Rajasthan Politics: नए जिलों को लेकर राठौड़ के बयान पर बवाल, टीकाराम जूली ने लगाया गोपनीयता भंग करने का आरोप
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Rajasthan Politics: नए जिलों को लेकर राठौड़ के बयान पर बवाल, टीकाराम जूली ने लगाया गोपनीयता भंग करने का आरोप

Jaipur News: राजस्थान में नए जिलों को लेकर एक बार फिर सियासी तकरार शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने छह से सात जिले समाप्त करने की बात कह कर सनसनी मचा दी. राठौड़ के बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पलटवार करते हुए गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा दिया.

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Jaipur News: प्रदेश में नए जिलों को लेकर एक बार फिर सियासी तकरार शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने छह से सात जिले समाप्त करने की बात कह कर सनसनी मचा दी. राठौड़ के बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पलटवार करते हुए गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा दिया. हालांकि बाद में बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने बयान जारी कर अध्यक्ष राठौड़ की बात को संभालने का प्रयास किया.

प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने जाते जाते 17 नए जिले बनाए थे. भाजपा की भजनलाल सरकार ने इन 17 नए जिलो के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी. मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था, कमेटी ने 30 अगस्त को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी . सुत्रों के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है. कई जिलों को प्रशासनिक जरूरत, दूरी के हिसाब से उपयुक्त नहीं माना है, कमेटी ने सीधे तौर पर जिले खत्म करने की सिफारिश नहीं की है, लेकिन मापदंडों पर खरा नहीं उतरने का जिक्र करके तथ्यात्मक ब्योरा दे दिया है.

भाजपा अध्यक्ष ने रिपोर्ट से पहले ही कह दिया जिले हटाएंगे
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले ही कह दिया कि छह से सात जिलों को समाप्त किया जाएगा. राठौड़ ने कल भीलवाड़ा दौरे के दौरान बयान दिया कि हमारी सरकार छह से सात जिले कम करने की मंशा बना चुकी है. कई नए जिले गलत तरीके से बना दिए गए हैं. सांचौर एक विधानसभा का जिला, केकड़ी, ऐसे ऐसे जिले बना दिए. कुछ जिले केवल तुष्टिकरण के लिए बना दिए गए उन्हें भी हटाएंगे. तत्कालीन सरकार ने लोगों को खुश करने के लिए जिले बना दिए. हमारी सरकार ने जिलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई है. कई जिले ऐसे हैं जिनकी मांग वाजिब भी है उन्हें रखेंगे बाकी जिलों को हटाएंगे.

लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ठंडे छींटे लगाने का प्रयास किया
इधर प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ठंडे छींटे लगाने का प्रयास किया. भारद्वाज ने कहा चुनावी लाभ के लिए कांग्रेस ने डेढ दर्जन जिले बना दिए. जहां जिले बनाए वहां कांग्रेस चुनाव हारी, जनता ने नकार दिया. इतने जिले एक साथ बनाने के बजाय एक दो जिले बनाकर जिलों का विस्तार करना था. राजस्थान में कितने जिले रहेंगे कितने जिले खत्म होंगे यह राज्य सरकार तय करेगी.

बीजेपी अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं
उधर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर हैं. बीजेपी अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं है. पार्टी के मुखिया हो सकते हैं . सरकार ने जिलों के लिए कमेटी बनाई है , कमेटी में मंत्री है अधिकारी हैं, उन लोगों की तरफ से हर बार टाइम मांगा जा रहा है. यह लोग जिस प्रकार से बातें कर रहे हैं जिलों में भी तुष्टिकरण का आरोप लगा रहे इनकी सोच क्या हो गई. हमने जिले बनाए थे लोगों को त्वरित न्याय मिल सके लोगों की परेशानी कम हो, नजदीक हेड क्वार्टर रहेगा तो उन्हें उतनी ही परेशानी कम होगी.

कांग्रेस का यह ऐतिहासिक निर्णय था. हरियाणा में 30 किलोमीटर में जिले हैं जबकि राजस्थान में 100 से ज्यादा किलोमीटर दूरी पर जिला मुख्यालय. देश में सबसे बड़ा क्षेत्रफल राजस्थान का है और 33 जिले थे गहलोत जी ने आगे बढ़ते हुए 50 जिले बनाए ताकि लोगों को सहूलियत मिले ज्यादा संसाधन उपलब्ध हो सके. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जिस प्रकार से बयान दिया है, सरकार की सारी चीज लीक कर रहे हैं . 6 से 7 जिले काम करने की बात कर रहे हैं डिजाइन चेंज करने की बात कर रहे एरिया को चेंज करने की बात करें. उनका कहना इस प्रकार से कहना गलत है. सक्षम स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री हो कमेटी के अध्यक्षों या मेंबरों वह स्थिति में आ जाए तब इनका तब इनका अनाउंसमेंट होना चाहिए. यह लोग राजस्थान का अच्छा नहीं सोच रहे. इन्हें पांच 10 जिले और हो जहां डिमांड आ रही है, वहां पर नए जिलों का विचार करना चाहिए नए जिले बनाने चाहिए.

 

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