सीएम पद पर अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट के नाम के बीच, कटारिया का चुनावों में बीजेपी के चेहरे को लेकर बड़ा बयान
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सीएम पद पर अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट के नाम के बीच, कटारिया का चुनावों में बीजेपी के चेहरे को लेकर बड़ा बयान

राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के रुप में सचिन पायलट का नाम सामने आने के बाद, चंद कटारिया ने बीजेपी में आगामी विधानसभा के लिए पार्टी के चेहरे पर बड़ा बयान दे दिया है.

सीएम पद पर अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट के नाम के बीच, कटारिया का चुनावों में बीजेपी के चेहरे को लेकर बड़ा बयान

Jaipur : राजस्थान के अगले सीएम के नाम अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. सीएम अशोक गहलोत के मुताबिक पार्टी का आलाकमान ये तय करेगा कि कौन राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री होगा. गहलोत ने कहा कि ये पूरी प्रक्रिया के तहत होने वाला काम है. इधर सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा में विधायकों से मुलाकात की इस दौरान मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब, दीपेंद्र, गिरिराज समेत तमाम विधायक मौजूद रहे.

इधर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव और पार्टी के हालत को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश की कमान किसके हाथों में होगी. ये तो पता नहीं हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अपना अपना मुंह धोया होगा. अब किस के माथे पर टोपी बंधती है, ये तो उनकी पार्टी तय करेगी.

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वहीं बीजेपी में चेहरे के सवाल पर कटारिया ने मजाकिया लहजे में कहा कि हमारा चेहरा तो हम ही हैं, हमारा चेहरा कोई खराब थोड़े हैं.  मैं खुद भी प्रतिपक्ष का नेता हूं. कटारिया ने कहा कि पार्टी से जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभाएंगे.

कटारिया ने कहा कि  हमने कभी आदमी के हिसाब से नहीं, अपने सिद्धांतों के हिसाब से मुकाबला किया है. सचिन पायलट से नेताओं की मुलाकात पर कटारिया ने कहा कि हर आदमी अपनी संभावनाएं देखता है. हर आदमी अपना-अपना एसेसमेंट करता है. कटारिया ने कहा, कि कौन बने, कौन नहीं, इस मामले में हमारा कोई ख्याल नहीं. बीजेपी के चेहरे के सवाल पर कटारिया बोले. हमारे लिए कोई मुसीबत नहीं है, जाती हुई सरकार को अब कोई नहीं बचा सकता.

वहीं राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल के पारित नहीं आने पर भी कटारिया ने टिप्पणी की और कहा कि  ये बिल ऐतिहासिक और जनता के लिए बेहद उपयोगी है. लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अधूरी तैयारी के साथ बिल लेकर आई. कटारिया ने कहा कि इतने विस्तृत कानून को लाने से ठीक पहले दिन विधायकों को दे दिया गया, उसे स्टडी करने में समय लगता है और इसीलिए इसे प्रवर समिति को भेजा गया है.

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