इसका मकसद राजस्थान के ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट, गारमेंट, स्टोन, मिनरल्स, फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य सेक्टर में निर्यात संभावनाओं को बढ़ाना है.
Trending Photos
Jaipur: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) निर्यात बढ़ाने पर फोकस कर रही है. इसके लिए न केवल बड़े उद्यमों पर ध्यान दिया जा रहा है, साथ ही एमएसएमई इकाइयों को भी सबल बनाने की तैयारी है.
इसके लिए आज से राजस्थान (Rajasthan) में मिशन निर्यातक बनो लॉन्च किया गया है. इसका मकसद राजस्थान के ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट, गारमेंट, स्टोन, मिनरल्स, फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य सेक्टर में निर्यात संभावनाओं को बढ़ाना है.
यह भी पढ़ें- जानिए Rajasthan के किसान ढिल्लों की कहानी, जिनका जिक्र PM Modi ने किया!
राजस्थान बनेगा निर्यात स्थान
मिशन के जरिए न केवल निर्यात इकाइयां विशेष का दर्जा हासिल करेंगी
राजस्थान की उद्योग संभावनाएं अब केवल राजस्थान और भारत तक सीमित नहीं रहेंगे, इन्हें सात समंदर पार तक फैलाने की कवायद में गहलोत सरकार है. प्रदेश का उद्योग महकमा यहां के विभिन्न सेक्टर से निर्यातक बढ़ाने की दिशा में प्रभावी काम कर रहा है. इसके लिए मिशन निर्यातक बनो लॉन्च किया है. मिशन के जरिए न केवल निर्यात इकाइयां विशेष का दर्जा हासिल करेंगी. साथ ही नीतिगत राहतें, सरकारी अनुदान, कर्ज, सलाह, नए बाजार की जानकारी, दूतावासों से संपर्क से जुड़ी कई मदद अब राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) करेंगी. राजस्थान में 2020-21 में राजस्थान से हुआ था 52,764.31 करोड़ का निर्यात कारोबार हुआ था, चालु वित्त वर्ष में इसे 60 हजार करोड़ रुपये के पार करने की कोशिश सरकार की है.
निर्यात
वर्ष 2019-20- 49,946.09 करोड़ रुपये
वर्ष 2020-21- 52,764.31 करोड़ रुपये
वर्ष 2021-22- 60 हजार करोड़ रुपये लक्ष्य
क्या कहना है उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा का
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi lal Meena) का कहना है कि मिशन “निर्यातक बनो” राजस्थान की इकाइयों को नया बाजार देगा. केवल घरेलू खपत ही नहीं अब वैश्विक बाजार पर छाने की तैयारी में राजस्थान है. राजस्थान में निर्यात की अपार संभावनाओं को देखते हुए उद्योग विभाग मिशन “निर्यातक बनो” लॉन्च कर रहा है, जिसके तहत उत्पादक को सीधे ही निर्यात प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा. स्वामित्व, साझेदारी और कंपनी अधिनियम के अंतर्गत आने वाली फर्म एवं एमएसएमई जो किसी भी प्रकार के उत्पाद के निर्माता एवं खुदरा व्यापारी, राजस्थान में कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह और स्टार्टअप्स से जुड़े व्यक्तियों को निर्यात लाइसेंस जारी करने से लेकर पहले कन्साइनमेंट निर्यात करने तक विभाग पूरा सहयोग करेगा. साथ ही इससे संबंधित सभी जानकारी निर्यातकों को संभाग स्तर पर उपलब्ध करवाई जाएगी.
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा - उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मिशन निर्यातक बनो राज्य सरकार की अनोखी पहल है. फिलहाल प्रदेश में 1 लाख 33 हजार निर्यातकों को आई सी कोड मिला है. इस योजना के तहत 22 हजार नये निर्यातकों को कोड दिया जाएगा . राजस्थान से अन्य प्रदेश के व्यापारी हैंडीक्राफ्ट और मसाले खरीदकर अन्य देशों को निर्यात करते हैं. राजस्थान के उद्योगों को आई सी कोड मिलने पर निर्यात सीधे ही कर पाएंगे. 68 उपखंड मुख्यालयों पर उद्यमों के लिए जल्द जमीन आवंटन होगी. पाली मारवाड़ में इंडस्ट्रीज कोरिडोर को विकसित किया जाएगा. राजस्थान में निवेश की इजाजत इन्वेस्टमेंट बोर्ड बनाकर एक लाख करोड़ के निवेश की दी गई है. उद्योगों की परेशानी को कम करने के लिए सिंगल विंडो की शुरुआत होगी.
उद्योगों के लिए सिंगल विंडो की शुरुआत अगस्त महीने में प्रदेश में कर दी जाएगी.
वर्ष 2020-21 में सेक्टर में अधिक निर्यात
टैक्सटाइल 5729 करोड़ रुपये
एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग 3740 करोड़ रुपये
जेम एंड ज्वैलरी 4,067 करोड़ रुपये
इंजीनियरिंग 7,781 करोड़ रुपये
मैटल 5300 करोड़ रुपये
स्टोन 4100 करोड़ रुपये
कैमिकल 5,000 करोड़ रुपये
हैंडीक्राफ्ट 6,200 करोड़ रुपये
रेडीमेड गारमेंट 1,800 करोड रुपये
कई सेक्टर्स का होगा विकास
राजस्थान से टैक्सटाइल, जेम एंड ज्वैल्री, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, मैटल, स्टोन, इंजीनियरिंग गुड्स, हैंडीक्राफ्ट, रेडीमेड गारमेंट, कैमिकल, कारपेट, प्लास्टिक उत्पाद बड़ी संख्या में निर्यात होते हैं. वर्तमान सालाना 300 करोड़ रुपये की ग्रोथ दर्शा रहे सेक्टर में अब 1000 करोड़ रुपये से अधिक की तेजी लाने का प्रयास सरकार है. यह मिशन अगर सफल रहा तो राजस्थान से न केवल निर्यात बढ़ेगा, साथ ही पर्यटन, रोजगार और औद्योगिक सेक्टर का विकास होगा.