Jaipur: संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान की ओर से आज जयपुर में विशाल धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन कार्यक्रम शहीद स्मारक पर आयोजित किया गया. धरने में शामिल किसानों को प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने संबोधित किया. संबोधन के बाद सभी किसानों का राजभवन घेराव का कार्यक्रम था.
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Jaipur: संयुक्त किसान मोर्चा राजस्थान की ओर से आज जयपुर में विशाल धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन कार्यक्रम शहीद स्मारक पर आयोजित किया गया. धरने में शामिल किसानों को प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने संबोधित किया. संबोधन के बाद सभी किसानों का राजभवन घेराव का कार्यक्रम था. लेकिन पुलिस ने राजभवन जाने की अनुमति नहीं दी, और शहीद स्मारक को पुलिस ने बेरीकेटिंग लगाकर कर जाम कर दिया. लेकिन किसान कहां मानने वाले थे, उन्होंने पुलिस की बेरीकटिंग को तोड़ते हुए राजभवन की ओर कूच किया. इस दौरान शहीद स्मारक पर पुलिस और किसानों के बीच हल्की फुल्की झड़प भी देखने को मिली, लेकिन किसानों ने इसे नजर अंदाज करते हुए राजभवन की ओर अपने कदम बढ़ा दिए. इसी बीच सिविल लाइन फाटक पर पुलिस ने बड़ी संख्या में बेरीकेटिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोका.
उसके बाद समझाबुझा इसका किसानों के प्रतिनिधिमंडल को राजभवन जाने की अनुमति दी गई. किसानों ने राजभवन जाकर प्रधानमंत्री के नाम पत्र सौंपा. इस अवसर पर राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने बताया केंद्र सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. किसानों की आवाज को दबाने के लिए केंद्र की सरकार ने तीन काले कानून बनाए थे, जिन्हें किसानों की हट के चलते वापस लेने पड़े. 26 नवंबर 2020 को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा शुरू किये गये ऐतिहासिक “दिल्ली चलो” आंदोलन, जो कि दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा किसान आंदोलन साबित हुआ.
इस आंदोलन के द्वारा देश के किसानों को उनकी अपनी जमीन और रोज़ी-रोटी से बेदखल करने के कॉर्पोरेट-राजनीतिक गठजोड़ के षडयंत्र को बेनकाब करते हुये एक ऐतिहासिक जीत हासिल की गई थी. परन्तु उस आंदोलन के बाद भी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. आज़ का यह ''राजभवन मार्च'' राज्य में किसानों के आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है.
राज्य का किसान ''कर्ज मुक्ति - पूरा दाम'' सहित सरकार द्वारा किए गए सभी वादे और सभी मांगें पूरी होने तक एक निरंतर चलने वाले और प्रतिबद्ध संघर्ष के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. वहीं सीपीएम नेता अमराराम ने कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर बाजरा, मूंग,मूंगफली ,सोयाबीन आदि फसलों की खरीद तुरंत शुरू की जाए. प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में सही क्रॉप कटिंग करवाई जाए. इसी के साथ क्रॉप कटिंग के बाद बरसात से फसलों को हुए नुकसान के लिए दुबारा रिपोर्ट करवाकर मुआवजा और कृषि बीमा का बीमा क्लेम का भुगतान जल्द हो जिससे किसानों को राहत मिले.
किसान का बकाया कृषि बीमा क्लेम तुरंत दिया जाए,राज्य के किसानों को डीएपी , बीज और यूरिया की आपूर्ति बिना बाधा के तुरंत दूर किया जाना चाहिए. बिजली ली डिमांड राशि जमा कृषि कुओं को तुरंत बिजली कनेक्शन दिए जाए. नहरों और बांधो से किसानों को खेती के लिए आवश्यक पर्याप्त पानी दिया जाए. इसी के साथ राजस्थान में किसानों पर किसान-आंदोलनों में बने सभी मुकद्दमे वापिस लिए जाने चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार अगर जल्द ही किसानों की मांगों को पूरा नहीं करेगी तो आने वाले समय में देश भर में एक एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार की होगी.
Reporter: Anoop Kumar
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