Diwali Festival 2023: ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है और इस वर्ष यह त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा. दीपावली का शुभारंभ धनतेरस के दिन से ही हो जाता है और यह 5 दिवसीय उत्सव भाई दूज तक मनाया जाता है.
Trending Photos
Diwali 2023: दीपावली का त्योहार का शुभारम्भ धनतेरस से होता है और भाई दूज पर जाकर समाप्त होती है. लोग अपने घरों को सजाते हैं और साफ-सफाई करते हैं. धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है और इस वर्ष यह त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा.
यह भी पढ़े: अदालत ने ललित मोदी को राहत देने से किया इनकार, रिवीजन अर्जी को किया खारिज
5 दिवसीय उत्सव
दीपावली का शुभारंभ धनतेरस के दिन से ही हो जाता है और यह 5 दिवसीय उत्सव भाई दूज तक मनाया जाता है. सबसे पहले धनतेरस, फिर नरक चतुर्दशी, उसके बाद बड़ी दीपावली, फिर गोवर्द्धन पूजा और सबसे आखिर में भाई दूज पर इस पर्व की समाप्ति होती है. इस बार धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को मनाई जाएगी.
कृष्ण चतुर्दशी को नरक चौदस भी कहते है
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली मनाई जाती है. यह कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी होती है और इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस भी कहते हैं. दीपावली कार्तिक की अमावस्या को होती है और इस दिन भगवान राम लंका को जीतकर अयोध्या लौटे थे. जिनके स्वागत में नगरवासियों ने घी के दीपक जलाकर खुशिया मनाई थी. दीपावली के उपलक्ष्य में हर साल लोग चारों तरफ दीए जलाकर खुशियां मनाते हैं. इस दिन गणेश भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है. भगवान गणेश हमें सभी अच्छे कार्यों में शुभ लाभ प्रदान करते हैं और मां लक्ष्मी धनवान बनाती हैं.
यह भी पढ़े: विधानसभा चुनाव 2023 में नाम वापसी के बाद करौली में अब 36 प्रत्याशी मैदान में
13 नवंबर को गोवर्द्धन पूजा
पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया की दीपावली के अगले दिन 13 नवंबर को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्द्धन पूजा की जाती है. इंद्र भगवान ने क्रोध में आकर जब भीषण वर्षा करवाई थी तो भगवान कृष्ण ने सभी गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्द्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था. पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी लोगों की जान बच पाई थी. इस उपलक्ष्य में हर साल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्द्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है.
यह भी पढ़े: कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने बीजेपी पर साधा निशाना, गहलोत के लिए पढ़े तारीफ के कसीदे
15 नवंबर को यम द्वितीया
भाई दूज यानि की यम द्वितीया का पर्व बुधवार 15 नवंबर को मनाया जाएगा. पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक़ यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करके और उनकी आरती करके लंबी उम्र की कामना करती हैं. मान्यता है कि इस दिन यमराज भी अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर आए थे.