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Jaipur: रीट परीक्षा में धांधली को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल जारी है. सरकार ने एसओजी के खुलासे के बाद रीट परीक्षा लेवल 2 को निरस्त कर दिया है. लेकिन बीजेपी रीट परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है. राजधानी जयपुर में मंगलवार को बीजेपी विधायक दल ने गांधी सर्किल पर धरना देकर पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस सरकार पर खूब हमला बोला. कटारिया ने कहा कि अभी तक एसओजी ने इस मामले में अच्छी जांच की है, लेकिन बड़े नाम आने के बाद संशय हो गया है. कटारिया ने कहा कि क्या एसओजी मंत्री सुभाष गर्ग को पूछताछ के लिए बुला सकती है? उन्होंने कहा कि रीट में सुनियोजित षड्यंत्र हुआ है. 5 करोड़ में पर्चे की डील हुई.
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कटारिया ने कहा कि जब तक इस सरकार को रगड़कर नहीं छोड़ेंगे तब तक हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा में इस सरकार को घुटनों के बल पर चलाकर छोड़ेंगें. कटारिया ने कहा कि राजस्थान में रीट से बड़ा कोई स्कैंडल नहीं हो सकता. जब तक रीट परीक्षा की सीबीआई जांच नहीं होती तब तक सदन और सड़क पर अंतिम दम तक लड़ेंगे. कटारिया ने कहा कि रीट के जरिये सरकार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सरकारी नौकरी में बैकडोर एन्ट्री कराने की कोशिश की.
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वहीं इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तक हमारी शराफत और नजाकत देखी है, लेकिन अब वक्ता आ गया है कि बीजेपी कार्यकर्ता अब उन्हें अपनी हिमाकत भी दिखा दें. पूनिया ने कहा कि सरकार चाहे कितना भी टाले, लेकिन बीजेपी सदन से सड़क तक सरकार पर दबाव बनाएगी और इसकी जांच सीबीआई से कराएगी. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सरकार पर जमकर हमला बोला. राठौड़ ने कहा कि रीट परीक्षा में राजीव गांधी स्टडी सर्किल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा कि इस मामले में परतें उधड़ने के साथ बड़े नाम आने लगे तो सरकार ने उनको बचाने के लिए परीक्षा को रद्द कर दिया.
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धरने में वसुंधरा राजे मौजूद थीं पर बोलीं नहीं
गांधी सर्किल पर हुए इस धरने में बीजेपी के विधायकों के साथ पूर्व मुख्यमन्त्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं. इस धरने में नेताओं के लिए चार ही कुर्सियां लगाई गई थीं. जिन पर गुलाबचंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे बैठें. हालांकि राजे के आने से पहले पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता को कुर्सी पर जगह मिली. धरने पर वसुंधरा राजे के सम्बोधन को लेकर भी असमंजस की स्थिति रही. अग्रिम मोर्चों के प्रदेशाध्यक्षों के बाद राठौड़ और कटारिया का सम्बोधन हुआ तो विधायक दल के इस धरने का समापन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के सम्बोधन के साथ हुआ. इस धरने में वसुंधरा राजे मौजूद तो रहीं, लेकिन उनका सम्बोधन नहीं हुआ.