SI Recruitment 2021: सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में बढ़ता विवाद, अब बेरोजगारों की अदालत से गुहार
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SI Recruitment 2021: सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में बढ़ता विवाद, अब बेरोजगारों की अदालत से गुहार

13 से 15 सितम्बर तक तीन चरणों में आयोजित इस परीक्षा में परीक्षार्थियों की उपस्थिति 48 फीसदी रही.

 

अभ्यर्थियों को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा

Jaipur: करीब 5 साल के लम्बे इंतजार के बाद एसआई भर्ती 2021 (SI Recruitment 2021) का आयोजन 13 से 15 सितम्बर तक हुआ. 859 पदों पर आयोजित हुई इस परीक्षा में करीब 7 लाख 95 हजार से ज्यादा बेरोजगारों ने आवेदन किया तो वहीं 13 से 15 सितम्बर तक तीन चरणों में आयोजित इस परीक्षा में परीक्षार्थियों की उपस्थिति 48 फीसदी रही.

परीक्षा के पहले चरण 13 सितम्बर को ही पेपर सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (viral) हुआ, उसके बाद 14 दिसम्बर को परीक्षा केन्द्र के अंदर से वीडियो और 15 सितम्बर को ओएमआर शीट (OMR sheet) की फोटो वायरल (Viral Photo) हुई, जिसके बाद परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने इस भर्ती परीक्षा को रद्द करवाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर आखिरकार अभ्यर्थियों को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा. तीन बार सुनवाई टलने के बाद अब मामले पर 15 दिसम्बर को अगली सुनवाई होगी.

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गौरतलब है कि 859 पदों पर निकाली गई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का आयोजन पहले एक चरण में 4 सितम्बर को होना था, लेकिन आरपीएससी (RPSC) की ओर से परीक्षा की तिथि में बदलाव करते हुए इसको 13 से 15 सितम्बर तक आयोजित करवाने का फैसला लिया, पहले दिन 13 सितम्बर को पेपर बीकानेर (Bikaner News) से पाली (Pali News) तक पहुंचा और करीब 1 हजार लोगों तक पेपर सोशल मीडिया से माध्यम से पहुंचा तो 14 सितम्बर को जयपुर (Jaipur) के एक परीक्षा केन्द्र के अंदर का वीडियो भी वायरल हुआ तो 15 सितम्बर अलवर (Alwar News) के एक परीक्षा केन्द्र से ओएमआर शीट का फोटो वायरल हुआ. मामले में करीब 150 से ज्यादा गिरफ्तारी (Arrest) तक हो चुकी है.

भर्ती परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी सुमित शर्मा का कहना है कि जब 26 लाख रीट अभ्यर्थियों (REET Candidates) की परीक्षा एक दिन में हो सकती थी तो 8 लाख अभ्यर्थियों की एसआई भर्ती 3 दिनों में क्यों आयोजित हुई. पेपर आउट होने के पूरे सबूत मौजूद हैं. वीडियो और ओएमआर शीट की फोटो वायरल होने के सबूत साबित हो चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी ना तो आरपीएससी की ओर से कोई ध्यान दिया जा रहा है और ना ही सरकार की ओर से, अपनी मांग को लेकर कई बार आंदोलन तक किए गए.

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अभ्यर्थी सुमित शर्मा ने बताया कि जब किसी भी तरफ से राहत नहीं मिली तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. 5 अक्टूबर को जब सुनवाई हुई तो सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 28 दिनों में अदालत ने जवाब मांगा. उसके बाद 8 नवम्बर, 20 नवम्बर और 29 नवम्बर को मामले पर सुनवाई टाली गई, और अब अगली सुनवाई 15 दिसम्बर को होनी है. ऐसे में सरकार से हमारी गुहार है कि जल्द से जल्द इस मामले पर संज्ञान लेते हुए और सभी तथ्यों के आधार पर इस परीक्षा को निरस्त कर नए सिरे से एक ही दिन में परीक्षा का आयोजन करवाया जाए.

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