कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और विधायक रूपाराम ने जैसलमेर में गाइडों को बांटे लाइसेंस
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कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और विधायक रूपाराम ने जैसलमेर में गाइडों को बांटे लाइसेंस

Jaisalmer News: कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने स्वर्ण नगरी जैसलमेर में पर्यटने को बढ़ावा देने के लिए  यहां के गाइडों को लाइसेंस बांटे. जिसके बाद गाइडों ने मंत्री और राज्य सरकार का आभार जताया. बता दें कि ये लाइसेंस पिछले 10 साल से अटके हुए थे.

 

कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और विधायक रूपाराम ने जैसलमेर में गाइडों को बांटे लाइसेंस

Jaisalmer: स्वर्ण नगरी जैसलमेर जहां पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी अलग ही पहचान रखती है. और यहां की 80% आबादी पर्यटन पर ही निर्भर है वहीं यहां प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी सैलानी जैसलमेर के ऐतिहासिक स्थलों को निहारने आते हैं. पर्यटकों को यहां के गाइड जैसलमेर के कला, संस्कृति और साहित्य से परिचित करवाते हैं.

ऐसे में यहां के गाइडों के लिए सबसे बड़ी चुनौती गाइड लाइसेंस ना होना था. वहीं राज्य सरकार ने जैसलमेर के गाइडों को बड़ी ही राहत की सौगात दी है. जिसके बाद जैसलमेर के गाइडों को आज शहर के मूमल टूरिस्ट बंगलो में लाइसेंस वितरित किए गए. जिसमे 486 लोगों को जहां लोकल लेवल लाइसेंस बांटे गए वहीं 63 राज्य स्तरीय गाइड लाइसेंस वितरित किए गए. इस दौरान लाइसेंस पाकर गाइडों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और जैसलमेर विधायक रुपाराम धनदेव का आभार जताया है. 

वहीं सर्टिफिकेट लेते गाइडों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं था. पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद,जैसलमेर विधायक रुपाराम धनदेव,नगर परिषद सभापति हरीवल्लभ कल्ला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर,पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर रहे मौजूद. अतिथियों द्वारा पात्र गाइडों को लाइसेंस देकर बधाइयां दी गई जिन पर गाइडों ने भी अतिथियों का आभार जताया.

बीते 10 साल से राजस्थान सरकार द्वारा गाइडों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन लाइसेंस निर्धारण में एजुकेशन को प्राथमिकता देने के कारण जैसलमेर के कई गाइड लाइसेंस से पिछड़ चुके थे क्योंकि जैसलमेर के कई गाइड जो कम पढ़े लिखे और कुछ जो निरक्षर भी है लेकिन वे 7से 8 भाषाओं का ज्ञान रखते हैं. जिस कारण शिक्षा उनके लाइसेंस के बीच बाधा पहुंच रही थी ऐसे में स्थानीय विधायक और  मंत्री के प्रयासों के बाद एजुकेशन की प्राथमिकता को लाइसेंस प्रक्रिया से हटाया गया.

 जिसके बाद जैसलमेर के गाइडों के लिए प्रतियोगी परीक्षा का भी आयोजन हुआ और प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने वाले गाइडों को अनुभव के आधार पर आज उनके व्यापार का वैधानिक हक दिया गया. 10 साल के इस संघर्ष के बाद आज जैसलमेर के गाइडों को उनके व्यापार का आधिकारिक हक मिल चुका है. जिसके बाद अब उनमें खुशी की लहर है और वे अपने व्यापार के हक मिलने पर राज्य सरकार का आभार जता रहे है.

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