Kite Flying: जयपुर में मौसम और माहौल पतंगबाजी का है, कांग्रेस और बीजेपी में सियासी दांव-पेच भी खूब चल रहे हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी पतंगबाजी के बहाने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
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Kite Flying: राजस्थान के गुलाबी शहर में इन दिनों पतंगबाजी और सियासत दोनों साथ-साथ चल रही है. इस बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की सियासी डोर कमजोर हो चुकी है, आने वाले समय में आसमान पर पंजे की पतंग कहीं दिखाई नहीं देगी. पूनिया ने वर्ष 2023 और 2024 के चुनावों में सिर्फ और सिर्फ भाजपा की पतंग ही आसमान में होने का दावा किया.
किशनपोल बाजार के सौंखियों का रास्ता में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी कार्यकर्ताओं के साथ पतंगबाजी करने पहुंचे. छत पर शहर के नामी लोग मौजूद थे, वहीं कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा सहित अन्य नेता भी पतंगबाजी का लुत्फ ले रहे थे. पूनिया ने पतंगबाजी पर हाथ भी आजमाए और वो काटा वो मारा का शोर भी किया.
इस दौरान पूनिया ने कहा कि आनंद और उल्लास का पर्व संक्रांति, खासतौर पर छोटी काशी गुलाबी नगरी में पतंगबाजी का अपना एक लुत्फ है. राजनीति से हटकर ठंडी हवाएं हैं, ऊंची पतंगे हैं, रंग बिरंगी पतंगे हैं, उसका आनंद लिया जाए. पतंगे संदेश देती है कि यदि व्यक्ति संतुलित तरीके से चले और उसके पक्ष में हवा चले तो ऊंचाइयां छू सकती है. अब तो 23 में बीजेपी की पतंग और 24 में बीजेपी और मोदी की पतंग ऊंचाई हासिल करेगी.
बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे लग रहा है कि कांग्रेस की डोर तो कटने वाली है. उनकी पतंग ऐसे कटेगी कि दोबारा राजस्थान के आसमान पर पंजे की पतंग कभी नहीं उड़ेगी. पूनिया ने कहा कि कांग्रेसी चाइनीज मांझा लगते हैं, लेकिन ज्यादा देर चलता नहीं है, बल्कि नुकसान करता है.
राजस्थान में बहुत लोगों का नुकसान किया, प्रतिबंध के बावजूद बहुत से लोगों ने उपयोग किया. राजस्थान सरकार रोक नहीं पाई. पक्षी घायल हुए, लोग घायल हुए. पूनिया ने कहा कि हमारी स्वदेशी डोर है उससे लड़ेंगे और हराएंगे भी.
पूनिया ने पतंगबाजी के दौरान कहा कि अभी तो शुरुआत की है,कांग्रेस की पतंगे काटेंगे खूब सारी, ऐसी हालत करेंगे कि आसमान में उनकी पतंग नहीं होगी। अब तो कांग्रेस की सियासी डोर कमजोर है, भाजपा की एकदम मजबूत है जोरदार है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक , कच्छ से कोहिमा तक कांग्रेस पूरी तरह नकार दी गई. भारत जोड़ो यात्रा के सियासी पाखंड से जुड़ने वाली नहीं है. उन की डोर कमजोर है उनको उठाने वाले कमजोर है, उनके पतंग कमजोर है ना पतंग में दिशा है न दशा है, न विचार है, ना नीति है और ना दर्शन है.
पतंग के जरिए संदेश देते हुए पूनिया ने कहा कि चुनाव में कार्यकर्ताओं को मस्ती के साथ उल्लास के साथ , ऊंचे लक्ष्य के साथ, विरोधियों पर निगाह रखकर पूरी ताकत से विधानसभा में भी लड़ना और सड़क पर भी और अपने-अपने लोकसभा में लड़ना है. कार्यकर्ता को 2023 और 2024 के लिए प्रतिबद्ध होकर काम करना है. पतंग सयम सिखाती है हौसला भी सिखाती है, उड़ान के लिए तैयार होना भी सिखाती है.
किसी भी परिस्थिति में हर रंग में हर रंग में कार्यकर्ता ढले उसे निष्ठा के साथ पूरी तैयारी के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ दुश्मन पर निगाह रखते हुए पूरी ताकत से लड़ना होगा.
2024 में फिर मोदी सरकार
पूनिया ने कहा कि वर्ष 2023 में भाजपा की पतंग बहुत उंची जा रही है, 180 से ज्यादा सीटें जीत रहे हैं, वर्ष 2024 में एक बार फिर मोदी सरकार आ रही है, कितनी पतंग काटेंगे के सवाल पर पूनिया ने कहा कि रास्ते में जो भी पतंगे आएंगी वो उन सबको काटते जाएंगे. मैदान में फॉर्चूनर जितनी पतंगे छोड़ेंगे.
वहीं कांग्रेस पार्षद उत्तम चंद शर्मा ने राजनीति से हटकर सिर्फ इतना ही कहा कि मैं पिछले 30 सालों से इस घर में आ रहा हूं. यहां पतंगबाजी का जो माहौल देखना है, वह मजेदार होता है, हम सब लोग एंजॉय करते हैं पतंग उड़ाएं बस पक्षियों और बच्चों का ध्यान रखें, प्यार भरा माहौल बनाए रखें.
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