पूरे राज्य की बात करें तो राजस्थान में 295 में से 203 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए यानि राज्य के 70 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में चला गया है. भूजल विभाग के चीफ इंजीनियर सूरजभान सिंह का कहना है कि राज्य में लगातार स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है.
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Jaipur: चेन्नई में जमीन के नीचे पानी खत्म हो गया है लेकिन राजस्थान के 9 जिलों की स्थिति भी चेन्नई से कम नहीं है क्योंकि मरूधरा के 9 जिलों की स्थिति चेन्नई जैसी हो गई है. इन जिलों में 100 प्रतिशत भूजल डार्क जोन में चले गए हैं. राज्य के भूजल विभाग की यह रिपोर्ट वाकई डराने वाली है क्योंकि इन आकंड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कहीं चेन्नई जैसी स्थिति राजस्थान के इन जिलों की न हो जाए.
पूरे राज्य की बात करें तो राजस्थान में 295 में से 203 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए यानि राज्य के 70 प्रतिशत भाग अतिदोहित श्रेणी में चला गया है. भूजल विभाग के चीफ इंजीनियर सूरजभान सिंह का कहना है कि राज्य में लगातार स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है. ऐसे में कई विभागों को सचेत भी किया जा चुका है. जिन क्षेत्रों को डार्क जोन घोषित किया जा चुका है, उन क्षेत्रों में ट्यूबवेल खोदने के लिए मना किया गया है और भूजल बढ़ाने के लिए प्रयास करने के लिए कहा है.
मरूधरा डार्क जोन में, जमीन का पानी खत्म हो रहा
जयपुर में 15 में से 14 ब्लॉक डार्क जोन में
जयपुर में 15 में से 14 ब्लॉक डार्क जोन में शामिल हैं. आमेर, बैराठा, बस्सी, चाकसू, दूदू, गोविंदगढ, जालसू, जमवारामगढ, झोटवाडा, कोटपुतली, पावटा, सांभर, सांगानेर, शाहपुरा डार्क जोन में शामिल हो चुके हैं. दूसरी तरफ भूजल विभाग की रिपोर्ट ये बताती है कि पानी का संचय करना ही काफी नहीं होगा. बल्कि भूजल स्तर को बढाना बहुत जरूरी होगा क्योंकि आने वाले दिनों में यदि पानी का रिचार्ज नहीं हुआ तो जलसंकट के लिए और भी हालात बिगड़ सकते हैं. जयपुर में केवल फागी ब्लॉक में पानी की स्थिति ठीक है, बाकी सभी ब्लॉक डार्क जोन में शामिल है.
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