Seized drugs and cash in Rajasthan: राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटर्स को लुभाने के लिए फ्री में शराब-ड्रग्स, लुटाए जाने की तैयारी चल रही है. प्रदेश में पिछले 35 दिन में अलग-अलग प्रवर्तन एजेंसियों ने करीब 150 करोड़ रुपए कीमत की ड्रग्स, शराब, सोना- चांदी, कैश और फ्री श्रेणी की सामग्री जब्त कर चौंका दिया है.
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Before Rajasthan election seized drugs cash: राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटर्स को लुभाने के लिए फ्री में शराब-ड्रग्स, लुटाए जाने की तैयारी चल रही है. चुनाव में धन-बल और नशे के इस्तेमाल कैसे किया जाए इसे लेकर राजनेता पुरजोर तैयारी में लगे हैं. पैसे चुनावों को प्रभावित करने के अंदेशों के तहत प्रदेश में पिछले 35 दिन में अलग-अलग प्रवर्तन एजेंसियों ने करीब 150 करोड़ रुपए कीमत की ड्रग्स, शराब, सोना- चांदी, कैश और फ्री श्रेणी की सामग्री जब्त की गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसी की ओर से जारी रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.
इसमें 11.3 करोड़ रुपए का कैश, 67 करोड़ रुपए की मादक सामग्री, 20.9 करोड़ रुपए की शराब है. सोना चांदी 28 करोड़ रुपए के है. इसके अलावा फ्री के सामान की श्रेणी में 14.3 करोड़ रुपए की सामग्री है.
जी राजस्थान ने 2 दिन पहले ही कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में टोटल 5 करोड़ से अधिक वोटर्स वोटिंग करने वाले है. मतदाता को लुभाने के लिए पैसा, शराब, मादक पदार्थ और सोना-चांदी का खेल खुलकर खेला जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस साल होने वाले राजस्थान चुनाव में वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए नाजायज तरीकों पर लगाम लगेगी.
गौरतलब है कि इस हफ्ते के अंदर चुनाव आयोग के फुल कमीशन के जयपुर दौरे के बाद प्रदेश में 61 करोड़ रुपए कीमत की शराब, मादक पदार्थ, सोना-चांदी, कैश और गिफ्ट की सामग्री जब्त की गई है. जबकि 2018 की विधानसभा चुनाव में परिवर्तन एजेंसी द्वारा 71 करोड़ रुपए की जब्ती की गई थी.
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों को चुनाव के दौरान धन बल के इस्तेमाल के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का मजबूत संदेश दिया गया है. उन्होंने कहा, 'धनबल और मुफ्त में सामानों का वितरण करने वाले हमारे विशेष रडार पर होंगे. यदि वे (प्रवर्तन एजेंसियां) कार्रवाई नहीं करती हैं तो हम उनसे कार्रवाई करवाएंगे. समय आने पर हम आकलन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वे इन सब पर कार्रवाई करें."
उन्होंने कहा कि बैंकों से इस संबंध में ऑनलाइन नकद हस्तांतरण पर नजर रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि राजस्थान में चुनाव प्रलोभन मुक्त हों.
बहरहाल, केंद्रीय चुनाव आयोग का मानना है की उनकी सख्ती और लोगों की जागरूकता के चलते यह जब्ती बढ़ी है. मतदाताओं को लुभाने वाली वस्तुओं की आवाजाही पर पैनी नजर रखने के लिए चेक पोस्ट बनाने के साथ पुलिस, आबकारी, आयकर, राजस्व, मादक पदार्थ और जीएसटी प्रर्वतन एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा हैं.
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पड़ोसी राज्यों के बार्डर पर होने वाली वाहनों की आवाजाही पर कड़ी नजर हैं. सामान्य पर्यवेक्षकों के साथ-साथ जागरूकता पर्यवेक्षक, आयकर विभाग, आबकारी विभाग, पुलिस, अर्ध सैनिक बलों के जवानों के निशाने पर अवैध धन और शराब लाने-ले जाने वाले रहेंगे.
चुनाव में धन-बल और नशे के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनाव आयोग भले ही काफी सख्त है लेकिन चुनाव में मतदाताओं को उपहार, शराब आदि के जरिये लुभाने के अपने पुराने हथकंडे पर राजनीतिक दल अभी भी बेखौफ डटे हैं. यही वजह है कि प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को देने वाले उपहार, शराब, कैश भारी मात्रा में बरामद हो रहे हैं जो चिंता का विषय है.