Rajasthan News: प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृत के मामले को लेकर विपक्ष ने सदन में कई सवाल खड़े किए. विपक्ष ने कहा कि क्या यही जीरो टॉलरेंस की सरकार है.
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Rajasthan Politics: संसदीय कार्मिक मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि IAS, IPS, RAS और RPS अधिकारियों के खिलाफ 18 मामले लंबित है. इन पर कार्मिक विभाग के स्तर पर नियम अनुसार अपेक्षित प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लिया जाएगा. विधायक भंसाली ने पूरक सवाल में पूछा प्रकरण वर्षों से लंबित है. लंबित प्रकरण किस स्तर पर किसी अधिकारी के पास क्यों लंबित है ? अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई का क्या विचार रखती है ? सत्ता में जीरो टॉलरेंस की सरकार है. ऐसे में कब तक अभियोजन के इन केसों को निपटा देगी?
मंत्री जोगाराम ने कहा कि 18 प्रकरणों में 6 प्रकरण 2017, वर्ष 2018 का 1 प्रकरण है, 2019 का एक प्रकरण है, 2020 में कोई नहीं है, 2021 में 2 और 2022 के पांच, 2023 के 3 प्रकरण विभिन्न कारणों से अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी गई है. किसी में कोर्ट स्टे, किसी में भारत सरकार की अनुमति बाकी है. वहीं, विधायक अतुल भंसाली ने कहा कि अभियोजन स्वीकृति लंबित रहती है, उनके नीचे के अधिकारी बचने का कोई न कोई उपाय निकलते हैं.
जोगाराम पटेल ने कहा कि सदस्य की शंका सही है. आज तक के प्रकरण को देखने पर पता चलता है कि किसी ने किसी कारण से अभियोजन स्वीकृति में देरी हो रही है. जल्दी से जल्दी स्वीकृति दी जाए इसको लेकर प्रयास किए जाएंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जो सरकार जीरो टॉलरेंस बात करती है. पिछले 8 महीने में कितनी अभियोजन स्वीकृति दी गई है ? जिस पर जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछले 8 महीने से कोई स्वीकृति नहीं दी गई.
जूली ने सत्ता पक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यही जीरो टॉलरेंस है क्या? क्या आपने 8 महीने में एक में भी अभियोजन स्वीकृति नहीं दी. विपक्ष के सदस्य खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे और जवाब मांगने लगे. इस पर जोगाराम पटेल ने कहा कि 8 महीने में 11 स्वीकृतियां जारी कर दी है. अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चेतावनी दी प्रश्नकाल में व्यवधान नहीं चलने दूंगा. उन्होंने अगला सवाल पुकार लिया. इसके बाद मामला शांत हुआ.
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