बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ओबीसी मोर्चा की बैठक से इतर जोधपुर संभाग में पार्टी के बूथ अध्यक्षों का भी एक सम्मेलन रखा गया है. अमित शाह 10 सितंबर के दिन इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पूनिया की माने तो अमित शाह के संबोधन से कार्यकर्ताओं को ऊर्जा मिलेगी और ज्यादा सक्रियता से काम करेंगे.
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Jaipur: भारतीय जनता पार्टी लगातार इलेक्शन मोड में काम कर रही है. चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी की गतिविधियों में और सक्रियता आई है. पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भरतपुर से लेकर वागड़ तक का दौरा कर चुके हैं. वागड़ में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर से बेणेश्वर तक पदयात्रा करके आदिवासियों को साधने की कोशिश पूनिया ने की तो अब अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों के साथ ही जोधपुर संभाग की सीटों पर भी बीजेपी ने नजरें गड़ा दी हैं. जोधपुर में 8 से 10 सितंबर को होने वाली ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ में पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.
बीजेपी इलेक्शन मोड में
भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन के दम पर मजबूती की बात करती है. पार्टी के नेताओं का हमेशा यही कहना होता है कि बीजेपी 12 महीने इलेक्शन मोड में रहती है. पार्टी के पिछले दिनों के कार्यक्रमों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ अन्य नेताओं ने लगातार अपनी सक्रियता प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई है. सतीश पूनिया तो देश की पहली आदिवासी महिला के रूप में द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन के बाद वागड़ में पदयात्रा भी निकालने भी पहुंचे. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर से बेणेश्वर धाम तक निकाली पदयात्रा के जरिए सतीश पूनिया ने आदिवासी तबके को यह मैसेज देने की कोशिश की, कि भारतीय जनता पार्टी आदिवासियों के साथ खड़ी है. उधर ईआरसीपी के मुद्दे पर किरोड़ी लाल मीणा ने मोर्चा संभाला और पूरे राजस्थान में पार्टी के पक्ष को मजबूत करने की कोशिश की. खुद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी ब्रज चौरासी क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर साधुओं के विरोध के बाद भरतपुर पहुंचे थे.
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कांग्रेस पार्टी को घेरने की कोशिश
पूनिया ने इस दौरान साधुओं से मुलाकात की. इसी तरह पार्टी के केन्द्रीय नेता लगातार राजस्थान के दौरे कर रहे हैं. इसके साथ ही जेपी नड्डा सवाईमाधोपुर, बीकानेर, गंगानगर और जयपुर में अलग-अलग कार्यक्रमों में आए तो कार्यकर्ताओं में सक्रियता दिखी. अब बीजेपी राजस्थान में ओबीसी वोट बैंक को भी साधन में तत्पर दिख रही है. देश और प्रदेश में ओबीसी का वोट बैंक जाति आधार पर सबसे बड़ा माना जाता है और संभवतया यही कारण है कि बीजेपी के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक इस बार जोधपुर में आयोजित की जा रही है. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले से बीजेपी के दो दिग्गज कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करते दिखाई देंगे. 8 से 10 सितंबर तक होने वाली बीजेपी के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी संबोधित करेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि इस दौरान ओबीसी मोर्चा की बैठक से इतर जोधपुर संभाग में पार्टी के बूथ अध्यक्षों का भी एक सम्मेलन रखा गया है. अमित शाह 10 सितंबर के दिन इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे. पूनिया की माने तो अमित शाह के संबोधन से कार्यकर्ताओं को ऊर्जा मिलेगी और साल 2023 के चुनाव के लिए बूथ अध्यक्षों समेत अन्य कार्यकर्ता और ज्यादा सक्रियता से काम करेंगे.
आसपास के क्षेत्र को भी साधने की रणनीति
दरअसल जोधपुर में इस कार्यक्रम के जरिए बीजेपी ने मारवाड़ अंचल की सीटों के साथ आसपास के क्षेत्र को भी साधने की रणनीति बनाई है. इसके जरिये पार्टी जोधपुर संभाग के बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, जालोर, सिरोही ज़िलों में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और नागौर ज़िले की 29 में से सिर्फ पांच सीट ही मिल सकी थीं. वहीं पाली, जालोर, सिरोही ज़िलों में से पार्टी को 11 सीट मिली थी. यहा कारण माना जा रहा है कि बीजेपी ने जोधपुर संभाग में बड़ा कार्यक्रम करने का मानस बनाया है. लेकिन मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत के साथ ही कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता भी जोधपुर संभाग में अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहते. हालांकि जोधपुर में केन्द्रीय मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत लगातार पार्टी को मजबूत होने की बात कहते हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने यह दिखा भी दिया. लेकिन इस कार्यक्रम से पहले बीजेपी के मन में यह बात भी होगी कि मारवाड़ और गोड़वाड़ में हनुमान बेनीवाल के प्रभाव को किस तरह एक बार फिर पार्टी के साथ लिया जा सकता है, क्योंकि बेनीवाल भी तेज़ी से स्थानीय क्षत्रप के रूप में उभरे हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने आरएलपी को समझौते में लोकसभा की एक सीट देकर बेनीवाल के प्रभाव पर खुद की मान्यता की मुहर भी लगाई थी. हालांकि अब बेनीवाल एनडीए के साथ नहीं हैं, लेकिन पार्टी जोधपुर संभाग और आसपास के ज़िलों पर फोकस करके ओबीसी वट बैंक को साधने के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी उनके गृह जिले में घेरने की कोशिश करेगी.
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