पर्यटन विभाग की नई पहल, प्रदेश में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने की कवायद तेज
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पर्यटन विभाग की नई पहल, प्रदेश में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने की कवायद तेज

 विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर राजधानी जयपुर के मसाला चौक पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया.

 पर्यटन विभाग की नई पहल, प्रदेश में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने की कवायद तेज

जयपुर: विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर राजधानी जयपुर के मसाला चौक पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई है.  पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान का अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के कारण देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान है.

प्रदेश के ऐतिहासिक किले एवं महल पुरातत्व एवं स्थापत्य कला के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं.  साथ ही यहां के त्योहार, मेलों और उत्सवों में प्रदेश की बहुआयामी लोक संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक संगीत एवं नृत्यों की विविधताएं सैलानियों के लिए सदैव ही आकर्षण का केन्द्र रही है.

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पर्यटन विभाग की नई पहल

विश्व पर्यटन दिवस और एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन के शुभारंभ को लेकर पर्यटन विभाग, यूनेस्को और जयपुर विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर स्थित मसाला चौक पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड ने संबोधित किया.उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की जा रही है. प्रदेश के प्रमुख स्थलों पर नाईट ट्यूरिज्म और हेरिटेज संस्कृति, लोक कला और लोक कलाकारों को बढ़ावा दिया जायेगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को हमारी समर्थ संस्कृति और लोक कला से रूबरू करवाया जाए.

राजस्थान की कला संस्कृति और विरासत को बढ़ावा

पर्यटन निदेशक डॉ रश्मि शर्मा ने कहा कि राजस्थान अपनी संस्कृति,समृद्ध विरासत और वैभवशाली इतिहास के लिए दुनियाभर में विख्यात है. स्वदेशी और विदेशी पर्यटक यहां की कला, किले, महल, बावड़ियां, पारम्परिक लोक कला और रंग-बिरंगी संस्कृति से अभिभूत हो जाते है.,, पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश.विदेश के पर्यटकों को राज्य की परम्परा और विरासत से परिचित करवाया जाएगा.जिससे आने वाले समय में राजस्थान में पर्यटन की वृद्धि होगाी.,,

विशेष पर्वों में स्मारकों पर कार्यक्रम
प्रदेश के सभी स्मारकों पर समय समय पर विशेष पर्वो पर पर्यटन विभाग की ओर से लोक कला सांस्कृति कार्यक्रम आयेाजित किए जाते है.इन स्मारकों पर आने वाले पर्यटकों का मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं. कार्यक्रम में लंगा, मांगणियार, मीर, लोक संगीत और कालबेलिया लोक नृत्य, लोक कलाकारों ने अपनी कला के अद्भुत प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. इस दौरान पर्यटक इन लोक कलाकारों के साथ झूमने पर मजबूर हो जाते हैं.

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के सभी स्मारकों और संग्रहालयो पर पर्यटकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रखा गया. इन स्थलों पर पर्यटकों का तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया. साथ ही स्मारकों पर लोक कलाकारों की ओर से कच्छी घोड़ी नृत्य, कालबेलिया नृत्य समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

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