Rajasthan News: आबकारी विभाग और वित्त विभाग में इन दिनों सरगर्मियां तेज हैं. हर साल फरवरी माह के पहले या दूसरे सप्ताह में आबकारी नीति घोषित की जाती है. पिछले वर्ष शराब दुकानों का नवीनीकरण किया गया था। इस बार भी वित्त विभाग के अफसर नवीनीकरण के प्रयास में लगे हैं.
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Rajasthan News: आबकारी विभाग ने यूं तो नई आबकारी नीति लाने के लिहाज से तैयारियां कर ली हैं. सभी जिला स्तर से अधिकारियों से सुझाव भी लिए जा चुके हैं, लेकिन वित्त विभाग के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि, विभाग में इस बार भी शराब दुकानों का नवीनीकरण किया जाएगा. यह कितनी अधिक दर बढ़ाकर होगा या अन्य क्या शर्तें होंगी, यह तय होना बाकी है.
हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार परिस्थितियां अलग हैं. पिछले वर्ष जिन लाइसेंसियों के पैसे बकाया थे और उन्हें पैसे डूबने का डर था, उन लोगों ने रिन्यूअल करा लिया था. विभागीय सूत्रों की मानें तो, ऐसे ही लाइसेंसी इस वित्त वर्ष में जमकर गारंटी तोड़ रहे हैं. विभाग की 800 करोड़ से अधिक की गारंटी का शॉर्टफाल (ऐसी राशि जो अपेक्षा या आवश्यकता से कम है) रही है.
दरअसल, नए वित्त वर्ष में पॉलिसी को लेकर विभिन्न जिला आबकारी अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में अपने सुझाव दे दिए हैं. कुछ जिलों में शराब दुकानों के समूह भी बनाए गए हैं. हालांकि जयपुर में ऐसी कवायद अभी नहीं की गई है. ऐसे में पॉलिसी को लेकर विभाग में कई स्तर पर कवायद जारी है.
क्या हो सकता है नई पॉलिसी में ?
गारंटी पूर्ति करने वाली शराब दुकानों का नवीनीकरण संभव ऐसी दुकानों के लिए कुछ प्रतिशत बढ़ोतरी कर नवीनीकरण संभव या फिर दुकानों का समूह बनाकर ऑक्शन करना संभव वार्ड वाइज या क्षेत्र के हिसाब से दुकानों का समूह बनाना संभव इससे एक क्षेत्र में लाइसेंसी फिक्स होने से राजस्व बढ़ सकेगा पुराने लॉटरी सिस्टम को फिर शुरू करने की संभावना कम |
मौजूदा सिस्टम में आबकारी विभाग को राजस्व बढ़ा हुआ तो मिल रहा है, लेकिन इसमें बड़ी मात्रा में राजस्व बकाया भी रह रहा है. वित्त वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग 1072 करोड़ रुपए की राशि बकाया रही थी. इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष में भी गारंटी राशि में 800 करोड़ से अधिक की टूट रही है. यदि एनुअल लाइसेंस फीस को नहीं जोड़ा जाए तो यह राशि बकाया रही है.
आश्चर्यजनक बात यह है कि जयपुर जोन में आरएएस अधिकारी राकेश शर्मा पिछले 3 साल से पदस्थापित हैं. इतना लम्बा अनुभव होने के बावजूद भी जयपुर जोन शॉर्टफाल के मामले में सबसे आगे है. वहीं जोधपुर और कोटा जोन में भी बड़ी मात्रा में गारंटी में शॉर्टफाल रहा है.
आबकारी विभाग में 808 करोड़ का शॉर्टफाल
अप्रैल 2023 से 24 जनवरी 2024 तक का बकाया शॉर्टफाल सर्वाधिक 246 करोड़ का जयपुर जोन में शॉर्टफाल रहा है बीकानेर जोन में 86.84 करोड़, कोटा में 111.95 करोड़ |