वेंटिलेटर किराए पर देने का मामला, याचिकाकर्ता ने सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
Advertisement

वेंटिलेटर किराए पर देने का मामला, याचिकाकर्ता ने सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर को निजी अस्पताल को किराए पर देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष लंबित याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से शपथ पत्र पेश कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 

फाइल फोटो

Jaipur : पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर को निजी अस्पताल को किराए पर देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष लंबित याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से शपथ पत्र पेश कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. राज्य सरकार (state government) की ओर से शपथ पत्र का जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में रखी है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश विजय कुमार गोयल व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.

यह भी पढे़ं- Jaipur News: Covid प्रबंधन में उद्योग मंत्री ने की पहल, मदद के लिए आगे आ रहे उद्यमी

याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र पेश कर कहा कि राज्य सरकार ने मनमर्जी से सरकारी उपकरण निजी अस्पताल को दिए हैं. वहीं, राज्य सरकार ने पूर्व में हाईकोर्ट (Rajasthan High court) में शपथ पत्र पेश करने के दौरान कई जानकारियां भी छिपाई हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने जिंदल अस्पताल को मात्र पांच वेंटिलेटर देने की जानकारी दी है, जबकि सरकार ने दस वेंटिलेटर दिए थे. राज्य सरकार गत 27 अप्रैल से 13 मई तक निजी अस्पताल की ओर से सिर्फ 18 बार वेंटिलेटर का उपयोग करने का हवाला देकर एक लाख 62 हजार रुपए की रिकवरी करना बता रही है. जबकि दूसरी ओर निजी अस्पताल ने पत्र लिखकर पांच वेंटिलेटर की कमी बताते हुए अतिरिक्त वेंटिलेटर देने की मांग की थी.

इसके साथ ही सरकार ने आरबीएम अस्पताल में 15 अप्रैल से 15 मई तक अधिकतम छह वेंटिलेटर का एक दिन में उपयोग का हवाला दिया है, जबकि चिकित्सा राज्य मंत्री ने आरबीएम अस्पताल को साठ नए वेंटिलेटर देने के आदेश दिए. जिससे साबित है कि अस्पताल में वेंटिलेटर का काफी उपयोग किया गया. इसके अलावा निजी अस्पताल ने मरीजों से वेंटिलेटर के 11 लाख रुपए से अधिक वसूल किए हैं. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि एक आईएएस व दो आरएएस के रिश्तेदारों के निजी अस्पताल में भर्ती होने के चलते यह मेहरबानी की गई है. 

यह भी पढे़ं- Congress में जारी है अंतर्कलह, अब प्रतापगढ़ विधायक और जनजाति मंत्री की खटपट आई सामने

Trending news