कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने बताया कि "कर्नल साहब की पार्थिव देह आज पूरे दिन यहां आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखी गई है. कर्नल साहब का अंतिम संस्कार पैतृक गांव मुंडिया में ही किया जाएगा.
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Jaipur: गुर्जर समाज के प्रतिनिधि और राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 81 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
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दो बार कोरोना की चपेट में आने के बाद पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आज 31 मार्च 2022 सुबह अपनी अंतिम सांस ली. आज सुबह अचानक तबीयत खराब होने के बाद उनके बेटे विजय बैंसला उनको सीकर रोड स्थित मणिपाल अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. आज पूरे दिन जयपुर स्थित आवास पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा तो वह कल उनके पैतृक निवास मुंडिया करौली में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
1960 से लेकर 2000 तक फौज में रहकर देश की सेवा की
12 सितंबर 1940 को जन्मे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1960 से लेकर 2000 तक फौज में रहकर देश की सेवा की. करीब 40 साल तक देश की सेवा करने के बाद साल 2000 में सेवानिवृत्त होने के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने साल 2006 से समाज के लिए सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कि साल 2007 में पहली बार गुर्जर समाज को आरक्षण दिलवाने के लिए एक बड़े मूमेंट की शुरुआत की. मुझे समाज को आरक्षण दिलवाने के लिए पहली बार इतने बड़े स्तर पर आंदोलन देखने को मिला. जब तक गुर्जर समाज को आरक्षण नहीं मिला कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपना आंदोलन जारी रखा. करोड़ी सिंह बैसला ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करके राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया लेकिन राजनीति में उन को खासी सफलता प्राप्त नहीं हो सकी.
अंतिम दर्शनों के लिए रखी गई बैंसला की पार्थिव देह
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन का समाचार सुनते ही पूरे गुर्जर समाज में शोक की लहर व्याप्त हो गई. सुबह से ही लोगों के आवास पर आने का सिलसिला जारी रहा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की पार्थिव देह को आज जयपुर स्थित आवास पर ही अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है.
श्रद्धांजलि देने पहुंचे बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़
बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि "कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जाना ना सिर्फ समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. साथ ही राजनीति के क्षेत्र में भी यह बड़ी क्षति है. जब भी कर्नल साहब से मिलते थे उनका अनुभव भविष्य में हमेशा आगे बढ़ने की राह दिखाता था. उनके साथ बिताया हर पल याद आता है. भगवान उनके परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति दे."
क्या कहना है बैंसला के बेटे विजय बैंसला का
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने बताया कि "कर्नल साहब की पार्थिव देह आज पूरे दिन यहां आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखी गई है. कर्नल साहब का अंतिम संस्कार पैतृक गांव मुंडिया में ही किया जाएगा. फिलहाल बड़े बेटे और बेटी जयपुर के लिए रवाना हो चुके हैं और उनको आने के बाद कल सुबह मुंडिया के लिए रवाना होंगे."
राजनीति के लिए भी एक बड़ा धक्का
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को श्रद्धांजलि देने के लिए मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी पहुंचे. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि "कर्नल साहब से पुराना नाता रहा है. जब भी कर्नल साहब ने आंदोलन किए तो वार्ता के लिए हमेशा मुझे ही बुलाया. आज हमने ऐसी शख्सियत को खोया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है. कर्नल किरोड़ी का जाना ना सिर्फ समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. साथ ही राजनीति के लिए भी एक बड़ा धक्का है.