Jaipur news : परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार लगातार कहते रहे हैं कि फिटनेस सेंटर्स में गड़बड़ियां हो रही हैं. इनकी मनमर्जी को रोकने के लिए वे विभागीय समीक्षा बैठक में भी आदेश दे चुके हैं. लेकिन फिटनेस सेंटर्स की गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं.
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Jaipur news : परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार लगातार कहते रहे हैं कि फिटनेस सेंटर्स में गड़बड़ियां हो रही हैं. इनकी मनमर्जी को रोकने के लिए वे विभागीय समीक्षा बैठक में भी आदेश दे चुके हैं. लेकिन फिटनेस सेंटर्स की गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला जयपुर के दौलतपुरा स्थित तिरुपति एसोसिएट्स फिटनेस सेंटर का है. यहां बगैर वाहनों के आए ही 1416 वाहनों की फिटनेस जारी कर दी गई. कैसे हुआ यह कारनामा, देखिए, जी मीडिया की यह खास रिपोर्ट..
तिरुपति एसोसिएट्स का कारनामा
जयपुर के दौलतपुरा में स्थित तिरुपति एसोसिएट्स का कारनामा इन दिनों परिवहन विभाग से जुड़े गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा इसलिए ज्यादा है, क्योंकि यहां विभागीय अधिकारियों ने जब फिटनेस सेंटर की जांच की तो पता चला कि पिछले 4 माह में करीब डेढ़ हजार वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र बगैर वाहनों के आए ही जारी कर दि गए. यही नहीं, फिटनेस सेंटर ने परिवहन विभाग में वाहनों की जांच के दौरान की कैमरों की जो रिकॉर्डिंग सीडी के रूप में मुहैया कराई थी, वे सीडी खाली पाई गई.
फिटनेस सेंटर का हुआ निरीक्षण
जयपुर आरटीओ द्वितीय धर्मेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में परिवहन विभाग के अधिकारियों के दल ने 1 अगस्त को इस फिटनेस सेंटर का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान की कमियों की रिपोर्ट जयपुर आरटीओ द्वितीय ने परिवहन मुख्यालय को भिजवाई थी. इस आधार पर ज्वाइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रूल्स नानूराम चोयल ने फिटनेस सेंटर को नोटिस जारी किया है. तिरुपति एसोसिएट्स के अलावा शाहपुरा के वत्सल फिटनेस सेंटर की भी जांच गुरुवार को की गई है. यहां भी परिवहन विभाग की टीम को कई गड़बड़ियां मिली हैं.
फिटनेस सेंटर में गड़बड़ियां क्या मिली ?
जांच में यह भी सामने आया कि जो भी वाहन फिटनेस जांच के लिए आते हैं, फिटनेस केन्द्र पर उन वाहनों की जांच के समय मंजिली वाहनों में मार्गों के अनुसार नगरीय, उपनगरीय ओर ग्रामीण मार्गों के लिए निर्धारित कलर की पुष्टि करनी होती है, जो कि यहां नहीं की जा रही थी. सीसीटीवी के लाइव कवरेज का लिंक परिवहन विभाग के जिला परिवहन अधिकारी को उपलब्ध नहीं कराया गया. फिटनेस के लिए आए वाहन के पंजीयन संख्या, वाहन का मेकमॉडल, वाहन का इंजनचैसिस संख्या, वाहन स्वामी का नाम, पूरा पता, परमिट का विवरण आदि तथ्य दर्ज करने होते हैं. लेकिन जांच में पाया गया कि यहां रजिस्टर में केवल पंजीयन क्रमांक और चैसिस इम्प्रेशन ही पाए गए. वाहनों के अन्य रिकॉर्ड नहीं लिए गए थे.
परिवहन विभाग को पहुंचाया आर्थिक नुकसान
Reporter- Kashiram Choudhary
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