि मैनें कुछ गलत किया है तो वे रड़क निकलवा दे.
डोटासरा ने कहा कि कभी विधानसभा में आरोप लगाए जाते हैं कि मेरी कोई बिल्डिंग है. डोटासरा यहीं नहीं थमे, बल्कि कहा कि राठौड़ तो अब अपने आपको केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नजदीकी बताते हैं तो वे जिससे जांच करवा लें. डोटासरा ने साल 2013 के विधानसभा चुनाव में राठौड़ के 15 दिन तक लक्ष्मणगढ़ में कैम्प करने का जिक्र करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राठौड़ को लगता है कि वे डोटासरा को हरा सकते हैं. पीसीसी चीफ ने कहा कि अगर उनकी पार्टी उन्हें टिकट देती है तो राठौड़ यह कोशिश भी करके देख लें.
पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने में बयानों के बाण धमने का नाम नहीं ले रहे हैं. चार दिन तक कांग्रेस की मैराथन बैठकों में व्यस्तता के बाद सीकर रवानगी से पहले डोटासरा ने एक बार फिर अपने शब्दबाणों का मुंह नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की तरफ़ कर दिया है.
डोटासरा ने कहा कि, राजेंद्र राठौड़ अपने सुपुत्र को लेकर अमित शाह और मोदी से मिलते हैं. अच्छी बात है ,उनको यह पद बुढ़ापे में मिला, लेकिन उनको मुबारक हो. डोटासरा ने कहा कि, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आप ईआरसीपी को लेकर अमित शाह और मोदी जी से बात क्यों नहीं करके आए? साथ ही कहा कि अगर बात की तो उस बात को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?
डोटासरा बोले कि जो अच्छे बच्चे मेहनत करके नौकरियां लेते हैं, राठौड़ उन पर टीका टिप्पणी करते हैं. उनका मानहानि करने का काम करते हैं, जो उनको शोभा नहीं देता. डोटासरा ने कहा कि 7 बार का एमएलए और नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद जो मुख्यमंत्री का चेहरा बन जाता है अगर मुख्यमंत्री के चेहरे वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत टिप्पणियां करके और मुख्य मुद्दों से हटते हैं तो यह सोचने वाली बात है.
डोटासरा ने कहा कि अगर उनमें दम है, तो मैं फिर कह रहा हूं कि वह एफिडेविट दें कि यह गड़बड़ हुई है और एफिडेविट देंगे और राजस्थान में किसी भी जांच अधिकारी से जांच की कहेंगे, तो मैं खुद आगे बढ़कर कहूंगा कि राजेंद्र राठौड़ जिस मामले पर एफिडेविट दे रहे हैं उसकी जांच करवाएं. ताकि दूध का दूध पानी और पानी का पानी हो.
डोटासरा ने कहा कि, मैं भी एफिडेविट दूंगा कि राजेंद्र राठौड़ के कार्यकाल में किन-किन बातों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी गरिमा में रहना चाहिए.डोटासरा ने कहा कि, राजेंद्र राठौड़ जब 2013 के चुनाव में मेरे इलाके में 15 दिन कैम्पेन की, क्योंकि उनका चुनाव पोस्टपोनड हुआ था। उसके बावजूद मैं 11000 वोटों से जीता था. आज वह नेता प्रतिपक्ष हैं. अगर उनको लगता है कि वे गोविंद डोटासरा को हरा सकते हैं तो उनकी पार्टी अगर टिकट दे तो उनको आना चाहिए और पुरजोर कोशिश करनी चाहिए.
डोटासरा यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी इसी तरीके के आरोप लगाता है. कभी कोई बिल्डिंग मेरी बताता है. कभी कोई यूनिवर्सिटी मेरी बताता है. डोटासरा बोले कि अगर ऐसा कोई तथ्य है, तो तू नेता प्रतिपक्ष है, करा जांच किसी भी चीज की. कौन मना करता है? ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स तेरे पास है। अमित शाह तेरे अच्छे मित्र हैं, अच्छे संबंध है।.किसी की भी रड़क निकलवाने में सक्षम है तो डर किस बात का है? डोटासरा बोले कि राजनीति में व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए.
डोटासरा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनको मुख्यमन्त्री कौन बनने देगा. गजेन्द्र शेखावत केवल पानी पिलाने के लिए थोड़ी है. वसुंधरा राजे भी राठौड़ के बीकानेर से निकलते ही चार घंटे में पहुंच गई. डोटासरा बोले कि ये लोग आपस में ही लड़कर निपट जाएंगे, हमें तो जरूरत ही नहीं. डोटासरा ने कहा कि हम इनसे नहीं लड़ रहे, लेकिन हमें तकलीफ हो रही है कि यह बेवजह छींटाकशी करते हैं.