Rajasthan Schools Reopening: पूरा विश्व पिछले दो सालों से कोरोना से जंग लड़ रहा है. कोरोना ने हर तबके को परेशान किया, लेकिन शिक्षण व्यवस्था पर जो असर डाला वो काफी डराने वाला रहा. पिछले दो सालों में अगर बात की जाए तो करीब 15 महीनों तक कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल बंद ही रहे.
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Jaipur: पूरा विश्व पिछले दो सालों से कोरोना से जंग लड़ रहा है. कोरोना ने हर तबके को परेशान किया, लेकिन शिक्षण व्यवस्था पर जो असर डाला वो काफी डराने वाला रहा. पिछले दो सालों में अगर बात की जाए तो करीब 15 महीनों तक कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल बंद ही रहे. कोरोना की पहली से लेकर तीसरी लहर के बीच तीन बार स्कूल तो खुले, लेकिन फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों को बंद कर दिया गया, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही अब एक बार फिर से पूरी क्षमता के साथ प्रदेश में स्कूल खुलने (Rajasthan Schools Reopening) जा रहे हैं.
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मार्च के पहले सप्ताह में प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी और महज दो सप्ताह में ही कोरोना ने प्रदेश में अपने पैर पूरी तरह से पसार लिए. बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च 2020 को राजस्थान में लॉकडाउन लगा. कोरोना की पहली लहर इतनी खतरनाक रही कि मार्च 2020 में बंद हुए स्कूल के ताले जनवरी 2021 में खुले. जनवरी 2021 में कोरोना की पहली लहर का प्रकोप कम होने के बाद स्कूलों को तीन चरणों में खोलने का फैसला लिया गया. पहले चरण में जनवरी 2021 में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की स्कूल खुली, तो दूसरे चरण में कक्षा 6 से 9वीं तक की स्कूल खुली, लेकिन कक्षा 1 से 5वीं तक की स्कूल खुलने से पहले ही फिर से कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ने लगा, जिसके चलते मार्च 2021 में फिर से स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया.
22 मार्च 2020 को लॉक डाउन के साथ शिक्षण संस्थान हुए बंद
करीब 9 महीनों के लम्बे अंतराल के बाद जनवरी 2021 से खुले स्कूल
जनवरी 2021 में 9वीं से 12वीं और फरवरी में 6 से 9वीं तक की कक्षाएं हुई शुरू
लेकिन फरवरी में कोरोना की दूसरी लहर के बाद मार्च में फिर से स्कूल हुए बंद
कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रदेश में करीब 6 महीनों तक स्कूले रही बंद
मार्च में बंद हुए स्कूलों को फिर से सितम्बर के महीने में खोलने किया शुरू
कोरोना की दूसरी लहर इतनी ज्यादा खतरनाक रही की पूरे देश में हाहाकार मच गया. मार्च 2021 में बंद हुए स्कूलों को फिर से खुलने के लिए करीब 6 महीनों का समय लगा. दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही सितम्बर में फिर से स्कूल खोलने की शुरूआत हुई. सितम्बर में तीन चरणों में कक्षा 1 से 12वीं तक की स्कूलों को खोला गया, लेकिन ये स्कूल भी ज्यादा समय के लिए नहीं खुल पाई. दिसम्बर में तीसरी लहर को देखते हुए फिर से स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया और करीब तीन तीन महीनों के इंतजार के बाद फरवरी 2022 से फिर से स्कूल खोलने का फैसला लिया. पहले चरण में 1 फरवरी से कक्षा 10वीं से 12वीं तक की स्कूल खोली गई. वहीं, 10 फरवरी से कक्षा 6 से 9वीं तक की स्कूलों को खोला गया और अब 16 फरवरी से कक्षा 1 से 5वीं तक की स्कूले खुलने जा रही है.
कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद सितम्बर में खुली स्कूलें
सितम्बर के महीने में तीन चरणों में फिर से खोला गया स्कूलों को
लेकिन दिसम्बर में एक बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक
जिसके बाद फिर से स्कूलों को बंद करने का लिया गया फैसला
1 फरवरी से कक्षा 10वीं से 12वीं तो 10 फरवरी से 6 से 9वीं तक के स्कूल खुले
अब 16 फरवरी से कक्षा 1 से 5वीं तक की स्कूलों की होगी शुरूआत
हालांकि स्कूल आने से पहले अभिभावकों का सहमति पत्र लाना अनिवार्य
स्कूल खोलने को लेकर स्कूल संचालकों में खासा उत्साह नजर आ रहा है. बच्चों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए स्कूल संचालक पूरी तरह से तैयार हैं. स्कूल प्रिंसीपल सोनिया शर्मा का कहना है कि "बच्चों के स्वागत के लिए स्कूल पूरी तरह से तैयार है. लम्बे समय से स्कूल नहीं खुलने से बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने साथ ही उनकी पढ़ाई फिर से पटरी पर लौटे इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली है. इसके साथ ही बच्चों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिए जा रहे हैं."
वहीं अभिभावक स्कूल फिर से खुलने से खुशी भी नजर आ रहे हैं तो वहीं चिता भी उनके चेहरों पर नजर आ रही है. अभिभावक मनीष विजयवर्गीय का कहना है कि "स्कूल पूरी क्षमता के साथ खुलने जा रहे हैं. ऐसे में स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है की वो बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरे कदम उठाए. साथ ही शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी भी है कि वो स्कूलों का निरीक्षण कर सुनिश्चित करे की कोरोना गाइड लाइन की पालना कर रहा है या नहीं. इसके साथ ही स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास बंद नहीं करनी चाहिए. अगर कोई स्कूल सरकार के आदेशों का उल्लंघन करता है तो उस स्कूल पर कार्रवाई का भी की जानी चाहिए."