Shardiya Navaratri 2022: विधि विधान से देवी कात्यायनी की पूजा करने से शीघ्र ही मनोकामना पूर्ण होती है. नवरात्रि के इस पावन पर्व में मां दुर्गा की आराधना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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Shardiya Navratri 2022: सभी को अपनी शादी या अपने प्यार को एक नाम देना चाहते हैं पर ऐसा होंहि पता बहुत सी रुकावट आती हैं तो क्या आपके विवाह में भी अड़चनें आ रही हैं, क्या लंबे समय से आपको आपका जीवनसाथी नहीं मिल रहा है. यदि ऐसा है तो अब आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. आज हम आपको ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपको जल्द ही अपना जीवनसाथी मिल जाएगा और नवरात्रि के इस पावन पर्व में मां दुर्गा की आराधना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
यदि आपकी कामना शीघ्र विवाह की है तो इसके लिए आपको नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा अर्चना करनी होगी, ऐसा करने से शीघ्र ही आपकी शादी इच्छा पूर्ण होगी. देवी कात्यायनी अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर पाने में आने वाली बाधाओं को दूर करती है. श्रीकृष्ण का गोपियों के साथ रास, इसका प्रमाण है कि देवी कात्यायनी से मांगा वर खाली नहीं जाता.
मां कात्यायनी की पूजा करने से पूर्ण होगी मनोकामना
देवी कात्यायनी कात्य नामक ऋषि की पुत्री थी. महिषासुर का आतंक खत्म करने के लिए ऋषि कात्य ने तपस्या कर मां दुर्गा से वरदान मांगा कि आप मेरी पुत्री बनकर जन्म लें और महिषासुर का अंत करें. उनकी तपस्या से प्रसन्न माता ने उनकी कामना पूर्ण की और ऋषि के घर जन्म लिया. जन्म लेने पर सबसे पहले ऋषि कात्य ने उनकी पूजा-अर्चना की और इसी से उनका नाम कात्यायनी पड़ा. फिर उन्होंने महिषासुर का अंत किया, साथ ही आपको बता दें कि मां कात्यायनी देवी अविवाहित कन्याओं को मनपसंद वर पाने की भी कामना भी पूरी करती हैं.
गोपियों की पूरी की थी मनोकामना
इसका प्रमाण ये है कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को वर रूप में पाने के लिए मां कात्यायनी की यमुना तट पर पूजा की थी. विष्णु के आंठवें अवतार श्रीकृष्ण के लिए सभी गोपियों से विवाह तो संभव नहीं था पर उनकी कामना पूर्ति के लिए गोपियों संग श्रीकृष्ण ने रास रचाया और हर गोपी के साथ कृष्ण नजर आए. इसी कारण देवी कात्यायनी बृज की अधिष्ठात्री देवी कहलाईं. दूसरा महत्वपूर्ण यह भी है कि नवरात्र के छठे दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होता है, जिससे मन की कामना शीघ्र पूरी होती है.
जानें कौन से मंत्र का जाप करके मां को प्रसन्न करें
माता के सामने घी का दीपक जलाएं. विधि-विधान से पूजा करें. इसके बाद हल्दी की तीन गांठें अर्पित करें. मां से मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. मां कात्यायनी के समक्ष चंदन या किसी भी माला से ''कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी. नन्दगोपसुतम् देवी, पति मे कुरु ते नमः।।'' इस मंत्र का एक माला जप करें.
जानिए किस उम्र के लोग कैसे करें ये उपाय
जिनकी उम्र 20 से 25 साल है, उनके लिए उपाय
- सायं काल देवी के समक्ष घी का एक दीपक जलाएं
- देवी को पीली चुनरी और हल्दी की एक गांठ अर्पित करें
- इसके बाद उनसे शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें
- हल्दी की गांठ को पीली चुनरी में बांधकर रख लें
- आपका विवाह शीघ्र हो जाएगा
जिनकी आयु 26 से 30 वर्ष है, उनके लिए उपाय
- सायंकाल देवी के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाएं
- इसके बाद देवी को पीतल या सोने का एक छल्ला अर्पित करें
- फिर देवी के मंत्र "ॐ कात्यायनी दैव्ये नमः" का 108 बार जाप करें
- मंत्र जाप के बाद उस पीतल या सोने के छल्ले को दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करें
जिनकी आयु 31 से 35 वर्ष है, उनके लिए उपाय
- हवन सामग्री में पीली सरसों मिला लें
- इसके बाद ढेर सारी आम की लकड़ियां जला लें
- इसके बाद उस हवन सामग्री से 108 बार अग्नि में आहुति दें
- हर आहुति पर "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे" कहें
- आपका विवाह शीघ्र से शीघ्र हो जाएगा
हल्दी की गांठों का ऐसे करें इस्तेमाल
पूजा पूर्ण होने के बाद हल्दी की गांठों को पीले कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें. नैवेद्य को घर में बांटे और शहद को विशेष रूप से यदि लड़का या लड़की स्वयं ग्रहण करें या चाहें तो फेसपेक रूप में उसका इस्तेमाल करें या जल में मिलाकर चेहरा निरंतर धोएं. ऐसा करने से विवाह होने में आने वाली बाधाएं दूर होकर मनचाहा वर या वधु मिल जाता है और सफल और सुगम वैवाहिक जीवन व्यतीत होता है.
( Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Media इनकी पुष्टि नहीं करता है. )