Rajasthan में जजों और कोर्ट की सुरक्षा भगवान भरोसे, डेढ़ साल से अटकी फाइल
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Rajasthan में जजों और कोर्ट की सुरक्षा भगवान भरोसे, डेढ़ साल से अटकी फाइल

राजस्थान में कोर्ट परिसरों की सुरक्षा (Security of Court Complexes in Rajasthan) की फाइल करीब डेढ़ साल से पेंडुलम बनी हुई है.

फाइल फोटो

Jaipur: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अदालत परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने और जजों की सुरक्षा के मामले में राज्य सरकारों को जवाब दाखिले के लिए एक और मौका देखा है, लेकिन राजस्थान में कोर्ट परिसरों की सुरक्षा (Security of Court Complexes in Rajasthan) की फाइल करीब डेढ़ साल से पेंडुलम बनी हुई है. फाइल सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है और जजों-कोर्टों की सुरक्षा (Security of Judges-Courts) भगवान भरोसे है. पुलिस महकमा (Rajasthan police department) सिक्योरिटी देने के लिए संसाधन और मैन पावर मांग रहा है, तो सरकार कभी देने से इनकार कर रही है, तो कभी बजट सत्र (Budget Session) के दौरान मंजूरी देने का तर्क दे रही है. 

प्रदेश में आम जनता को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण देने के सरकार दावे कर रही है. दावा है, पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था देने का, लेकिन जिन जगहों पर रोजाना अपराधियों की आमदरफत है, वो जगह भी महफूज नहीं है.
 जी, हां हम बात कर रहे हैं प्रदेश की कोर्ट परिसरों (State court complexes) की, जहां की सुरक्षा के लिए पुलिस महकमा लगातार इंतजाम की मांग कर रहा है, लेकिन डेढ़ साल से  सिक्योरिटी फाइल में दबी है. बदमाशों को को पेशी के लिए जेल से कोर्ट लाया जाता है. इस दौरान कोर्ट परिसरों में बदमाशों के आपस में टकराने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन घटनाओं के बाद कोर्ट ने परिसरों की सुरक्षा के लिए सरकार को निर्देश दिए. इसके बाद से फाइल कई दफा सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगा चुकी है.

सुरक्षा की घूमती फाइलों पर एक नजर 

  •  वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने प्रदेश के कोर्ट परिसरों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए
  •  पुलिस मुख्यालय से कोर्ट सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग भिजवाया
  •  19 फरवरी 2020 को गृह विभाग ने पीएचक्यू को सुरक्षा का आंकलन कर नए सिरे से कर पदों का प्रस्ताव मांगा
  •  एडीजी इंटेलीजेंस ने 4 मार्च 2020 को आईजी पुलिस सुरक्षा की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय कमेटी गठित की
  •  कमेटी ने  सभी न्यायालय परिसर की सुरक्षा के लिए आवश्यक पुलिस बल एवं संसाधनों का आंकलन-विशेष विश्लेषण तैयार किया
  •  कमेटी ने न्यायालय परिसर की सुरक्षा के लिए पुलिस बल एवं  डीएफएमडी, सीसीटीवी कैमरा जैसे उपकरणों का प्रस्ताव दिया
  •  कमेटी ने  35 डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, 222 उपखंड मुख्यालय स्थित कोर्ट, अन्य स्थानों पर स्थित 69 कोर्ट परिसर की सुरक्षा जरूरी बताई
  •  प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के लिए 2 डीएफएमडी, 24 सीसीटीवी कैमरे और उनके संचालन के लिए कांस्टेबल मांगे गए हैं
  •  उपखंड मुख्यालय स्थित प्रत्येक कोर्ट और अन्य कोर्ट परिसर में एक-एक डीएफएमडी लगाने की सिफारिश की गई
  •  वहीं सभी कोर्ट परिसरों की सुरक्षा के लिए 35 हैडकांस्टेबल, 1154 कांस्टेबल, 582 होमगार्ड की जरूरत है
  •  इन पदों पर 93 करोड़ 42 लाख का वार्षिक खर्च बताया गया है
  •  वहीं संसाधनों पर 5 करोड़ 83 लाख का संभावित खर्च आएगा
  •  कोर्ट परिसरों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के पद सृजित करने के लिए एडीजी होमगार्ड अमृत कलश ने 16 मार्च 2021 को पत्र लिखा
  •  एडीजी इंटेलीजेंस ने एडीजी पुनर्गठन को एक मार्च 2021 को पत्र लिखा
  •  इधर 23 मार्च 2021 को एडीजी पुनर्गठन ने  फिर पत्र लिखकर पद और संसाधन देने की मांग की 
  •  सरकार स्तर से पुलिस को उपलब्ध संसाधनों से सुरक्षा लेने की बात कही
  •  हाल ही वित्त विभा ने कोर्ट सुरक्षा के लिए पदों के सृजन का मामला बीएफसी में रखने की सलाह दी.

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