भाजपा ने भले ही भाजपा की पार्षद शील धाभाई को मेयर बनाने के काबिल नहीं समझा हो, लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार भाजपा की शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर के तौर पर नगर निगम ग्रेटर की कमान दे दी है.
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जयपुर: भाजपा ने भले ही भाजपा की पार्षद शील धाभाई को मेयर बनाने के काबिल नहीं समझा हो, लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने दूसरी बार भाजपा की शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर के तौर पर नगर निगम ग्रेटर की कमान दे दी है. डॉ.सौम्या गुर्जर के मेयर पद से बर्खास्ती के बाद आज शुभ मूहूर्त में पूरे विधि-विधान से शील धाभाई ने आठ माह बाद फिर से मेयर की कुर्सी संभाली, लेकिन इस दौरान उनकी भाजपा पार्टी एक विधायक के अलावा कोई भी बड़ा पदाधिकारी पदभार ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुआ.
प्रदेश में सियासी संकट के बीच शहरी सरकार की जडे़ भी हिल गई. न्यायिक जांच में दोषी होने पर डॉ.सौम्या गुर्जर को बर्खास्त कर राज्य सरकार ने शील धाभाई को 60 दिन के लिए नगर निगम ग्रेटर की कार्यवाहक महापौर बना दिया हैं. बोर्ड में दूसरी बार कार्यवाहक मेयर के तौर पर शील धाभाई ने पूरे विधि-विधान, शिवजी और भगवान गणपति की पूजा अर्चना के साथ कुर्सी संभाल ली हैं. पदभार ग्रहण करने के समय कुछ पार्षद और कार्यकर्ताओं ही मौजूद रहे. जहां उन्होंने धाबाई को फूलों का गुलदस्ता भेंट कर मेयर बनने की बधाई दी.
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पहले से ज्यादा अच्छा काम करने पर रहेगा फोकस
हालांकि, उनकी ज्वाइनिंग में एक विधायक के अलावा शहर के अन्य दूसरे विधायक और शहर भाजपा का कोई बड़ा पदाधिकारी नहीं दिखा.इस दौरान शील धाबाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका फोकस व्यवस्थाओं को सुधारने और पहले से ज्यादा अच्छा काम करने पर रहेगा. धाबाई ने मौजूदा कार्यव्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अभी शहर में सफाई व्यवस्था सबसे ज्यादा खराब है.जिसे ठीक करना मेरी पहली प्रायरिटी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों की रोड लाइट संबंधि शिकायतें पेंडिंग है.
दिवाली से पहले लाइटों की व्यवस्था करनी होगी दुरस्त
दीपावली का त्यौहार नजदीक आ रहा है, ऐसे में किसी भी गली या मोहल्ले में अंधेरा न रहे इसके लिए जल्द ही रोड लाइट का मैकेनिज्म ठीक करवाने और नई लाइटें लगाने का काम भी शुरू करवाया जाएगा. शील धाबाई भले ही भाजपा में वसुंधरा राजे की नजदीकी रही हो, लेकिन उनकी मौजूदा कांग्रेस सरकार के नेताओं से भी अच्छा तालमेल है. यही कारण रहा कि इसी कार्यकाल में 239 दिन कार्यवाहक मेयर रहने के दौरान उनकी एक बार भी नगर निगम कमिश्नर या किसी दूसरे अधिकारी से विवाद नहीं हुआ. वहीं, सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी ये मानते है कि धाबाई ने पिछले कार्यकाल में अच्छा काम किया, जिसके चलते उन्हें दोबारा कार्यवाहक मेयर बनाया गया है..गौरतलब है की तीसरी बार नगर निगम में शील धाभाई ने मेयर की कुर्सी संभाली हैं.
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सौम्या गुर्जर की बर्खास्तगी के बाद शील धाभाई को जिम्मेदारी
उधर नगर निगम ग्रेटर के डिप्टी मेयर पुनीत कर्नावट का कहना है की शील धाभाई को जिम्मेदारी मिली है. पहले भी शील धाभाई के साथ मिलकर काम किया हैं और आगे भी नगर निगम ग्रेटर को ग्रेट बनाएंगे. डॉ.सौम्या गुर्जर के बर्खास्त करने के मामले में उन्होने कहा की लोकतांत्रिक प्रकिया से चुनी गई मेयर को जिस आदेश से हटाया गया वो अंतिम नही हैं..उस आदेश को न्यायिक फोरम पर चुनौती दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा की डॉ.सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के साथ ही उनकी नेम प्लेट को चाकू से कुदेरकर हटा दिया. जो की पूरी तरह से निंदनीय-अशोभनीय है. इसको लेकर नगर निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी को पत्र लिखा है.और जिसने इस तरह की हरकत की है उस पर कार्रवाई की मांग की हैं.उधर शील धाभाई के पदभार ग्रहण करने के बाद आयुक्त महेन्द्र सोनी ने भी शिष्टाचार मुलाकात कर बधाई दी.
बहरहाल, सवाल ये है की कार्यवाहक मेयर शील धाभाई इस बार पिछली गलतियों से सबक लेते हुए काम करेंगी ? ..या फिर पहले की तरह कुछ चुनिंदा पार्षदों-चेयरमैनों से इर्द-गिर्द ही शहरी सरकार चलाएगी..यदि इस बार पार्षदों को साथ लेकर नहीं चली तो उनका फिर से विरोध होना तय है.