5 अगस्त से जयपुर में भिखारियों का रेस्क्यू ऑपरेशन, पकड़कर किया जाएगा पुनर्वास
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5 अगस्त से जयपुर में भिखारियों का रेस्क्यू ऑपरेशन, पकड़कर किया जाएगा पुनर्वास

राजस्थान को बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त किया जाएगा. इसके तहत जयपुर में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ 4 अगस्त तक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur : राजस्थान को बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त किया जाएगा. इसके तहत जयपुर में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ 4 अगस्त तक जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके बाद 5 अगस्त से भिखारियों का रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation ) शुरू किया जाएगा. ऑपरेशन के तहत भिखारियों (Beggars ) को पकड़कर उनका पुनर्वास किया जाएगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की मंशा प्रदेश को बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की है. सीएम गहलोत की भावना के अनुरूप राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यह बीड़ा उठाया है. आयोग की ओर से अभियान की सफल क्रियान्विति के लिए विभिन्न विभागों और एनजीओ का सहयोग ले रहा है. आयोग की ओर से 20 जुलाई से जयपुर में भिक्षावृत्ति के खिलाफ जन जागरण अभियान शुरू किया गया है. 

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मोबाइल वेन और प्रचार सामग्री से जागरण
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Rights) के जनजागरूकता अभियान के तहत 4 मोबाइल वैन और अन्य प्रचार सामग्री के माध्यम से शहर भर में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं, 5 अगस्त से रेस्क्यू ऑपरेशन शूरू किया जाएगा.

अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक
इस अभियान को और अधिक मजबूत करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाएगी. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में संबंधित विभागों और स्वयं सेवी संगठनों की बैठक हुई. बैठक में अभियान को लेकर सभी विभागों ने अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. साथ ही इन कार्यों में आ रही समस्याओं से भी अध्यक्ष को बताया. बैठक में विभागों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की गई.

बच्चों के मामलों के लिए विशेष थाने के गठन का सुझाव
बैठक में कई अहम सुझाव सामने आए जिसमें महिला थाने की तर्ज पर जयपर शहर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बच्चों के मामलों की लिए विशेष थाने का गठन किया जाने का सुझाव सामने आया. इसके लिए राज्य सरकार को इसकी अनुशंषा की जाएगी.

अधिकारियों को मिलेगी नियमित ट्रेनिंग
बाल श्रम की रोकथाम के लिए जिलों में स्थापित जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों और थानों में पदस्थापित बाल कल्याण सुरक्षा अधिकारियों को नियमित रूप से विशेष प्रशिक्षण देने पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही पंचायत स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय और जिला स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन कर बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति पर उनकी सक्रियता को लेकर विचार विमर्श किया गया.

कार्रवाई से उत्पन्न हो भय
बाल श्रम में संल्रिप्त नियोक्ताओं के खिलाफ त्वरित दर्ज हो, साथ ही चालान समय पर पेश किया जा सके, जिससे कि नियोक्ता को न्यायालय दूवारा सख्त से सख्त सजा मिल सके, जिससे काम करने वाले अन्य लोगों में भी भय रहे.

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